
न्यूयॉर्क:
सिगरेट पीने से न सिर्फ कुछ जीवाणु मुंह में जमा हो जाते हैं, बल्कि वे शरीर के इम्यून सिस्टम पर भी हावी हो जाते हैं, जिसके कारण मुंह संबंधी कई बीमारियां हो सकती हैं। एक नए शोध से यह जानकारी मिली है। ये जीवाणु दांत, हृदय वॉल्व और धमनियों में बायोफिल्म्स का निर्माण करते हैं। बॉयोफिल्म कई सारी सूक्ष्म जीवाणुओं से मिलकर बनी जटिल संरचना होती है।
शोधकर्ताओं में से एक अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ लूईसविले स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री के डेविड स्कॉट ने कहा, "एक बार ये रोगाणु अपने आप को बॉयोफिल्म में तब्दील कर लेते हैं। फिर इसका उन्मूलन काफी कठिन हो जाता है, क्योंकि यह मेजबान के इम्यून सिस्टम के खिलाफ अवरोध उत्पन्न कर देता है। यहां तक कि इनपर एंटीबायोटिक दवाओं का भी असर नहीं होता है और लगातार इंफेक्शन में मदद करने लगता है।"
स्कॉट ने कहा, "इसके अलावा बॉयोफिल्म जीवाणुओं के ग्रुप के बीच अनुवांशिक सामग्रियों का भी आदान-प्रदान करते हैं, जिसके कारण इनकी एंटीबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है और इंफेक्शन को काफी अधिक बढ़ावा मिलने लगता है।"
शोधकर्ताओं का कहना है कि जीवाणुओं से बना यह बॉयोफिल्म हृदय के वॉल्व पर जमा होने से हृदय में इंफेक्शन होने लगता है। इसके कारण कई दूसरी नई समस्याएं भी पैदा हो जाती है।
यह शोध टोबैको इनड्स्ड नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
शोधकर्ताओं में से एक अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ लूईसविले स्कूल ऑफ डेंटिस्ट्री के डेविड स्कॉट ने कहा, "एक बार ये रोगाणु अपने आप को बॉयोफिल्म में तब्दील कर लेते हैं। फिर इसका उन्मूलन काफी कठिन हो जाता है, क्योंकि यह मेजबान के इम्यून सिस्टम के खिलाफ अवरोध उत्पन्न कर देता है। यहां तक कि इनपर एंटीबायोटिक दवाओं का भी असर नहीं होता है और लगातार इंफेक्शन में मदद करने लगता है।"
स्कॉट ने कहा, "इसके अलावा बॉयोफिल्म जीवाणुओं के ग्रुप के बीच अनुवांशिक सामग्रियों का भी आदान-प्रदान करते हैं, जिसके कारण इनकी एंटीबायोटिक के खिलाफ प्रतिरोधी क्षमता बढ़ जाती है और इंफेक्शन को काफी अधिक बढ़ावा मिलने लगता है।"
शोधकर्ताओं का कहना है कि जीवाणुओं से बना यह बॉयोफिल्म हृदय के वॉल्व पर जमा होने से हृदय में इंफेक्शन होने लगता है। इसके कारण कई दूसरी नई समस्याएं भी पैदा हो जाती है।
यह शोध टोबैको इनड्स्ड नामक पत्रिका में प्रकाशित किया गया है।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
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