Holi 2023: दिल ही नहीं दिमाग के लिए भी फायदेमंद है रंगों से खेलना, इस बार की होली मिस मत कीजिएगा

जिन लोगों को होली के रंगों से परहेज है उन्हें यह जानकार आश्चर्य होगा कि होली के रंग दिल को ही नहीं दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. होली का त्योहार तनाव और अवसाद घटाने में कारगर हैं.

Holi 2023: दिल ही नहीं दिमाग के लिए भी फायदेमंद है रंगों से खेलना, इस बार की होली मिस मत कीजिएगा

होली के रंगों का दिल नहीं दिमाग पर पड़ता है असर

नई दिल्ली:

Holi colours and Mental health: होली रंगों का त्योहार है, इस दिन एक दूसरे को रंग लगाकर, गले लाकर खुशियां बांटी जाती है. हालांकि कई लोगों को होली खेलना पसंद नहीं होता है और ऐसे लोगों को रंग लगाते समय स्पेशली बोलना पड़ता है कि बुरा न मानो होली है. जिन लोगों को होली के रंगों से परहेज है उन्हें यह जानकार आश्चर्य होगा कि होली के रंग दिल को ही नहीं दिमाग के लिए काफी फायदेमंद होते हैं. होली का त्योहार तनाव और अवसाद घटाने में कारगर हैं. लाल-पीले, हरे नीले रंगों से होली खेलकर दिल ही नहीं दिमाग भी तरोताजा हो जाता है. होली के रंग मेंटल हेल्थ के लिए किस तरह अच्छे साबित होते हैं, आइये जानते हैं-

दिमाग को एक्टिव और जीवंत बनाते हैं चटख रंग (Bright Colour)

एक्सपर्ट की मानें जिस तरह खुशियां देखकर मन खुश होता, ठीक उसी तरह चटखदार रंग केवल आंखों को ही नहीं बल्कि दिमाग को भी अच्छा लगता है. चटखदार रंगों से ब्रेन में एक्साइटमेंट होती है, जिससे दिमाग की कार्यप्रणाली तेज होती है. होली के रंगों को देखकर और होली खेलकर हार्ट बीट तेज हो जाती है, ये दिल के लिए अच्छा अनुभव है. इससे दिमागी तरंगें उठती हैं जिससे दिमाग तेज होता है और जीवन में सकारात्मकता का संचार होता है. 

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होली के रंग करते हैं कलर थैरेपी (Colour Therapy)

देखा जाए तो रंगों का दिमाग से गहरा संबंध है. रंग हमारी भावनाओं को जाहिर करते हैं और दिमाग के लिए एक उत्प्रेरक का काम करते हैं. कुछ रंग दिमाम को शांत करते हैं तो कुछ रंगों को देखकर दिमाग में खुशी, कुछ को देखकर क्रोध की अनुभूति होती है. इसे ही कलर थैरेपी कहा जाता है. ऐसे में होली के रंग भी दिमाग के लिए कलर थैरेपी का काम करते हैं. होली के सभी रंग मेंटल स्टेट्स को जाहिर करते हैं और इतने ढेर सारे रंग जब एक साथ उड़ते हैं तो दिमाग एक्टिव होता है. इसके साथ ही दिमाग के लिए बोझिल लगने वाला माहौल जीवंत हो उठता है. यानी अगर आप हमेशा होली खेलने से कतराते रहे हैं तो अपने दिल के साथ साथ दिमाग की भी सुनिए और होली के रंगों में सराबोर हो जाइए.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें.एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.