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क्या आप जानते हैं केमिकल वाले पके आम खाने से क्या होता है, ऐसे करें असली और नकली आम की पहचान

Side Effects Of Eating Ripe Mangoes: आम स्वादिष्ट जरूर है, लेकिन जल्दी और जबरन पकाए गए आम सेहत के लिए हानिकारक हो सकते हैं.

क्या आप जानते हैं केमिकल वाले पके आम खाने से क्या होता है, ऐसे करें असली और नकली आम की पहचान
Mango Side Effects: इस तरह आम खाने के हो सकते हैं नुकसान.

Side Effects Of Eating Ripe Mangoes: गर्मियों का नाम आते ही आम की बात होना तय है. यह फल बच्चों से लेकर बड़ों तक सभी का पसंदीदा होता है. लेकिन आजकल बाजार में जो आम दिखाई देते हैं, वो अक्सर समय से पहले ही पहुंच जाते हैं इन फलों को देखने में ये जितने सुंदर लगते हैं, हकीकत में उतने ही खतरनाक भी हो सकते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि फल के स्वाद से ज्यादा उसकी क्वालिटी को महत्व दिया जाए. आइए जानते हैं डॉक्टर समीर भाटी से गर्मियों में पके आम खाने से क्या हो सकता है.

आर्टिफिशली पके आम खाने के नुकसान (Side Effects Of Eating Ripe Mangoes)

आम का सीज़न
असल में आम का मौसम मई-जून के आसपास शुरू होता है. लेकिन आजकल फरवरी या मार्च से ही बाजार में पीले-खुशबूदार आम मिलने लगते हैं. ये आम पेड़ पर नहीं पकते, बल्कि इन्हें बाहर से पकाया जाता है. इसके लिए केमिकल का इस्तेमाल होता है, जैसे कैल्शियम कार्बाइड. यही वो वजह है जिससे आम का रंग जल्दी पीला हो जाता है और वो जल्दी बिकने लायक दिखने लगता है.

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आखिर क्यों परेशानी का कारण बन जाएंगे ये पके हुऐ आम?
सबसे पहले तो ये बात जाननी जरूरी है कि कैल्शियम कार्बाइड एक जहरीला पदार्थ है. जब आम पर इसे छिड़का जाता है या इसके साथ रखा जाता है, तो वो फल बाहर से तो पक जाता है लेकिन अंदर से कच्चा रहता है. इस केमिकल के कारण आम में ऐसे तत्व बनते हैं जो शरीर में जाकर गैस, जलन, दस्त, उल्टी और सिरदर्द जैसी समस्याएं पैदा करते हैं.

किसे नहीं खाना चाहिए?
जिन लोगों को पहले से पेट से जुड़ी कोई परेशानी हो जैसे गैस बनना, एसिडिटी या पेट फूलना उनके लिए ऐसे आम और भी ज्यादा नुकसानदायक होते हैं. अगर बच्चों ने ज्यादा मात्रा में ऐसे आम खा लिए तो उन्हें फूड पॉइज़निंग तक हो सकती है. कई बार तो लगातार केमिकल वाले फल खाने से लीवर पर भी असर पड़ता है.

तो कैसे पहचानें कि आम प्राकृतिक तरीके से पका है या केमिकल से?

1.खुशबू - असली आम में हल्की मिठास वाली खुशबू होती है. केमिकल वाले आम में तीखी गंध आती है या कोई खास खुशबू नहीं होती.
2.रंग - पेड़ पर पका आम एक जैसा पीला नहीं होता है. उसमें कहीं-कहीं हरे या हल्के भूरे निशान होते हैं. जो आम एकदम एकसार पीले हों, वो शक के घेरे में आते हैं.
3.छूकर देखना - केमिकल से पके आम ज़्यादा मुलायम हो जाते हैं, जबकि असली आम में थोड़ा कसाव होता है.
4.ज्यादा चमकदार आम - अगर आम पर चमक असामान्य लगे तो समझिए कि कुछ गड़बड़ है.

इन आसान तरीको से बचने में मदद मिलेगी हैं.
1. हमेशा लोकल और सीजन के अनुसार ही आम खरीदें.
2. बिना जरूरत आम को काटकर न रखें, खासकर जब वह शक के घेरे में हो.
3. बच्चों और बुजुर्गों को सीमित मात्रा में ही आम दें.
4. कोशिश करें कि आम को घर पर खुद पकने दें, अखबार में लपेटकर कुछ दिन रखें.

कैसे करें असली और नकली आम की पहचान? (How to identify if the mango is naturally or artificially ripened?)

(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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