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केरल में वंदे भारत ट्रेन में आरएसएस गीत गाने पर विवाद, CM ने दिये जांच के आदेश, जानें पूरा मामला

केरल के स्कूली छात्रों द्वारा शनिवार को एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का "गणगीतम" (गान) गाए जाने से विवाद खड़ा हो गया है और राज्य सरकार ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं. इस बीच, स्कूल के प्रधानाचार्य छात्रों के समर्थन में सामने आए हैं और कहा है कि यह एक देशभक्ति गीत है और दक्षिण रेलवे के निर्देश पर नहीं गाया गया था.

केरल में वंदे भारत ट्रेन में आरएसएस गीत गाने पर विवाद, CM ने दिये जांच के आदेश, जानें पूरा मामला
क्‍या संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ?
  • केरल सरकार ने वंदे भारत एक्सप्रेस में छात्रों द्वारा आरएसएस के गीत गाने के मामले की जांच के आदेश दिए हैं
  • सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने लोक शिक्षण निदेशक को जांच कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं
  • स्कूल प्रिंसिपल डिंटो के.पी. ने इसे देशभक्ति गीत बताया और बच्चों के समर्थन में बयान जारी किया है
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तिरुवनंतपुरम:

केरल में आरएसएस के गीत को लेकर राजनीति शुरू हो गई है. राज्‍य सरकार इसे रेलवे अधिकारियों का खेल बता रही है. इसलिए केरल सरकार ने एर्नाकुलम से बेंगलुरु जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस के उद्घाटन के बाद ट्रेन में स्कूली छात्रों से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के गीत का गायन कराने के दक्षिणी रेलवे के कथित कदम की जांच के आदेश दिये हैं. हालांकि, केंद्रीय मंत्रियों ने इस घटना को उचित ठहराते हुए कहा कि यह एक देशभक्ति गीत है. केरल के सामान्य शिक्षा मंत्री वी शिवनकुट्टी ने लोक शिक्षण निदेशक (डीपीआई) को इस संबंध में जांच कर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. मंत्री के कार्यालय की ओर से जारी बयान के मुताबिक, शिवनकुट्टी ने कहा कि सरकार इस घटना को बेहद गंभीरता से ले रही है. इस बीच स्‍कूल की प्रिंसिपल भी बच्‍चों के समर्थन में उतर आई हैं. 

क्‍या है विवाद?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को एर्नाकुलम-बेंगलुरु वंदे भारत एक्सप्रेस का वर्चुअल उद्घाटन किया. उद्घाटन के तुरंत बाद, दक्षिण रेलवे ने ट्रेन में छात्रों द्वारा आरएसएस का गीत गाते हुए एक कथित वीडियो शेयर किया था. हालांकि, ट्रोल होने के बाद, वीडियो को हटा दिया गया और फिर अंग्रेजी अनुवाद के साथ फिर से शेयर किया गया.

छात्रों के समर्थन में उतरे स्‍कूल प्रिंसिपल  

इस बीच छात्रों द्वारा इस गीत को उचित ठहराते हुए, एलमक्कारा स्थित सरस्वती विद्यानिकेतन पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल डिंटो के.पी. ने इसे एक देशभक्ति गीत बताया. उन्होंने कहा कि यह गीत दक्षिण रेलवे के निर्देशानुसार नहीं गाया गया था, बल्कि बच्चों ने इसे मलयालम देशभक्ति गीत के रूप में स्वयं गाने का विकल्प चुना था. प्रिंसिपल ने यह भी स्वीकार किया कि विवाद के बाद जब दक्षिण रेलवे के एक्स हैंडल से इस गीत का वीडियो हटा दिया गया, तो स्कूल प्रशासन ने प्रधानमंत्री कार्यालय और केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र भेजे थे. उन्होंने कहा, 'हमें नहीं पता कि राज्य के शिक्षा मंत्री ने इस मामले की जांच के आदेश क्यों दिए? अगर सामान्य शिक्षा विभाग अपनी कार्रवाई करता है, तो हम कानूनी रास्ता अपनाने पर विचार करेंगे.'

क्‍या संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन हुआ?

विपक्षी दल कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की और बच्चों को 'सांप्रदायिक उद्देश्य' के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति देने के लिए स्कूल अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जांच की घोषणा करते हुए शिवनकुट्टी ने कहा कि सरकारी कार्यक्रमों में बच्चों का राजनीतिकरण करना और किसी खास समूह के सांप्रदायिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए उनका इस्तेमाल करना संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है. मंत्री ने कहा, 'लोक शिक्षण निदेशक (डीपीआई) को तुरंत जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया गया है.' उन्होंने कहा कि रिपोर्ट के निष्कर्षों के आधार पर आगे उचित कार्रवाई की जाएगी. शिवनकुट्टी ने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष एवं राष्ट्रीय मूल्यों को बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है और इन सिद्धांतों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे.  

बीजेपी नेताओं ने किया बचाव

हालांकि, केंद्रीय मंत्री सुरेश गोपी ने नयी ट्रेन में छात्रों द्वारा आरएसएस का गीत गाए जाने के घटनाक्रम को रविवार को सही ठहराया. उन्होंने त्रिशूर में पत्रकारों से कहा कि यह बच्चों के निश्छल जश्न का हिस्सा था. पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस और पर्यटन राज्य मंत्री ने कहा, 'उन्हें उस समय वह गाना गाने का मन हुआ और उन्होंने इसे गा दिया। वैसे भी यह कोई अतिवादी गाना नहीं है.' राज्य से एक अन्य केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन ने भी बच्चों द्वारा आरएसएस गीत के गायन का पुरजोर बचाव किया और पूछा कि ‘गणगीतम' में सांप्रदायिक क्या है. उन्होंने कहा कि जो लोग विदेश में भारत-विरोधी भावनाओं का प्रचार करने की कोशिश करते हैं, उन्हें यह गीत पसंद नहीं आ सकता.

मुख्‍यमंत्री ने कहा- संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन

केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने इसे लेकर दक्षिण रेलवे की निंदा की थी. उन्होंने कहा था कि कथित तौर पर लगातार सांप्रदायिक विभाजनकारी राजनीति फैलाने वाले आरएसएस के गीत को सरकार के आधिकारिक कार्यक्रम में शामिल करना संवैधानिक सिद्धांतों का उल्लंघन है. मुख्यमंत्री ने कहा था कि संघ परिवार द्वारा रेलवे का इस्तेमाल अपने कथित सांप्रदायिक राजनीतिक प्रचार के लिए किया जाना अस्वीकार्य है. वहीं, सतीशन ने कहा था कि सरकारी कार्यक्रम में छात्रों से आरएसएस का गीत गवाना ‘अवैध और अलोकतांत्रिक' है. दक्षिण रेलवे ने व्यापक आलोचना के बाद इस सोशल मीडिया ‘पोस्ट' को कथित तौर पर हटा लिया था.

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