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क्या डायबिटीज के मरीज चाय पी सकते हैं? जानिए कितना नुकसानदायक हो सकता है आर्टिफिशियल स्वीटनर

Artificial sweetener side effects: डायबिटीज का शिकार होने पर चीनी की मनाही हो जाती है लेकिन कई लोग चाय से परहेज नहीं कर पाते हैं. ऐसे में आर्टिफिशियल स्वीटनर का काफी इस्तेमाल किया जाता है. डॉक्टर्स के मुताबिक, यह सेहत के लिए हानिकारक होता है.

क्या डायबिटीज के मरीज चाय पी सकते हैं? जानिए कितना नुकसानदायक हो सकता है आर्टिफिशियल स्वीटनर
क्या डायबिटीज में चाय पी सकते हैं? (Can we drink tea in diabetes?)

Can diabetics drink tea with milk? आमतौर पर भारतीय घरों में दिन की शुरुआत एक कप चाय के साथ ही होती है. ऐसे में डायबिटीज का शिकार होने के बावजूद लोग सुबह-सुबह चाय पीने की आदत नहीं छोड़ पाते हैं. डाइट में चीनी शामिल करने की मनाही के बाद लोग आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करने लगते हैं. अगर आप भी डायबिटीज के चलते चाय में आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते हैं तो बता दें कि यह आपके सेहत के लिए नुकसानदायक हो सकता है. वेट लॉस के चक्कर में भी लोग शुगर इनटेक को कम करने के लिए आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल करते है. लेकिन डॉक्टर्स की मानें तो इससे वेट लॉस में कोई खास फायदा नहीं होता है बल्कि आपकी सेहत कॉम्प्रोमाइज होती है. 

शुगर के मरीजों के लिए यह सवाल काफी अहम है कि उन्हें चाय पीना चाहिए या नहीं. इसके अलावा चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल कितना सही है. क्या इससे सेहत पर कोई नकारात्मक प्रभाव भी पड़ता है? इन्हीं सवालों के जवाब जानने के लिए एनडीटीवी ने एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस के एंडोक्राइनोलॉजी विभाग के सीनियर कंसल्टेंट डॉ. संदीप खरब से बातचीत की. 

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क्या डायबिटीज में चाय पी सकते हैं? (Can we drink tea in diabetes?)

डॉ. संदीप खरब बताते हैं कि डायबिटीज ही नहीं बल्कि आमतौर पर भी लोगों को अपनी सेहत के हिसाब से चाय पीनी चाहिए. शुगर के मरीजों के लिए दूध वाली चाय की जगह हर्बल चाय का इस्तेमाल करना चाहिए. आप अपनी सेहत के हिसाब से चाय की मात्रा निर्धारित करें. अगर आपको एसिडिटी की प्रॉब्लम है तो कम चाय पिएं. इसके अलावा वेट लॉस करना चाहते हैं तब भी चाय का सीमित सेवन करें.

आर्टिफिशियल स्वीटनर के नुकसान (Harmful effects of artificial sweeteners)

इन दिनों डायबिटीज के मरीजों के अलावा वजन घटाने की कोशिश में लगे अन्य लोग भी चीनी की जगह आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं. डॉक्टर संदीप ने बताया कि आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल सभी के लिए नुकसानदायक है खासतौर पर जिन्हें शुगर की बीमारी नहीं है उन्हें इसके इस्तेमाल से बचना चाहिए. डायबिटीज के मरीजों के लिए भी आर्टिफिशियल स्वीटनर फायदेमंद नहीं होता है.

इससे इंटेस्टाइन में गुड बैक्टीरिया की संख्या घट जाती है जिससे जीआई सिस्टम और मेटाबॉलिज्म से संबंधित बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. इसके अलावा हार्ट और किडनी संबंधी बीमारियों का जोखिम भी ज्यादा रहता है. दूसरी तरफ वेट लॉस की बात करें तो यह ज्यादा मददगार नहीं होता है क्योंकि इससे भूख ज्यादा लगती है और हार्ट संबंधी बीमारियों का भी खतरा रहता है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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