विज्ञापन
This Article is From Dec 10, 2017

Gujarat Polls : मेहसाणा ने भाजपा को किया बेचैन, पीएम नरेंद्र मोदी के गृहनगर में भी असंतोष

भाजपा कार्यकर्ता इस बात को लेकर आशंकित हैं कि पाटीदारों की नाराजगी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है.

Gujarat Polls : मेहसाणा ने भाजपा को किया बेचैन, पीएम नरेंद्र मोदी के गृहनगर में भी असंतोष
भाजपा कार्यकर्ताओं को आशंका है कि पाटीदारों की नाराजगी पार्टी को नुकसान पहुंचा सकती है
मेहसाणा/वडनगर: गुजरात में ऐसा आम तौर पर देखने को नहीं मिलता कि पिछले 22 सालों से सत्ता पर काबिज भाजपा का कार्यकर्ता आपको यह कहता मिल जाए कि इस बार पार्टी के लिए चुनावों में राह आसान नहीं है. अगर ऐसा कोई भाजपा कार्यकर्ता आपका मिल जाए वो भी प्रधानमंत्री के गृहनगर वडनगर में तो यह राज्य के इस हिस्से में असंतोष का साफ संकेत है. पार्टी यहां लगातार पांचवीं बार सत्ता में लौटने की कोशिश में जुटी है. भाजपा के पुराने कार्यकर्ता दीक्षित पटेल चिंतित हैं कि 2015 में आरक्षण को लेकर प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा से नाराज पाटीदार समाज का गुस्सा चुनाव के दिन फूट सकता है. यह पार्टी के लिए मुश्किल खड़ी कर सकता है. प्रदेश में दूसरे चरण के लिए 14 दिसंबर को होने वाले चुनाव के लिए ऐसा पूर्वाभास सिर्फ उनका ही नहीं है. मेहसाणा जिले में भाजपा के खेमे में माहौल तनाव का है. इस जिले में सात विधानसभा सीटें आती हैं. मेहसाणा और वडनगर दोनों मेहसाणा जिले में आते हैं. वडनगर जहां उंझा विधानसभा क्षेत्र का हिस्सा है वहीं मेहसाणा शहर (प्रदेश निर्वाचन कार्यालय की सूची में मेहसाणा) एक अलग विधानसभा क्षेत्र है.

यह भी पढ़ें : मोदी जी, गुजरात में हम आपको प्यार से, बिना गुस्से के हराने जा रहे हैं : राहुल गांधी

भाजपा कार्यकर्ता इस बात को लेकर आशंकित हैं कि पाटीदारों की नाराजगी पार्टी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है. वे कहते हैं कि यह सबकुछ मेहसाणा में दो साल पहले शुरू हुआ. जो हार्दिक पटेल के नेतृत्व वाले पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के आंदोलन का केंद्र था. आरक्षण के लिए किए गए प्रदर्शन ने हिंसक मोड़ ले लिया, लोग मारे गए. पाटीदार नेताओं को जेल भेज दिया गया और सरकार ने समुदाय के लिए आरक्षण की उनकी मांग पर अपने कान बंद कर लिए. ऊपर भले ही सब कुछ शांत लगे, अंदर ही अंदर आग अब भी सुलग रही है.

यह भी पढ़ें : पाकिस्‍तानी सेना के पूर्व डीजी क्यों चाहते हैं अहमद पटेल बनें गुजरात के मुख्यमंत्री : पीएम मोदी

दीक्षित ने कहा, 'एक व्यक्ति हार्दिक से ज्यादा, पाटीदार आंदोलन का मुद्दा है जो पटेलों को जोड़ रहा है, खासकर युवाओं को. गुजरात में पटेल भाजपा का आधार हैं. पार्टी आज जो है वह हमने बनाई है इसलिये यह स्वाभाविक है कि अगर वे हमारा पाला छोड़ते हैं तो इसका असर गहरा होगा.' पाटीदारों के बाहुल्य वाले इस इलाके में भाजपा के अधिकतर पदाधिकारी इसी समुदाय से आते हैं. फिर चाहे वह वडनगर में दीक्षित हों या अच्छी तरह से विकसित शहरी बसावट वाले मेहसाणा शहर में फाल्गुन पटेल, चिंता स्पष्ट है. मेहसाणा नगर पालिका में भाजपा के पार्षद फाल्गुन पटेल ने यह भी माना कि इस बार मुकाबला बेहद कड़ा है, क्योंकि पटेल समुदाय में नाराजगी है. उन्होंने समुदाय के बारे में कहा इसे खरीदा नहीं जा सकता.

