
ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने पीएम की त्वचा के रंग पर कसा तंज.
नई दिल्ली:
गुजरात में चुनाव का शोर अब थम गया है. गुरुवार को होने वाले दूसरे और अंतिम चरण के मतदान के लिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों कमर कसकर तैयार हो गए हैं. दोनों पार्टियों के दिग्गज नेता आज प्रचार के अंतिम दिन अलग-अलग अंदाज में जनता से रुबरू हुए. इस बीच ओबीसी नेता अल्पेश ठाकोर ने पीएम मोदी की त्वचा के रंग पर टिप्पणी कर दी. अल्पेश ने कहा कि मोदी जब अब गोरे हो गए हैं, पहले वह मेरे जैसे काले थे. उन्होंने कहा कि वह ताइवान का मशरूम खाकर गोरे हो गए हैं. इसके बाद टि्वटर पर 'इंपोर्टेड मशरूम' पर लोक जमकर चुटकी ले रहे हैं.
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अल्पेश ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि किसी ने मुझसे कहा कि मोदी साहब जो खाते हैं वह आप नहीं खा पाएंगे. इसके बाद मैंने पूछा कि मोदी साहब ऐसा क्या खाते हैं जो मैं नहीं खा सकता? उसने कहा कि वह मशरूम खाते हैं. तब मैंने कहा कि इसमें क्या बात है, मशरूम तो हर जगह मिल जाता है. इस पर उसने कहा कि मोदी जी जो मशरूम खाते हैं वह ताइवान से आता है. वह एक दिन में पांच मशरूम खा जाते हैं.
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अल्पेश ने कहा कि ताइवान से जो मशरूम आता है उस एक मशरूम की कीमत 80 हजार रुपये है. उन्होंने कहा, मैंने उससे पूछा कि जब वह प्रधानमंत्री थे तब से, तो उसने कहा कि नहीं जब वह मुख्यमंत्री थे तभी से खाते हैं. उन्होंने कहा कि तभी वह गोरे और लाल हो गए हैं, नहीं तो पहले मेरे जैसे काले थे. अल्पेश ने कहा कि मैंने मोदी जी की 35 साल पुरानी तस्वीरें भी देखी हैं. उस समय वह मेरे जैसे काले थे.
VIDEO : ताइवान का मशरूम खाकर गोरे हो गए हैं पीएम
एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, हालांकि प्रधानमंत्री आम आदमी होने का दावा करते हैं, लेकिन वह ऐसे हैं नहीं, वह गुजरात के लिए अपने प्यार का दावा करते हैं, लेकिन गुजराती खाना पसंद नहीं करते हैं. ठाकोरे ने भाजपा पर बाढ़ पीड़ितों के लिए आए पैसों को हड़पने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, 'जो 1,500 करोड़ रुपये बनासकांठा के बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए थे, वे गुजरात के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की जेब में चलेठाकोर ने ओबीसी समुदाय, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के मोर्चे का गठन किया था, जिसे उन्होंने ओएसएस एकता मंच का नाम दिया। गुजरात चुनावों में उन्होंने कांग्रेस से हाथ मिलाया है।
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अल्पेश ने चुनाव प्रचार के दौरान कहा कि किसी ने मुझसे कहा कि मोदी साहब जो खाते हैं वह आप नहीं खा पाएंगे. इसके बाद मैंने पूछा कि मोदी साहब ऐसा क्या खाते हैं जो मैं नहीं खा सकता? उसने कहा कि वह मशरूम खाते हैं. तब मैंने कहा कि इसमें क्या बात है, मशरूम तो हर जगह मिल जाता है. इस पर उसने कहा कि मोदी जी जो मशरूम खाते हैं वह ताइवान से आता है. वह एक दिन में पांच मशरूम खा जाते हैं.
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अल्पेश ने कहा कि ताइवान से जो मशरूम आता है उस एक मशरूम की कीमत 80 हजार रुपये है. उन्होंने कहा, मैंने उससे पूछा कि जब वह प्रधानमंत्री थे तब से, तो उसने कहा कि नहीं जब वह मुख्यमंत्री थे तभी से खाते हैं. उन्होंने कहा कि तभी वह गोरे और लाल हो गए हैं, नहीं तो पहले मेरे जैसे काले थे. अल्पेश ने कहा कि मैंने मोदी जी की 35 साल पुरानी तस्वीरें भी देखी हैं. उस समय वह मेरे जैसे काले थे.
VIDEO : ताइवान का मशरूम खाकर गोरे हो गए हैं पीएम
एक चुनावी रैली में उन्होंने कहा, हालांकि प्रधानमंत्री आम आदमी होने का दावा करते हैं, लेकिन वह ऐसे हैं नहीं, वह गुजरात के लिए अपने प्यार का दावा करते हैं, लेकिन गुजराती खाना पसंद नहीं करते हैं. ठाकोरे ने भाजपा पर बाढ़ पीड़ितों के लिए आए पैसों को हड़पने का आरोप भी लगाया. उन्होंने कहा, 'जो 1,500 करोड़ रुपये बनासकांठा के बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए थे, वे गुजरात के भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की जेब में चलेठाकोर ने ओबीसी समुदाय, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति समुदाय के मोर्चे का गठन किया था, जिसे उन्होंने ओएसएस एकता मंच का नाम दिया। गुजरात चुनावों में उन्होंने कांग्रेस से हाथ मिलाया है।
इसके बाद ट्विटर पर भी पीएम मोदी के 'इंपोर्टेड मशरूम' पर कमेंट्स आ रहे हैं. एक यूजर ने एक फोटो शेयर किया है जिसमें मशरूम खाने के पहले और बाद की दोनों तस्वीरें लगाई गई है. फोटो के साथ लिखा है, 'इंपोर्टेड मशरूम खाने से पहले और बाद की तस्वीर'.Before and After having Imported Mushroom #ImportedMushroom #MushroomEffect pic.twitter.com/IK8k8yJkYH
— yatin sangoi (@Y4T1N) December 12, 2017
वहीं, एक अन्य यूजर ने एक फोटो शेयर करते हुए लिखा है कि 'काला रंग भी सुंदर है'. इंपोर्टेड मशरूम की जरूरत नहीं है.Now social activists will campaign like:
— Shivani Nani (@vanisaxenaa) December 12, 2017
Dark is beautiful. Say No to #ImportedMushroom . pic.twitter.com/8RUg0WbhEE
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