
हरियाणा ने पड़ोसी राज्य पंजाब से उनको पीने का पानी उपलब्ध कराने की अपील की है. उनका तर्क है कि अगर पानी उनको नहीं दिया गया तो भाखड़ा बांध (Bhakra Dam Water Row) का अतिरिक्त पानी पाकिस्तान चला जाएगा. हरियाणा का ये बयान ऐसे समय में आया है जब भारत ने पहलगाम आतंकी हमले की वजह से पाकिस्तान के साथ सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया है.
सीएम नायाब सिंह सैनी ने मानसून से पहले भाखड़ा जलाशय को खाली करने की जरूरत पर जोर दिया. यह निलंबित संधि के तहत सबसे बड़े बांधों में से एक है. सैनी ने कहा कि भाखड़ा बांध के जलाशय को जून से पहले खाली करना जरूरी है ताकि मानसून के दौरान बारिश के पानी को जमा किया जा सके. अगर जलाशय में जगह नहीं बची तो अतिरिक्त पानी हरि-के-पट्टन के जरिए पाकिस्तान चला जाएगा, जो न तो पंजाब के हित में है और न ही राष्ट्र के हित में है.
मान सरकार पर हरियाणा का गंभीर आरोप
पंजाब और हरियाणा के बीच पानी बंटवारे को लेकर विवाद बढ़ने के बीच नायाब सैनी ने चेतावनी दी कि दिल्ली में पीने के पानी की आपूर्ति भी प्रभावित होगी. उन्होंने कहा कि जब तक दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार थी, पंजाब की मान सरकार को दिल्ली को पानी दिए जाने पर कोई आपत्ति नहीं थी. अब जब दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं है, तो मान दिल्ली के लोगों को परेशान करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं.
हरियाणा को उसके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला
हरियाणा ने पंजाब के इस दावे पर कि मार्च में अपने हिस्से का पानी खत्म कर दिया. नायाब सैनी ने कहा कि हरियाणा को उनके हिस्से का पूरा पानी नहीं मिला है. पिछले महीने भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी) द्वारा हरियाणा को छोड़े गए पानी में से 500 क्यूसेक दिल्ली के लिए, 800 क्यूसेक राजस्थान के लिए और 400 क्यूसेक पंजाब के लिए चला गया. इस तरह से हरियाणा को मिलने वाला पानी की वास्तविक मात्रा केवल 6,800 क्यूसेक ही रह गई.
हरियाणा की मांग पर भगवंत मान का दावा
नायाब सैनी ने कहा कि अगर बीबीएमबी हरियाणा की मांग के मुताबिक, शेष पानी उपलब्ध कराता है, तो यह भाखड़ा बांध में इकट्ठे पानी का महज 0.0001 प्रतिशत होगा, यह आंकड़ा इतना छोटा है कि इसका भंडारण पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. वहीं भगवंत मान ने बीजेपी पर हरियाणा की मांग को पूरा करने के लिए बीबीएमबी के जरिए पंजाब सरकार पर दबाव डालने का आरोप लगाया और कहा कि हरियाणा ने मार्च में अपने आवंटित जल हिस्से का 103 प्रतिशत पहले ही उपयोग कर लिया है.
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