यह भी पढ़ें : शंकर सिंह वाघेला ने कहा, गुजरात में कांग्रेस जीत सकती थी लेकिन...

पार्टी संभावित नुकसान कम करने के प्रयास में जुटी है. उंझा सीट से पार्टी ने लगातार छठी बार जीत के सपने के साथ स्थानीय विधायक नारायणभाई किस्मत आजमा रहे हैं, जो उमिया धाम मंदिर के प्रमुख हैं जिन्हें पटेल समुदाय में श्रद्धेय हैं. उनके सामने कांग्रेस की आशाबेन पटेल हैं. वहीं मेहसाणा सीट से भाजपा ने उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस के जीवाभाई पटेल उन्हें मुख्य चुनौती दे रहे हैं. मुकाबला कड़ा है इस बात का जिक्र फाल्गुन पटेल कुछ आंकड़ों के जरिये भी करते हैं.

यह भी पढ़ें : अखिलेश यादव ने कहा, भाजपा को नोटबंदी, जीएसटी का असर गुजरात चुनाव के नतीजों में दिखेगा

फाल्गुन कहते हैं, 'मेहसाणा सीट में करीब 2.57 लाख मतदाता हैं जिनमें से 52,000 पाटीदार हैं. अपने लिए सबसे आदर्श स्थिति को भी ध्यान में रखें तो पाटीदारों में से 18,000 से ज्यादा हमारे लिए वोट नहीं करेंगे और पटेल हमारी ताकत रहे हैं.' उन्होंने कहा कि पाटीदारों के दूर होने की भरपाई पार्टी ठाकोर (करीब 40,000) और प्रजापति (करीब 26,000) तथा चौधरी (करीब 17,000) जैसे दूसरे ओबीसी समुदायों पर ध्यान केंद्रित कर करने की कोशिश कर रही है. फाल्गुन ने कहा, 'ठाकोर के मत सामान्य तौर पर कांग्रेस के लिए आरक्षित रहते हैं. लेकिन इस बार कांग्रेस के पाटीदारों को आरक्षण का वादा कर उन्हें लुभाने के प्रयास को देखते हुए हमें उम्मीद है कि ओबीसी भाजपा की तरफ झुकेंगे. ओबीसी यह समझते हैं कि अगर आरक्षण फलीभूत हुआ तो उन्हें नुकसान होगा.'

यह भी पढ़ें : पहले चरण की वोटिंग से संतुष्ट अरुण जेटली बोले- भाजपा गुजरात में जीत रही है

हर कोई इतना मायूस नहीं है. मेहसाणा-पालनपुर राजमार्ग पर स्टेशनरी की दुकान चलाने वाले 73 वर्षीय जेके भरोट हमेशा की तरह ही आशावान हैं. उन्होंने कहा, एके पटेल 1984 में जब चुनाव जीते थे उसी बार की तरह मुझे अब भी उम्मीद है. मोदी का जादू फिर काम करेगा. उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री 'एक महान व्यक्ति' हैं. एके पटेल मेहसाणा संसदीय क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुने जाने वाले भाजपा के पहले नेता थे.

VIDEO : गुजरात में दूसरे दौर के चुनाव के लिए प्रचार चरम पर
उंझा और मेहसाणा के अलावा जिले की पांच अन्य विधानसभा सीटें खेरालू, विसनगर, बेचाराजी, कडी (सु.) और वीजापुर हैं.

(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com