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This Article is From Jun 22, 2017

गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष को न पहचानने वाले दो सुरक्षा कर्मियों की नौकरी गई

विधानसभा अध्यक्ष रमणलाल वोरा ने अपना निजी वाहन अस्पताल में एम्बुलेंस की पार्किंग में खड़ा किया था

गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष को न पहचानने वाले दो सुरक्षा कर्मियों की नौकरी गई
गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष रमणलाल वोरा (फाइल फोटो).
  • सुरक्षा कर्मियों ने वाहन एम्बुलेंस पार्किंग से हटाने के लिए कहा था
  • अस्पताल प्रशासन ने सिक्युरिटी एजेंसी का कॉन्ट्रेक्ट रद्द कर दिया
  • वोरा ने कहा कि एजेंसी का कॉन्ट्रेक्ट रद्द होने में उनकी कोई भूमिका नहीं
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अहमदाबाद: गुजरात विधानसभा के अध्यक्ष रमणलाल वोरा के निजी वाहन को अस्पताल में एम्बुलेंस की पार्किंग से हटवाने का खामियाजा दो सिक्युरिटी गार्डों को उठाना पड़ा है. उन्हें नौकरी से हटा दिया गया है. इतना ही नहीं यह गार्ड जिस सिक्युरिटी एजेंसी के थे उसका कॉन्ट्रेक्ट भी अस्पताल प्रशासन ने रद्द कर दिया है. हालांकि वोरा और अस्पताल प्रशासन इसके पीछे कारण वाहन हटवाने की घटना को मानने से इनकार  कर रहे हैं.

पिछले सप्ताह गुजरात विधानसभा के स्पीकर रमणलाल वोरा गांधीनगर सिविल अस्पताल में आंखों के डॉक्टर से मिलने अपने निजी वाहन में पहुंचे थे. उन्होंने वहां अपनी गाड़ी एम्बुलेंस के लिए तय जगह पर पार्क की. वहां का गार्ड स्पीकर को पहचान नहीं पाया और उसने उनसे अपनी गाड़ी एम्बुलेंस के लिए तय जगह से हटाकर रखने को कहा. इस पर बात बिगड़ गई और दो सिक्युरिटी गार्डों को इसके बाद नौकरी से हटा दिया गया.

संबंधित सिक्युरिटी एजेंसी के सिक्युरिटी अफसर जैलसिंह राजपूत का कहना है कि गार्ड अपना काम कर रहे थे इसलिए उन्हें अपनी गाड़ी वहां से हटाने को कहा. स्पीकर ने अपनी पहचान भी नहीं बताई लेकिन गार्ड को बुरा भला कहने लगे.

इस घटना के बाद गांधी नगर सिविल अस्पताल प्रशासन ने अस्पताल में सुरक्षा व्यवस्था देखने वाली एलीट सिक्युरिटी सर्विसेज को एक महीने का नोटिस देकर कॉन्ट्रेक्ट रद्द करने को कह दिया. हालांकि इस एजेंसी को अप्रैल 2019 तक के लिए कॉन्ट्रेक्ट मिला था. अस्पताल प्रशासन कहता है कि वजह स्पीकर नहीं हैं लेकिन इस एजेंसी के खिलाफ अन्य कई शिकायतें थीं इसलिए कॉन्ट्रेक्ट रद्द किया गया. हालांकि प्रशासन यह भी कहता है कि गार्ड ने स्पीकर के साथ जो किया वह भी ठीक नहीं था.

विधानसभा अध्यक्ष रमणलाल वोरा का कहना है कि उनकी सिक्युरिटी एजेंसी का कॉन्ट्रेक्ट रद्द होने में कोई भूमिका नहीं है. हालांकि अस्पताल में जो व्यवस्था होनी चाहिए थी वह पूरी तरह लचर थी. उन्होंने पूरी घटना कुछ इन शब्दों में बयां कि -  ''मैं वहां आंखें दिखाने पहुंचा था. उन्होंने बोला पहले आपनी गाड़ी जो रखी है वो ठीक नहीं है. तो मैंने बोला वो आपकी बात सही है लेकिन कहीं लिखा नहीं है कहां पार्किंग करना है, तो गलती हो गई वो हटा लेंगे, लेकिन वो डॉक्टर कहां मिलेंगे. तो बोला मुझे मालूम नहीं है. मैंने कहा आप नौकरी करते हो और इतना मालूम नहीं है, तो बोला नहीं है तो नहीं है. दूसरे गार्ड को कहा तो दूसरे ने भी ऐसा ही जवाब दिया. बाद में मैं खुद डॉक्टर के पास चला गया और बात खत्म हो गई. लेकिन वहां कोई व्यवस्था नहीं थी.''

बहरहाल इस पूरे मामले में दो सिक्युरिटी गार्डों की रोजीरोटी छिन गई है.

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