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This Article is From Sep 06, 2023

4 महिलाओं में ज्यादा होता है ओवेरियन कैंसर का खतरा, साइलेंट होते हैं लक्षण, इन 7 शुरूआती संकेतों से पहचानें

Ovarian Cancer Signs: महिलाओं में ओवेरियन कैंसर एक बढ़ती चिंता का विषय है. यहां कुछ जोखिम कारक और शुरुआती संकेत दिए गए हैं जिन्हें महिलाओं को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए.

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4 महिलाओं में ज्यादा होता है ओवेरियन कैंसर का खतरा, साइलेंट होते हैं लक्षण, इन 7 शुरूआती संकेतों से पहचानें
Ovarian Cancer: महिलाओं में इस तरह का कैंसर काफी आम हो गया है.

Ovarian Cancer Symptoms: ओवेरियन कैंसर महिलाओं में एक बढ़ती समस्या है. ये कैंसर मूल रूप से अंडाशय में कोशिकाओं का बढ़ना है जो हेल्दी टिश्यू को नष्ट करने के लिए शरीर पर हमला करती है. शरीर के अंदर एक गांठ या ट्यूमर कैसे और क्यों विकसित हो सकता है इसका कोई विशेष कारण नहीं है लेकिन कई कारण हैं. ये मेनोपॉज के बाद महिलाओं में बहुत आम है लेकिन आजकल ये युवा महिलाओं में भी देखने को मिल रहा है. ओवेरियन कैंसर के लक्षणों को पहचानने में कभी कभी चूक हो सकती है. ये साइलेंट तरीके से बॉडी को इफेक्ट करते हैं. इससे अपने शरीर के प्रति जागरूक रहना और भी जरूरी हो जाता है.

ओवेरियन कैंसर जोखिम कारक | Ovarian Cancer Risk factors

आयु: ओवेरियन कैंसर मुख्य रूप से 50 से ज्यादा उम्र की महिलाओं को प्रभावित करता है और मेनोपॉज के बाद जोखिम बढ़ जाता है.

जीन: पारिवारिक इतिहास भी काफी मायने रखता है. खासकर अगर डिम्बग्रंथि, स्तन या कुछ अन्य कैंसर का इतिहास हो. अगर बीआरसीए1 और बीआरसीए2 जीन में म्यूटेशन होता है तो बढ़ा हुआ जोखिम चिंताजनक हो जाता है.

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मेडिकल हिस्ट्री: ये भी मायने रखता है, खासकर अगर रोगियों को स्तन, गर्भाशय कैंसर का इतिहास रहा हो. जो महिलाएं गर्भवती नहीं हुई हैं या 35 साल के बाद उनकी पहली गर्भावस्था हुई है, उन्हें थोड़ा ज्यादा जोखिम का सामना करना पड़ता है.

पीरियड्स: जल्दी पीरियड्स शुरू होना या देर से मेनोपॉज इसे और बढ़ा देती है. हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी (एचआरटी) की बारीकियों पर चर्चा की जानी चाहिए, लंबे समय तक केवल एस्ट्रोजन एचआरटी संभावित रूप से जोखिम को बढ़ाता है.

ओवेरियन कैंसर के शुरुआती लक्षण | Early symptoms of ovarian cancer

पेट में परेशानी: सूजन, दर्द या पैल्विक में असुविधा का बने रहना.
पेशाब में बदलाव: बहुत ज्यादा, बार-बार पेशाब आना या पेशाब के बाद लगातार फुलनेस का अहसास होना.
पाचन संबंधी समस्याएं: अपच, मतली या भूख में बदलाव.
थकान: ये एक प्रारंभिक संकेतक के रूप में पहचाना जा सकता है.
संभोग के दौरान दर्द: कुछ महिलाओं को यौन क्रिया के दौरान असुविधा का अनुभव हो सकता है.
पीरियड्स पैटर्न में बदलाव: मासिक धर्म चक्र में अचानक अनियमितता या बदलाव पर ध्यान देना जरूरी है.
पीठ दर्द: पीठ के निचले हिस्से में पुराना दर्द भी संकेत दे सकता है.

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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