
Ayurvedic Remedies For Cough: अक्सर मौसम में बदलाव होने से बलगम, सर्दी, खांसी की परेशानी होने लग जाती है. गला भारी लगने लगता है, छाती में जकड़न महसूस होती है और बार-बार खांसी आती है. शरीर भारी-सा लगता है और मन भी चिड़चिड़ा हो जाता है. इसे ही आयुर्वेद में कफ बढ़ना कहा गया है. कफ, शरीर के तीन मुख्य दोषों में से एक है और जब इसका संतुलन बिगड़ता है, तो शरीर कई तरह से परेशान होता है. आयुर्वेद में कफ को शांत करने के लिए कई तरह के उपाय बताए गए हैं जो घर पर ही किए जा सकते हैं. इनमें से कुछ बेहद आसान और असरदार हैं. इस बारे में जानकारी दे रहे हैं प्रोफेसर राम अवतार, डायरेक्टर), सीपीयू-पीएसआई सेंटर फॉर ट्रेडिशनल मेडिसिन, योगा और संस्कार.
कफ के लिए आयुर्वेदिक उपाय- (Ayurvedic Remedy For Cough)
1. कुंजल क्रिया
अगर कफ बहुत ज्यादा बढ़ गया है और कुछ भी असर नहीं कर रहा, तो आयुर्वेद में एक विशेष क्रिया होती है जिसे कुंजल क्रिया कहते हैं. इसमें गुनगुना नमक वाला पानी पीकर उल्टी की जाती है ताकि पेट और छाती की सफाई हो सके. यह तरीका किसी अनुभवी व्यक्ति की देखरेख में ही करना चाहिए.
ये भी पढ़ें- किसी विटामिन की कमी से किडनी में पथरी बन सकती है? जानें इसके लिए क्या खाएं-पिएं
2. त्रिफला का सेवन
त्रिफला का मतलब होता है तीन फलों का मिश्रण, हरड़, बहेड़ा और आंवला. ये तीनों मिलकर शरीर के अलग-अलग हिस्सों पर काम करते हैं. खासतौर पर जब कफ बढ़ जाता है, तो बहेड़ा इसमें बहुत मदद करता है. त्रिफला का पाउडर रात को सोने से पहले एक चम्मच लेकर थोड़ा गुनगुना पानी या फिर शहद के साथ लिया जा सकता है. ये शरीर को साफ करता है और कफ को बाहर निकालने में मदद करता है.
किस तरह लें?
बहेड़ा को लेने के लिए आप उसका पाउडर बना लें फिर उसको शहद के मिलाकर सेवन कर सकते हैं. इसके अलावा आप इसे पानी से भी ले सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं