Arjun Ki Chhal Ke Fayde Nuksan: आजकल की भागदौड़ में हम अपने दिल का ख्याल रखना अक्सर भूल जाते हैं. ऐसे में खराब लाइफस्टाइल कम उम्र में ही हार्ट अटैक के खतरे को बढ़ा देता है. युवाओं में भी दिल के रोगों के बढ़ते मामले डरा रहे हैं. ऐसे में हर कोई आयुर्वेदिक नुस्खों और आहार की बात करता है कि कैसे आप अपने दिल को सेहतमंद (Healthy Heart) बना सकते हैं. जब भी दिल की सेहत की बात होती तो एक आयुर्वेदिक रामबाण का हमेश जिक्र होता है, जिसका नाम है 'अर्जुन छाल' (Arjun Ki Chhal).
Arjun Ki Chhal Ke Fayde Nuksan: अर्जुन छाल को दिल के लिए अमृत मान जाता है. न केवल दिल के लिए अर्जुन की छाल आपकी पूरी सेहत के लिए बहेद फायदेमंद है. पर हां, जैसा कि हर चीज के अपनु नफे नुकसान है वैसे ही अर्जुन की छाल के भी हैं. तो यह समझना जरूरी है कि अर्जुन की छाल के नुकसान क्या हैं, यह कब खानी चाहिए और कब नहीं. इस कन्फ्यूजन को दूर करने के लिए हमने सीधी बात की जाने-माने आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ राम अवतार से. उन्होंने हमें बहुत समझाया कि अर्जुन की छाल कब, कैसे और किसे लेनी चाहिए. जानें -
- अर्जुन की छाल: आयुर्वेद का 'हार्ट टॉनिक'
- अर्जुन की छाल को आयुर्वेद में दिल का सबसे अच्छा दोस्त कहा गया है.
- इसे दवा की तरह ही लेना चाहिए, भोजन की तरह नहीं.
- चलिए जानते हैं इसके 10 बड़े फायदों और नुकसान के बारे में.
बातचीत में आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉ राम अवतार (Dr Ram Avtar) ने बताया कि अर्जुन की छाल कोई मामूली लकड़ी का टुकड़ा नहीं है. आयुर्वेद में इसे 'हार्थ्य' यानी दिल का सबसे अच्छा दोस्त कहा गया है. लेकिन इसे दवा की तरह ही लेना चाहिए, भोजन की तरह नहीं. डॉ. के मुताबिक, अगर इसे सही तरीके से लिया जाए, तो इसके फायदे अनगिनत हैं. चलिए जानते हैं इसके 10 बड़े फायदों के बारे में.
अर्जुन की छाल के 10 जबरदस्त फायदे (Benefits of Arjun Ki Chhal)
- दिल की मांसपेशियों को मजबूती (Strong Heart Muscles) : डॉ. राम अवतार बताते हैं कि अर्जुन की छाल दिल की पंपिंग क्षमता को बढ़ाती है. जिनका दिल कमजोर है या धड़कन बहुत तेज हो जाती है, उनके लिए यह टॉनिक है.
- हाई बीपी को कंट्रोल करना (Controls High BP) : अगर आपका ब्लड प्रेशर ऊपर-नीचे होता रहता है, तो अर्जुन की छाल की चाय जादू कर सकती है. यह नसों को रिलैक्स करती है जिससे बीपी नॉर्मल रहता है.
- कोलेस्ट्रॉल का दुश्मन (Reduces Cholesterol) : डॉ. कहते हैं, "नसों में जमा गंदगी (Plaque) को साफ करने में अर्जुन की छाल का कोई तोड़ नहीं है."यह बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करती है.
- हड्डियों को जोड़ना (Bone Healing) : यह बहुत कम लोग जानते हैं. डॉ. ने बताया कि अगर हड्डी टूट जाए, तो अर्जुन की छाल का काढ़ा और दूध पीने से हड्डी जल्दी जुड़ती है.
- चेहरे की झाइयां और मुहांसे (Skin Issues) : सिर्फ पीने के लिए ही नहीं, लगाने के लिए भी यह बेस्ट है. अर्जुन की छाल के पाउडर को शहद में मिलाकर चेहरे पर लगाने से 'पिगमेंटेशन' और मुहांसे दूर होते हैं.
- शुगर लेवल कंट्रोल (Manage Diabetes) : डायबिटिज के मरीजों के लिए यह फायदेमंद है क्योंकि यह लिवर की कार्यक्षमता बढ़ाकर शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती है.
