
न्यूयॉर्क:
अगर आप सालों पहले धूम्रपान करना छोड़ चुके हैं और यह सोच रहे हैं कि इससे आपको कोई खतरा नहीं है, तो सावधान हो जाइए! एक शोध से पता चला है कि 15 साल पहले धूम्रपान छोड़ने वाले व्यक्तियों को भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा हो सकता है।
यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स (यूएसपीएसटीएफ) ने कैंसर की जांच का जो मौजूदा स्तर तय किया है, उसके अनुसार 55 से 80 साल की उम्र के ऐसे व्यक्तियों को सीटी स्कैन कराना चाहिए, जिन्होंने लगातार 30 साल तक सिगरेट का सेवन किया या फिर 15 साल पहले छोड़ चुके हैं।
अध्ययन के मुख्य लेखक पिंग यांग ने बताया कि ऐसे दो से तीन तिहाई मरीज हैं, जिन्हें हाल ही में फेफड़ों के कैंसर का पता चला है। अन्य जोखिम श्रेणियों में जिन मरीजों ने 15 से 30 साल पहले धूम्रपान छोड़ दिया है, उनमें भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा पाया गया है।
कई लोग ऐसा मानते हैं कि जिन लोगों ने कई सालों से धूम्रपान करना छोड़ दिया है, उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। यांग ने बताया कि “लोगों द्वारा बनाई गई यह धारणा एकदम गलत है। जिन्होंने 15 साल पहले धूम्रपान करना छोड़ दिया है, उन पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है, क्योंकि उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक होता है”।
यांग के अनुसार अगर सीटी स्कैन जांच कराकर, फेफड़ों में कैंसर का स्तर पता लगा सकें, तो ऐसा करके कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों को फेफड़ों के कैंसर संबंधी जांच के दिशा-निर्देशों में 15 साल पहले धूम्रपान छोड़ चुके व्यक्तियों को शामिल करना चाहिए।
यूएस प्रिवेंटिव सर्विसेज टास्क फोर्स (यूएसपीएसटीएफ) ने कैंसर की जांच का जो मौजूदा स्तर तय किया है, उसके अनुसार 55 से 80 साल की उम्र के ऐसे व्यक्तियों को सीटी स्कैन कराना चाहिए, जिन्होंने लगातार 30 साल तक सिगरेट का सेवन किया या फिर 15 साल पहले छोड़ चुके हैं।
अध्ययन के मुख्य लेखक पिंग यांग ने बताया कि ऐसे दो से तीन तिहाई मरीज हैं, जिन्हें हाल ही में फेफड़ों के कैंसर का पता चला है। अन्य जोखिम श्रेणियों में जिन मरीजों ने 15 से 30 साल पहले धूम्रपान छोड़ दिया है, उनमें भी फेफड़ों के कैंसर का खतरा पाया गया है।
कई लोग ऐसा मानते हैं कि जिन लोगों ने कई सालों से धूम्रपान करना छोड़ दिया है, उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा कम हो जाता है। लेकिन ऐसा बिलकुल नहीं है। यांग ने बताया कि “लोगों द्वारा बनाई गई यह धारणा एकदम गलत है। जिन्होंने 15 साल पहले धूम्रपान करना छोड़ दिया है, उन पर अधिक ध्यान देने की ज़रूरत है, क्योंकि उनमें फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक होता है”।
यांग के अनुसार अगर सीटी स्कैन जांच कराकर, फेफड़ों में कैंसर का स्तर पता लगा सकें, तो ऐसा करके कई जिंदगियां बचाई जा सकती हैं। इसके अलावा स्वास्थ्य अधिकारियों को फेफड़ों के कैंसर संबंधी जांच के दिशा-निर्देशों में 15 साल पहले धूम्रपान छोड़ चुके व्यक्तियों को शामिल करना चाहिए।
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