Bollywood Films On Relationships: कहते हैं सिनेमा समाज का आईना हैं और ये कहना गलत भी नहीं है. ऐसा इसलिए क्योंकि बॉलीवुड ने हमेशा ऐसी अनगिनत फिल्में दी हैं जिसमें निचले तपके से लेकर हाई प्रोफाइल तक हर किसी की लाइफ स्टाइल को कवर किया है. ऐसी ही कुछ खास फिल्में हैं जिसमें रिश्तों की गहराई, पछतावे और प्रतिशोध को ध्यान में रख कर बनाया गया है. इन फिल्मों को देखकर आप भी अपनी लाइफ से कनेक्ट किए बिना नहीं रह पाएंगे. कौन सी हैं वे फिल्में आइए जानते हैं.
रिश्तों की समझ बढ़ाने वाली फिल्में | Movies That Improve Understanding of Relationships
1. बॉम्बे टू गोवा (1972)
मुंबई से गोवा की यात्रा बॉलीवुड की पहली रोड-ट्रिप फिल्मों में से एक में दिखाई गई, जिसे एस रामनाथन ने निर्देशित किया था. माला (अरुणा ईरानी) एक हत्या की गवाह बनती है और हत्यारों से बचने के लिए उसकी निशानदेही पर बस में चढ़ जाती है. अमिताभ बच्चन - उनके साथी बस यात्रियों में से एक की भूमिका निभा रहे हैं - कलाकारों की टोली का हिस्सा हैं, जिसमें बॉलीवुड के कुछ सर्वश्रेष्ठ हास्य कलाकार शामिल हैं, जिनमें मुकरी भी शामिल हैं, जो एक ज़ोरदार तमिलियन का किरदार निभा रहे हैं, और महमूद बस ड्राइवर की भूमिका निभा रहे हैं, जिनकी दोस्ती कंडक्टर (अनवर अली) से है. इस तथ्य पर आधारित है कि उनके नाम, "राजेश" और "खन्ना", मिलकर उस युग के शीर्ष सुपरस्टार का नाम बनाते हैं.
2. मिस्टर एंड मिसेज अय्यर (2002)
हिंदू-मुस्लिम दंगों की गंभीर स्थिति पर आधारित ये फिल्म साल 2002 में आई थी. जिसका निर्देशन अपर्णा सेन ने किया. इस फिल्म में बताया था कि जब हिंदू चरमपंथी एक बस को रोकते हैं और उसमें सवार मुसलमानों की तलाश करते हैं, तो कट्टर हिंदू मीनाक्षी अय्यर (कोंकणा सेन शर्मा) अपने बगल की सीट पर बैठे एक मुस्लिम फोटोग्राफर राजा (राहुल बोस) को यह कहकर बचाने की कोशिश करती है कि वह उसका पति है. दो लोगों के बीच एक असंभावित रिश्ता जिसमें कुछ भी समान नहीं है. अपने आसपास हो रही हिंसा पर अन्य यात्रियों की प्रतिक्रियाएं भी उतनी ही दिलचस्प हैं, जो देश की रिच कल्चर और अनेक धार्मिक प्रथाओं को दर्शाती हैं.
3. हनीमून ट्रेवल्स प्राइवेट लिमिटेड (2007)
मुंबई से गोवा की बस ट्रिप पर बनी इस फिल्म का निर्देशन रीमा कागती ने किया है. ये फिल्म साल 2007 में सिनेमा घरों में आई थी. ये फिल्म 6 ऐसे कपल्प पर आधारित थी जिसमें शादी से लेकर एकतरफा प्यार तक कई रिश्ते के मुद्दों को उठाया गया है. इस फ़िल्म में छह अलग अलग कहानियों को बखूबी तरीक़े से दर्शकों के सामने पेश करने की कोशिश की गई है, जिसमें कॉमेडी का बेहतरीन तड़का साफ़ साफ़ नज़र आता है.
4. जिंदगी ना मिलेगी दोबारा, (2011)
साल 2011 में आई फिल्म जिंदगी ना मिलेगी दोबारा 3 दोस्तों पर आधारित फिल्म है जिसे जोया अख्तर ने डायरेक्ट किया है. इस फिल्म में फरहान अख्तर इमरान के किरदार में, ऋतिक रोशन अर्जुन के किरदार में और अभय देयोल कबीर के किरदार में नजर आए थे. ये तीनों दोस्त स्पेन के चारों तरफ एक ट्रिप पर निकलते हैं. जो इस बात से अनजान रहते हैं कि ये ट्रिप उनके जीवन को बदल देगी. जहां कबीर अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करने को लेकर असमंजस में होता है, वहीं इमरान का अपना एजेंडा है - वह अपने बायोलॉजिकल पिता, जो स्पेन में रहने वाले एक आर्टिस्ट हैं, की तलाश कर रहा है, जिससे वह कभी नहीं मिला है. इनके अलावा अर्जुन एक असफल रिलेशनशिप के बाद फिर से प्यार पाने की तलाश में रहता है.
5. पीकू (2015)
साल 2015 में आई फ़िल्म पीकू में अमिताभ बच्चन का ज़बरदस्त किरदार देखने को मिला. इस फ़िल्म को शूजीत सरकार ने निर्देशित किया है. जिसमें हाइपोकॉन्ड्रिआक भास्कर बनर्जी के किरदार में अमिताभ बच्चन और उनकी बेटी के किरदार में दीपिका पादुकोण नई दिल्ली से कोलकाता की यात्रा पर एक साथ निकले. इरफ़ान खान ने उनके ड्राइवर राणा की भूमिका निभाई है, जो लगातार झगड़ने वाले पिता बेटी से थक जाता है. इस फ़िल्म में बनर्जी को अपने पाचन तंत्र के प्रति काफी सजग बताया है वो हर बात को अपनी पाचन क्रिया से जोड़ने लगता है. इस फ़िल्म में बनर्जी को काफ़ी सेल्फिश बताया है जो ये नहीं चाहता कि उसकी बेटी किसी से शादी करे. हालांकि इतनी नोक झोंक के बाद भी दोनों के बीच के प्यार को भी बख़ूबी दर्शाया गया है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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