आजकल के समय में इंटरनेट, फ़ोन और गैजेट जैसी चीजों का उपयोग करना और उन पर निर्भर रहना काफी आम बात हो गई है, लेकिन कहते हैं न कि 'अति सर्वत्र वर्जयेत' मतलब किसी भी चीज की अति ठीक नहीं. आसान शब्दों में इसे ऐसे समझें कि ज़रूरत से ज़्यादा अगर किसी भी चीज का इस्तेमाल किया जाए तो वे आपकी सेहत के लिए हानिकारक हो सकती है. और ऐसा ही कुछ हो रहा है आजकल के बच्चों के साथ भी. इस बात की ज्यादातर पेरेंट्स शिकायत करते हैं कि बच्चे स्क्रीन पर ज्यादा देर तक समय बिताते हैं. इसी कारण बच्चों की आंखों में दर्द होना, जलन या नज़र कमजोर होने जैसी समस्याएं बढ़ रही हैं. अगर आप भी इसी तरह की समस्याएं अपने बच्चों के साथ देख रहे हैं, आपका बच्चा भी आंखों में दर्द या कमजोर नजर का शिकार हो रहा है, तो इस लेख में हम बता रहे हैं इसके पीछे की वजह और बचाव के लिए किए जाने वाले उपाय.
क्यों कमजोर हो रही है आपके बच्चे की नजर, क्या हो सकती है वजह
स्क्रीन टाइम : इंटरनेट के ज़माने में यूट्यूब, फेसबुक और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का ज्यादा देर तक बिना ब्रेक लिए इस्तेमाल करना आँखों की समस्या का सबसे बड़ा कारण हो सकता है
बाहर का खाना है खतरनाक : आजकल के बच्चों को घर के खाने से ज्यादा बहार का खाना ज्यादा पसंद आता है, लेकिन क्या आपको पता है कि बहार का खाना बच्चों की हेल्थ के साथ साथ उनकी आँखों पर भी काफी बुरा प्रभाव डालता है.
मायोपिया है बड़ी वजह : चाइना की सून यात सेन यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स के मुताबिक जहां मायोपिया की समस्या पहले बढ़ती उम्र के लोगों में देख जाती थी. वहीं, रिसर्च में दिए आंकड़े को देखें तो अब यह छोटे बच्चों से लेकर 20 साल के बच्चों में ज्यादा दिखाई दी जा रहीं है. इतना ही नहीं, रिपोर्ट में ये भी बताया गया है, कि ये बीमारी 2050 तक लगभग 74 करोड़ बच्चों को प्रभावित कर सकती है.
बच्चों की आंखों को रोशनी को कमजोर होने से कैसे बचाएं
बच्चों की डाइट का रखें ध्यान : बच्चों की डाइट में विटामिन ई जैसे राजमा, पिस्ता, अख़रोट, काजू या बादाम जैसी चीजों को शामिल करें, इससे उनकी आँखों की समस्या को काफी राहत मिलेगी
पानी का इनटेक बढ़ाएं : बच्चों को रोजाना 7 से 8 गिलास पानी पिलाए, ऐसा करने से उनके शरीर को हाइड्रेशन के साथ-साथ आँखों में भी ताज़गी और नमी महसूस होगी
फिजिकल एक्टिविटीज हैं ज़रूरी : कोविड के बाद से ही हमने बच्चों की फिजिकल एक्टिविटीज में उतार देखा है, और ऐसा इसलिए क्यूंकि लॉकडाउन के दौरान बहार न जाने के कारण बच्चों ने अपने टैब, मोबाइल और अन्य इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को अपना साथी बना लिया था, जिसके चलते उनका बाहर जाकर खेलना लगभग पूरी तरह छूट गया था. और शायद इसलिए छोटे बच्चों से लेकर 20 साल की उम्र तक के बच्चों को आँखों की समस्याओं का सामना करना पड़ा. इसलिए आज की तारिक में मोबाइल से दूर बच्चों को बहार जाकर अपनी फिजिकल एक्टिविटीज पर ध्यान देने की ज़रूरत है ऐसा करना उनकी आँखों की समस्याओं राहत देगा.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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