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This Article is From Jun 29, 2023

Aspartame: सॉफ्ट ड्रिंक को मीठा करने वाली चीज से हो सकता है कैंसर? हो रही जांच

आर्टिफिशियल स्वीटनर या फिर कृत्रिम मिठास के लिए उपयोग किया जाने वाले एस्पार्टेम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिका में किए गए ताजा शोध के आधार पर इससे कैंसर होने की आशंका जताई है

Aspartame: सॉफ्ट ड्रिंक को मीठा करने वाली चीज से हो सकता है कैंसर? हो रही जांच

आर्टिफिशियल स्वीटनर या फिर कृत्रिम मिठास के लिए उपयोग किया जाने वाले एस्पार्टेम को लेकर बड़ी खबर सामने आई है. वॉशिंगटन पोस्ट ने अमेरिका में किए गए ताजा शोध के आधार पर इससे कैंसर होने की आशंका जताई है. ये रिपोर्ट इसलिए भी अहम है क्योंकि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी WHO ने एक महीने पहले ही  कृत्रिम चीनी के उपयोग  पर चेतावनी जारी की थी. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने भी WHO के कैंसर शोध एजेंसी के हवाले से बताया था एस्पार्टेम को लेकर अगले महीने यानी जुलाई में WHO कैंसर संबंधी चेतावनी जारी करने वाला है. 

भारत में भी कृत्रिम चीन के इस्तेमाल पर गाइडलाइंस

वॉशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी खाद्य और दवा प्रशासन यानी FDA ने 1981 में ही एस्पार्टेम को इस्तेमाल में लाने की मंजूरी दी थी. हालांकि FDA ने इसके बाद से अब तक अलग-अलग समय में पांच बार इसकी समीक्षा की है.  भारत सहित 90 से अधिक देशों ने अब तक इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी है. साल 2009 की रिपोर्ट के मुताबिक भारत के खाद्य सुरक्षा और विनियामक निकाय यानी FSSAI ने इस कृत्रिम चीनी के इस्तेमाल के संबंध में गाइडलाइंस जारी की थी.  जिसमें कहा गया था कि जिस भी प्रोडेक्ट में इसका इस्तेमाल हो उस पर इसके नाम साफ तौर पर जिक्र होना चाहिए. 

कहां होता है एस्पार्टेम का इस्तेमाल ?

बता दें कि एस्पार्टेम में कोई कैलोरी नहीं होता है और यह साधारण चीनी की तुलना में 200 गुणा मीठा होता है. सॉफ्ट ड्रिंक में लगभग 95 फीसदी एस्पार्टेम का इस्तेमाल होता है. इसके अलावा वैसी चाय जो पीने के लिए तैयार होती है उसमें इसका 90 फीसदी इस्तेमाल होता है. जाहिर है कि ये एक बहुत बड़ा मार्केट है. इसी वजह से अमेरिका में कोका-कोला और पेप्सीको जैसे प्रमुख सॉफ्ट ड्रिंक बनाने वाली कंपनियों के संगठन अमेरिकन बेवरेज एसोसिएशन ने FDA के समीक्षा रिपोर्ट्स पर आपत्ति जताई है.  

आर्टिफिशियल स्वीटनर पर दुनियाभर में चिंता

दरअसल आर्टिफिशियल स्वीटनर के बढ़ते उपयोग ने दुनिया भर में चिंता पैदा की है. फ्रांस भी पिछले साल एक अध्य्ययन में पाया गया था कि आर्टिफिशियल स्वीटनर खासकर एस्पार्टेम का अधिक मात्रा में सेवन लोगों में कैंसर की आशंका बढ़ा देता है. फ्रांस में  करीब एक लाख लोगों के हेल्थ रिपोर्ट के विश्लेषण के बाद ये निष्कर्ष निकाला गया था. 
बहरहाल  रॉयटर्स ने बताया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर जुलाई में एक बैठक करने जा रही है. जिसमें पहली बार एस्पार्टेम के ज्यादा इस्तेमाल से कैंसर के खतरे को लेकर रिपोर्ट जारी हो सकती है. 

वैसे बीते मई महीने में WHO ने  आर्टिफिशियल स्वीटनर को लेकर नए गाइडलाइंस जारी किए थे.  WHO अपने अध्ययन में पाया था कि आर्टिफिशियल स्वीटनर के इस्तेमाल से बच्चों या फिर बड़ों में बॉडी फैट कम नहीं होता है. इसके अलावा इसके ज्यादा इस्तेमाल से टाइप -2 शुगर का भी खतरा बढ़ जाता है.

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