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मोबिक्विक ऐप में 40 करोड़ की ठगी, पुलिस ने 6 आरोपियों को दबोचा

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मोबिक्विक ऐप में ऐसी तकनीकी समस्या थी, जिसके चलते चाहे अकाउंट में बैलेंस हो या नहीं, यहां तक कि गलत पासवर्ड डालने पर भी ट्रांजैक्शन सफल हो जाते थे.

मोबिक्विक ऐप में 40 करोड़ की ठगी, पुलिस ने 6 आरोपियों को दबोचा

गुरुग्राम पुलिस ने मोबिक्विक एप्लीकेशन (MobiKwik) में तकनीकी खराबी का फायदा उठाकर करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी करने वाले 6 आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने अब तक करीब 2,500 आरोपियों और लाभार्थियों के बैंक खातों को ब्लॉक करवाते हुए आठ करोड़ रुपये फ्रिज कराए हैं.

मोबिक्विक ऐप में तकनीकी खराबी का फायदा उठाकर 40 करोड़ की ठगी

आपको बता दे की वन मोबिक्विक सिस्टम्स लिमिटेड के प्रतिनिधि ने पुलिस थाना सेक्टर-53, गुरुग्राम में शिकायत दर्ज कराई थी कि कंपनी की मोबाइल एप्लीकेशन "Mobikwik" के जरिए कुछ संदिग्ध लेन-देन हुए हैं. जांच में पाया गया कि ऐप में तकनीकी खराबी के चलते असफल लेन-देन भी सफल दिखाए जा रहे थे और रुपये व्यापारियों के खातों में पहुंच रही थी.

आरोपियों ने गलत पासवर्ड डालकर भी किए सफल ट्रांजैक्शन

कुछ मोबिक्विक पंजीकृत व्यापारियों ने इस खामी का फायदा उठाकर जानबूझकर असफल लेन-देन अपने खातों में जमा करवाए. इस तरीके से कंपनी को 40 करोड़ 22 लाख 32 हजार 210 रुपये का नुकसान हुआ.

गुरुग्राम पुलिस ने 6 आरोपीयो को दबोचा

वही, शिकायत मिलने के बाद थाना सेक्टर-53 पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की. जांच में सामने आया कि इस ठगी में हजारों बैंक खातों का इस्तेमाल हुआ. पुलिस ने कार्रवाई करते हुए करीब 2,500 बैंक खातों को ब्लॉक कराया और उनमें से आठ करोड़ रुपये फ्रिज कराए.

गुरुग्राम पुलिस टीम ने छापेमारी कर छह आरोपियों को काबू किया. गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान मेवात निवासी रेहान, पलवल निवासी मोहमद सकील, नूंह निवासी वकार यूनुस, मेवात निवासी वसीम अकरम, मोहम्मद आमिर, मोहम्मद अंसार के रूप में हुई..

कंपनी को हुआ 40.22 करोड़ रुपये का नुकसान

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि मोबिक्विक ऐप में ऐसी तकनीकी समस्या थी, जिसके चलते चाहे अकाउंट में बैलेंस हो या नहीं, यहां तक कि गलत पासवर्ड डालने पर भी ट्रांजैक्शन सफल हो जाते थे. आरोपियों ने इस खामी की जानकारी होते ही लगातार ट्रांजैक्शन कर कंपनी को भारी नुकसान पहुंचाया.

गिरफ्तार आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, जहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. पुलिस अब अन्य आरोपियों और लाभार्थियों की पहचान कर आगे की कार्रवाई में जुटी है.

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