- एसिडिटी और अल्सर (Acidity & Ulcers) : Ayurvedic Expert Dr. Ram Avtar का कहना है कि यह स्वभाव में ठंडी (शीत वीर्य) होती है. इसलिए अगर किसी को पेट में जलन या अल्सर है, तो यह ठंडक पहुंचाती है.
- पेशाब की रुकावट (Urinary Issues) : जिन्हें पेशाब रुक-रुक कर आता है या जलन होती है, उनके लिए इसका काढ़ा बहुत राहत देता है.
- खांसी और कफ (Cough & Cold) : अगर इसे गुड़ के साथ लिया जाए, तो यह पुरानी खांसी और फेफड़ों की कमजोरी को भी ठीक कर सकती है.
- एंटी-ऑक्सीडेंट का खजाना (Antioxidant Powerhouse) : यह हमारे शरीर को फ्री रेडिकल्स से बचाती है, यानी यह आपको जल्दी बूढ़ा होने से रोकती है और एनर्जी देती है.
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अर्जुन की छाल के 10 नुकसान, अर्जुन की छाल किन लोगों को नहीं लेनी चाहिए? (Side Effects of Arjun Ki Chhal)
अब बात करते हैं सिक्के के दूसरे पहलू की. चेतावनी देते हुए कहते हैं, "अति सर्वत्र वर्जयेत (Excess is bad). बिना जानकारी के इसका इस्तेमाल नुकसान भी पहुंचा सकता है."
जानिए इससे होने वाले 10 संभावित नुकसान या सावधानियां:
- शुगर बहुत कम होना (Low Blood Sugar) : चूंकि यह शुगर कम करती है, तो जो लोग पहले से डायबिटिज की दवा खा रहे हैं, उनका शुगर लेवल बहुत ज्यादा गिर सकता है. डॉ. सलाह देते हैं कि अपनी शुगर चेक करते रहें.
- लो ब्लड प्रेशर (Low BP Risk) : जिनका बीपी पहले से ही लो (Low) रहता है, उन्हें अर्जुन की छाल लेने से चक्कर आ सकते हैं या कमजोरी महसूस हो सकती है.
- पेट फूलना या गैस (Bloating) : डॉ. बताते हैं कि अर्जुन की छाल हल्की 'रूखी' (Dry) होती है. अगर इसे बिना दूध या घी के ज्यादा लिया जाए, तो पेट में गैस या अफारा हो सकता है.
- कब्ज की समस्या (Constipation) : इसकी 'कषाय' (Astringent) प्रकृति के कारण ज्यादा सेवन से मल कड़ा हो सकता है और कब्ज हो सकती है.
- गर्भावस्था में रिस्क (Unsafe in Pregnancy) : गर्भवती महिलाओं को बिना डॉक्टर की सलाह के इसका सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए. यह बच्चे पर असर डाल सकता है.
- स्तनपान (Breastfeeding) : जो माताएं बच्चों को दूध पिला रही हैं, उन्हें भी इससे परहेज करना चाहिए या बहुत कम मात्रा में लेना चाहिए.
- शरीर में ठंडक (Feeling Cold) : चूंकि इसकी तासीर ठंडी है, तो सर्दियों में इसे ज्यादा लेने से आपको ज्यादा ठंड लग सकती है या नजला हो सकता है.
- लिवर पर असर (Liver Issues) : डॉ. कहते हैं कि बहुत ज्यादा मात्रा (High Dose) में लंबे समय तक लेने से लिवर पर दबाव पड़ सकता है.
- खून पतला होना (Blood Thinning) : अगर आप खून पतला करने की अंग्रेजी दवा (जैसे Aspirin) ले रहे हैं, तो अर्जुन की छाल साथ में न लें. खून ज्यादा पतला हो सकता है और चोट लगने पर खून नहीं रुकेगा.
- नींद में खलल (Sleep Issues) : कुछ लोगों में देखा गया है कि रात को इसका ज्यादा कड़क काढ़ा पीने से हल्की बेचैनी या नींद न आने की समस्या हो सकती है.
अर्जुन की छाल कैसे और कब नहीं लेनी चाहिए
डॉ. राम अवतार ने इसे लेने का सही तरीका बताते हुए कहा कि अर्जुन की छाल को पानी में उबालने की बजाय, आप 'अर्जुन क्षीर पाक' (Arjun Ksheer Pak) बनाएं. एक चम्मच छाल का पाउडर, एक कप दूध और एक कप पानी को तब तक उबालें जब तक पानी उड़ न जाए और सिर्फ दूध बचे. यह तरीका सबसे सुरक्षित और असरदार है. इसे आप सोने से पहले ले सकते हैं.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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