हार्दिक पटेल (फाइल फोटो)
अहमदाबाद:
गुजरात में आज पहले चरण के चुनाव में 89 सीटों पर वोटिंग हो रही है. हार्दिक पटेल की पाटीदार अमानत आंदोलन समिति के वरिष्ठ नेता दिनेश बंभानिया ने आरोप लगाया है कि आंदोलन के नेता का कांग्रेस पार्टी को समर्थन देना उनके बीच किसी प्रकार की ‘फिक्सिंग’ की ओर इशारा करता है.
बंभानिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि अगर वह सत्ता में आती है तो वह पाटीदार समुदाय को किस प्रकार से आरक्षण देगी और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि पटेल उन्हें समर्थन क्यों दे रहे हैं.
Live : हर पल के अपडेट के लिए यहां करें क्लिक
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव घोषणापत्र में कांग्रेस ने स्पष्ट नहीं किया है कि गुजरात में सत्ता में आने के बाद वह हमें ओबीसी कोटा में किस प्रकार से आरक्षण देगी. इससे पता चलता है कि कांग्रेस कभी हमें आरक्षण देना ही नहीं चाहती थी. इसके बावजूद वह कांग्रेस के पक्ष में रैलियां कर रहे हैं.’’
हार्दिक पटेल बोले- हमें हमारा अधिकार दे दो, घर बैठ जाएंगे
VIDEO- नाना पटोले का पार्टी से इस्तीफ़ा, दिनेश बम्भाणिया हार्दिक से अलग हुए
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि हमें ओबीसी कोटा में किस प्रकार से आरक्षण मिलेगा. हार्दिक इस विषय पर मौन हैं. मुझे इसमें फिक्सिंग नजर आ रही है. हमारी लड़ाई किसी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए नहीं थी. कम से कम मैं तो किसी पार्टी का एजेंट बनने के लिए तैयार नहीं हूं. हार्दिक को आंदोलन का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.’’
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)
बंभानिया ने कहा कि कांग्रेस पार्टी यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि अगर वह सत्ता में आती है तो वह पाटीदार समुदाय को किस प्रकार से आरक्षण देगी और उन्हें समझ में नहीं आ रहा है कि पटेल उन्हें समर्थन क्यों दे रहे हैं.
Live : हर पल के अपडेट के लिए यहां करें क्लिक
उन्होंने कहा, ‘‘चुनाव घोषणापत्र में कांग्रेस ने स्पष्ट नहीं किया है कि गुजरात में सत्ता में आने के बाद वह हमें ओबीसी कोटा में किस प्रकार से आरक्षण देगी. इससे पता चलता है कि कांग्रेस कभी हमें आरक्षण देना ही नहीं चाहती थी. इसके बावजूद वह कांग्रेस के पक्ष में रैलियां कर रहे हैं.’’
हार्दिक पटेल बोले- हमें हमारा अधिकार दे दो, घर बैठ जाएंगे
VIDEO- नाना पटोले का पार्टी से इस्तीफ़ा, दिनेश बम्भाणिया हार्दिक से अलग हुए
उन्होंने कहा, ‘‘यह स्पष्ट नहीं है कि हमें ओबीसी कोटा में किस प्रकार से आरक्षण मिलेगा. हार्दिक इस विषय पर मौन हैं. मुझे इसमें फिक्सिंग नजर आ रही है. हमारी लड़ाई किसी पार्टी को सत्ता में लाने के लिए नहीं थी. कम से कम मैं तो किसी पार्टी का एजेंट बनने के लिए तैयार नहीं हूं. हार्दिक को आंदोलन का राजनीतिकरण नहीं करना चाहिए.’’
(इनपुट- न्यूज एजेंसी भाषा)
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं