क्या आपने कभी सोचा है कि आप सेक्स के मामले में “नॉर्मल” हैं या नहीं? बहुत से लोग जानना चाहते हैं कि दूसरे कितनी बार या किस तरह सेक्स करते हैं. हर व्यक्ति की पसंद और आदतें अलग होती हैं और समय के साथ बदलती भी हैं. सेक्स को आज भी काफी पर्सनल माना जाता है और इसपर खुलकर बात नहीं की जाती.
सेक्स की फ्रीक्वेंसी
सेक्स की फ्रीक्वेंसी यानी कितनी बार लोग सेक्स करते हैं, यह व्यक्ति की उम्र और हेल्थ पर निर्भर करता है. नेशनल ओपिनियन रिसर्च सेंटर के अनुसार, 18 से 29 साल के लोग साल में करीब 84 बार सेक्स करते हैं. 40 की उम्र तक आते आते यह संख्या लगभग 63 बार रह जाती है और 70 साल की उम्र के बाद लगभग 10 बार. लेकिन असली मायने इस बात के हैं कि आप और आपका पार्टनर कितने संतुष्ट हैं.
आपकी सेक्सुअल एक्टिविटीज की लिस्ट
नेशनल सर्वे ऑफ सेक्सुअल हेल्थ एंड बिहेवियर (NSSHB) के मुताबिक, 14 से 94 साल की उम्र के अमेरिकी लोग सेक्स के कई अलग-अलग तरीके अपनाते हैं. यह सिर्फ एक तरह की सेक्सुअल एक्टिविटीज तक सीमित नहीं है. सर्वे में शामिल लोगों ने बताया कि वे 40 से ज़्यादा तरह के सेक्सुअल कॉम्बिनेशन करते हैं. इनमें सबसे आम है वजाइनल इंटरकोर्स, लेकिन ओरल सेक्स और पार्टनर के साथ मास्टरबेशन भी काफी पॉपुलर हैं.
कंडोम का इस्तेमाल
नेशनल सर्वे ऑफ सेक्सुअल हेल्थ एंड बिहेवियर (NSSHB) सर्वे के मुताबिक, अमेरिका में लगभग 25% लोग सेक्स के दौरान कंडोम का इस्तेमाल करते हैं. वहीं, अविवाहित लोगों में यह आंकड़ा 33% तक है. सर्वे में यह भी पाया गया कि अफ्रीकी-अमेरिकी और हिस्पैनिक-अमेरिकी लोग, गोरे लोगों की तुलना में ज़्यादा कंडोम इस्तेमाल करते हैं. 40 साल से ऊपर के लोगों में इसका इस्तेमाल सबसे कम देखा गया. दिलचस्प बात यह है कि कंडोम इस्तेमाल करने वालों को भी उतना ही अच्छा महसूस हुआ जितना बिना कंडोम के सेक्स करने वालों को.
ऑर्गैज्म के मामले में फर्क
इसी सर्वे के अनुसार, करीब 85% पुरुषों का कहना है कि जब उन्होंने आखिरी बार सेक्स किया था, तो उनके पार्टनर को ऑर्गैज्म हुआ. लेकिन सिर्फ़ 64% महिलाओं ने कहा कि उन्हें उस समय ऑर्गैज़्म हुआ.
पुरुषों के लिए आमतौर पर सेक्सुअल इंटरकोर्स से ही ऑर्गैज़्म मिलने की संभावना सबसे ज्यादा होती है. वहीं, महिलाओं को ज्यादातर तब ऑर्गैज़्म होता है जब सेक्स के दौरान और भी कई तरह की ओरल एक्टिविटीज शामिल होती है. हार्वर्ड मेडिकल स्कूल के अनुसार, हर महिला का शरीर अलग तरह से रिएक्ट करता है, इसलिए महिलाओं में सेक्सुअल रिएक्शन का कोई एक "नॉर्मल" तरीका नहीं होता.
सेक्सुअल ओरिएंटेशन
NSSHB सर्वे के मुताबिक, लगभग 7% महिलाएं और 8% पुरुष खुद को गे, लेस्बियन या बाइसेक्शुअल मानते हैं. पहले समाज में इसके प्रति झिझक थी, लेकिन अब लोग खुलकर अपनी पहचान बताने लगे हैं. और अपने समान-लिंग आकर्षण (सेम-सेक्स ओरिएंटेशन) के बारे में बात करने में सहज महसूस करते हैं.
बच्चों में सेक्सुअल डेवलपमेंट
बच्चों में सेक्सुअल डेवलपमेंट भी एक सामान्य प्रक्रिया है. 5 साल की उम्र तक वे अपने शरीर को समझना शुरू करते हैं, 6 से 10 साल की उम्र में जिज्ञासा बढ़ती है, और 11-12 की उम्र में सेक्सुअल इच्छाएं विकसित होती हैं.
सेक्स सिर्फ़ युवाओं के लिए नहीं है
AARP की ओर से की गई एक स्टडी के अनुसार, 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के लोगों का कहना है कि सेक्सुअल एक्टिविटी उनके जीवन का एक बहुत ही महत्वपूर्ण हिस्सा है और इसका उनकी लाइफ क्वॉलिटी पर सीधा असर पड़ता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं