पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक में किसान आंदोलन की रणनीति बनाई गई
- किसानों की शिकायत- न फसलों की पूरी कीमत मिल रही, न नुकसान की भरपाई हो रही
- भूपिंदर हुड्डा हर पंचायत जाकर किसानों को उनका हक दिलाने की बात करेंगे
- शुरुआत 16 जून को कुरुक्षेत्र से होगी
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नई दिल्ली:
देश के कई राज्यों में किसान आंदोलनों को देखते हुए हरियाणा कांग्रेस भी बड़ा किसान आंदोलन छेड़ने की तैयारी में है. पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा के घर पर हुई बैठक में इसका पूरी रणनीति बनाई गई है. इस रणनीति के मुताबिक हुड्डा हर पंचायत में जाकर किसानों को उनका हक़ दिलाने की बात करेंगे. शुरुआत 16 जून को कुरुक्षेत्र से होगी.
हुड्डा के दिल्ली स्थित घर पर बुलाई गई बैठक में सैकड़ों की तादाद में किसान पहुंचे. हुड्डा कहते हैं कि इन्होंने बस कुछ नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया था लेकिन जिस तादाद में किसान यहां पहुंचे, उससे ज़ाहिर है कि किसान किस क़दर परेशान हैं और कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं.
यहां पहुंचे किसानों की शिकायत है कि राज्य की खट्टर सरकार न तो किसानों को फसल की पूरी क़ीमत दे रही है और न ही उन्हें हुए नुकसान की भरपाई ही कर रही है. बीमा कंपनियां भी मनमाने ढंग से पेश आ रही हैं. इन किसानों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से इन्हें
- सतलज-यमुना लिंक से इनके हिस्से का पानी मिले
- कच्चे तेल की गिरी दर के अनुपात में डीज़ल की दर कम हो
- सब्ज़ियों का भी समर्थन मूल्य तय किया जाए
- गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और इसे 400 रुपये क्विंटल किया जाए.
हरियाणा में हार का सामना करने वाली कांग्रेस राज्य में अपनी ज़मीन तलाशने की कोशिश में जुट गई है. अब उम्मीद समस्या झेल रहे किसानों की नाराज़गी पर जा टिकी है.
हुड्डा के दिल्ली स्थित घर पर बुलाई गई बैठक में सैकड़ों की तादाद में किसान पहुंचे. हुड्डा कहते हैं कि इन्होंने बस कुछ नेताओं को चर्चा के लिए बुलाया था लेकिन जिस तादाद में किसान यहां पहुंचे, उससे ज़ाहिर है कि किसान किस क़दर परेशान हैं और कांग्रेस की तरफ देख रहे हैं.
यहां पहुंचे किसानों की शिकायत है कि राज्य की खट्टर सरकार न तो किसानों को फसल की पूरी क़ीमत दे रही है और न ही उन्हें हुए नुकसान की भरपाई ही कर रही है. बीमा कंपनियां भी मनमाने ढंग से पेश आ रही हैं. इन किसानों की मांग है कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के हिसाब से इन्हें
- सतलज-यमुना लिंक से इनके हिस्से का पानी मिले
- कच्चे तेल की गिरी दर के अनुपात में डीज़ल की दर कम हो
- सब्ज़ियों का भी समर्थन मूल्य तय किया जाए
- गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाया जाए और इसे 400 रुपये क्विंटल किया जाए.
हरियाणा में हार का सामना करने वाली कांग्रेस राज्य में अपनी ज़मीन तलाशने की कोशिश में जुट गई है. अब उम्मीद समस्या झेल रहे किसानों की नाराज़गी पर जा टिकी है.
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