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This Article is From May 19, 2022

Stammering Problem: इस 4 ट्रिक्स की मदद से बच्चे का हकलाना होगा बंद, आसानी और तेजी से कह पाएगा अपनी बात

How To Fix Stuttering: छोटी उम्र में बच्चों का हकलाना सामान्य है. हकलाने के पहले लक्षण तब दिखाई देते हैं जब बच्चा लगभग 18-24 महीने का होता है. बच्चे इस उम्र में वाक्य बनाने के लिए शब्दों को जोड़ना शुरू कर देते हैं.

Stammering Problem: इस 4 ट्रिक्स की मदद से बच्चे का हकलाना होगा बंद, आसानी और तेजी से कह पाएगा अपनी बात
Stammering Problem Solution: बच्चे को इससे उबरने के लिए प्रभावी उपचार की जरूरत होती हैं.

How Can I Stop Stammering?: छोटी उम्र में बच्चों का हकलाना सामान्य है. हकलाने के पहले लक्षण तब दिखाई देते हैं जब बच्चा लगभग 18-24 महीने का होता है. बच्चे इस उम्र में वाक्य बनाने के लिए शब्दों को जोड़ना शुरू कर देते हैं. ज्यादातर मामलों में, 5 साल की उम्र तक हकलाना अपने आप दूर हो जाता है. लेकिन, कुछ बच्चों में यह लंबे समय तक चलता है जोकि सामान्य नहीं है. बच्चे को इससे उबरने के लिए प्रभावी उपचार की जरूरत होती हैं. ऐसे में यहां हम कुछ चीजें बता रहे हैं जिनका माता-पिता को ख्याल रखना बहुत जरूरी है.

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कैसे दूर करें हकलाने की समस्या? | How To Get Rid Of Stammering Problem?

1) बच्चे पर दबाव बनाए

बच्चे के आत्मविश्वास के लिए यह जरूरी है कि माता-पिता उनके बोलने के तरीके को रिस्ट्रिक्ट या बाधित न करें. यानी अपने बच्चे से हर समय सही ढंग से बोलने की अपेक्षा न करें. उदाहरण के लिए, यदि बच्चा जल्दी बात कर रहा है, तो धीरे-धीरे बोलने का दबाव न डालें. दबाव में न रहने से बच्चा कम हकलाएगा.

2) प्रशंसक बनें आलोचक नहीं

सभी बच्चे ऐसे दौर से गुजरते हैं जब उन्हें कई शब्द बोलने में परेशानी होती है, या कई शब्दों का सही उच्चारण नहीं कर पाते हैं, खासकर 2 से 5 साल की उम्र के बीच. इस समय माता-पिता को बच्चे को डांटना नहीं चाहिए बल्कि प्यार से टीच करते रहना चाहिए.

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3) बच्चे के मौजूदगी में समस्या की चर्चा न करें

खुद ही नहीं, बल्कि किसी और को भी बच्चे का मजाक उड़ाने न दें. मजाक करने से बच्चे के दिमाग पर गहरा असर पड़ता है और उसका कॉन्फिडेंस लेवल कम हो जाता है. साथ ही, बच्चे के मौजूद होने पर उसके सामने समस्या पर चर्चा करने से बचें. माता-पिता को इसका ध्यान रखना चाहिए.

4) स्पीच थेरेपिस्ट से बात करें

हकलाना एक मनोवैज्ञानिक समस्या है, और इसका इलाज मनोवैज्ञानिक रूप से भी किया जाता है. माता-पिता को स्पीच थेरेपिस्ट से बात करके इस समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करना चाहिए. इस समस्या को दूर करने के लिए विशेषज्ञ हकलाने का कारण जानने की कोशिश करता है, तभी सही इलाज बताता है.

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अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है

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