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This Article is From Jan 05, 2024

बालों को स्ट्रेट करवाना हो सकता है जानलेवा, कैंसर जैसी घातक बीमारी की देता है दावत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

स्टडी में यह बात सामने आई कि वे महिलाएं जो केमिकल्स का इस्तेमाल करती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर के मामलों में 30% बढ़ोतरी देखी गई.

बालों को स्ट्रेट करवाना हो सकता है जानलेवा, कैंसर जैसी घातक बीमारी की देता है दावत, जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
बालों को सीधा करवाना बन सकता है कैंसर की वजह.

Hair Straightening Products Causing Cancer: खूबसूरत दिखने और आकर्षक लुक के लिए आजकल बालों को स्ट्रेट (Hair Straightening) करवाना ट्रेंड बन गया है, खासकर महिलाएं अक्सर अपने बालों पर इस तरह का ट्रीटमेंट करवाती हैं. लेकिन एक हालिया स्टडी आपके होश उड़ा देगी, जिसके मुताबिक बार-बार बालों की स्ट्रेटनिंग करवाने और केमिकल के इस्तेमाल से महिलाओं में कैंसर (Cancer) के मामले बढ़ रहे हैं. नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ स्टडी (National Institute of Health study ) के अध्ययन में यह पता चला है कि जो महिलाएं बालों पर ऐसे केमिकल्स का इस्तेमाल करती हैं उनमें यूटराइन कैंसर का रिस्क डबल हो जाता है, उन महिलाओं के मुकाबले जो इनका इस्तेमाल नहीं करती हैं. साल 2019 की एक दूसरी स्टडी में यह बात सामने आई कि वे महिलाएं जो केमिकल्स का इस्तेमाल करती हैं उनमें ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) के मामलों में 30% बढ़ोतरी देखी गई.

प्रोडक्ट्स को बैन करने की मांग

अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने बालों को स्ट्रेट करने वाले प्रोडक्ट्स में फॉर्मेल्डिहाइड और दूसरे फॉर्मेल्डिहाइड रिलीज केमिकल्स पर बैन लगाने की अपील की है और भारत के डॉक्टर भी इसका समर्थन कर रहे हैं. डॉक्टरों पर का मानना है कि इस पर और शोध होना चाहिए और अगर ऐसा है तो ऐसे प्रोडक्ट्स पर रोक लगनी चाहिए.

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क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स

बीएलके-मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में ऑन्कोलॉजी के वाइस प्रेसिडेंट डॉक्टर सुरेंद्र डबास ने बताया कि यूएस की इस स्टडी के मुताबिक हेयर स्ट्रेटनिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले केमिकल्स ब्रेस्ट कैंसर के रिस्क को बढ़ाते हैं. इसका कारण ये है कि इन प्रोडक्ट्स में जो केमिकल यूज होते हैं वह स्किन के नीचे फैट को हार्मोन में कन्वर्ट करते हैं. एस्ट्रोजन हार्मोन का लेवल बढ़ने से या कहे हार्मोनल डिसबैलेंस से ब्रेस्ट और यूटराइन कैंसर का रिस्क बढ़ता है. साथ ही एक रिसर्च ये भी कहती है कि जिन शहरों में पॉल्यूशन अधिक है वहां भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर का खतरा अधिक होता है. इन विषयों पर और शोध होना चाहिए और अगर इनमें पूरी तरह सच्चाई है तो प्रोडक्ट्स को बैन करना चाहिए.

एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, फ़रीदाबाद में डर्माटोलॉजी विभाग में एसोसिएट डायरेक्टर, डॉ. अमित बांगिया ने बताया कि अक्सर हम लोग देखते हैं कि जो लोग बार बार स्ट्रेटनर का इस्तेमाल करते हैं, उनके बाल आधे हो जाते हैं. इन केमिकल्स के कई साइड इफेक्ट्स होते हैं, जैसे हेयर डैमेज, गंजापन, बर्न, एग्जिमा आदि. सबसे गंभीर साइड इफेक्ट है कैंसर. स्टडी के मुताबिक जो महिलाएं साल में चार बार ऐसे केमिकल्स का इस्तेमाल करती हैं उनमें यूटराइन कैंसर का रिस्क दो गुना ज्यादा हो जाता है. 10-15 तक की लड़कियां, जिनमें ब्रेस्ट विकसित हो रहे होते हैं, उनमें ये ब्रेस्ट कैंसर के खतरे को कई गुना बढ़ा देते हैं. पैरामिन जैसे केमिकल सीरम और क्रीम्स में भी इस्तेमाल होते हैं. वहीं फॉर्मेल्डिहाइड जैसा केमिकल हार्मोनल इंबैलेंस करता है और कैंसर का खतरा बढ़ाता है.

Hair Straightener To Uterine Cancer, Says study | बाल स्ट्रेट कराने से कैंसर होता है?

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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