
- कांग्रेस ने माई बहिन मान योजना के तहत महिलाओं को 2500 रुपये प्रति माह देने की घोषणा की है.
- कांग्रेस बिहार में पांच लाख सैनेटरी पैड बांटेगी.
- बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या तीन करोड़ 50 लाख से अधिक है.
- कांग्रेस महागठबंधन का हिस्सा है, जिसमें राजद, वीआईपी और वाम दल शामिल हैं.
बिहार कांग्रेस ने कहा है कि उसकी सरकार बनने पर 'माई बहिन मान योजना' के तहत महिलाओं को 25सौ रुपये हर महीने दिए जाएंगे. इसकी घोषणा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष और विधायक राजेश कुमार ने शुक्रवार को एक संवाददाता सम्मेलन में की. इसके साथ ही कांग्रेस ने बिहार में महिलाओं में पांच लाख सैनेटरी पैड बांटने की घोषणा की है. बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव प्रस्तावित हैं. बिहार में महिला मतदाताओं की संख्या तीन करोड़ 50 लाख से अधिक है.
कांग्रेस ने मारी बाजी
कांग्रेस बिहार में महागठबंधन का हिस्सा है. इसमें उसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल, वीआईपी और वाम दल शामिल हैं. कांग्रेस के अलावा राजद ने भी इसी तरह की एक योजना का जिक्र किया है. कांग्रेस ने जिस योजना की घोषणा की है, उसे सबसे पहले राजद नेता तेजस्वी यादव लेकर आए थे. लेकिन वो इसका कभी औपचारिक तौर पर ऐलान नहीं कर पाए. वहीं कांग्रेस ने इस साल मई में ही इस योजना का औपचारिक ऐलान कर दिया था. पटना में पार्टी कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में पार्टी की महिला शाखा की राष्ट्रीय अध्यक्ष अलका लांबा ने 'माई बहिन मान योजना'की घोषणा की थी.
लांबा ने कहा था कि योजना के लिए महिलाओं से गारंटी फॉर्म भरवाया जाएगा. बिहार में महागठबंधन की सरकार बनने पर हर जरूरतमंद महिला के खाते में हर महीने 2500 रुपये की सम्मान राशि सीधे भेजी जाएगी. इस अभियान के लिए उन्होंने एक मिस्ड कॉल नंबर भी जारी किया था.कांग्रेस ने शुक्रवार को इस योजना के साथ-साथ महिलाओं के लिए सैनेटरी पैड बांटने की घोषणा की. पार्टी ने कहा है कि पांच लाख पैड बांटे जाएंगे.
महिलाओं के लिए नीतीश सरकार ने क्या किया है
इन घोषणाओं से लगता है कि कांग्रेस भी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की तरह बिहार में महिलाओं को रिझाने में लगी हुई है. नीतीश कुमार की सफलता में महिला कल्याण के लिए चलाई गईं योजनाओं का बड़ा हाथ माना जाता है. नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए कई तरह के काम किए हैं. जिससे महिलाओं को काफी लाभ होता दिखा है.इस साल बजट में भी नीतीश सरकार ने महिलाओं के लिए कई बड़ी घोषणाएं की थीं. ये थीं-बिहार के सभी बड़े शहरों में बने वेंडिंग जोन में महिलाओं के लिए अलग जगह दी जाएगी. पटना में महिला हाट की स्थापना की जाएगी.पटना में महिलाओं के लिए जिम ऑन व्हील्स. इसमें ट्रेनर भी महिलाएं ही होंगी.सभी शहरों में महिलाओं के लिए पिंक टॉयलेट. महिलाओं के लिए पिंक बसें. बिहार रोडवेज की बस में ड्राइवर, कंडक्टर और डिपो मेन्टेनेंस स्टाफ के पदों में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण. महिला चालकों को कमर्शियल ई-रिक्शा और दो पहिया वाहन खरीदने पर कैश अनुदान. महिला सिपाहियों को उनके थाने के पास किराए का घर दिलाना. बड़े शहरों में कामकाजी महिलाओं के लिए हॉस्टल खोलना. इनके अलावा बिहार में नीतीश सरकार की ओर से की गई शराबबंदी का सबसे अधिक लाभ महिलाओं को हुआ है.
महिलाओं के लिए योजनाओं का चुनाव पर असर कितना हुआ
चुनाव में महिला मतदाताओं का महत्व बढ़ता जा रहा है. चुनाव से पहले महिलाओं के खाते में विभिन्न योजनाओं का नगद पैसे पहुंचाना सफलता की गारंटी बनता जा रहा है. मध्य प्रदेश में लाडली बहना योजना की कुल छह किश्तें चुनाव से पहले खाते में डाल दी गई थीं. वहां बीजेपी की सरकार बनी. महाराष्ट्र में पांच किश्तें पहुंची थीं. वहां एनडीए की सरकार बनी. झारखंड में हेमंत सोरेन की सरकार ने मइयां योजना की तीन किश्ते महिलाओं के खातें में भेजीं. सोरेन ने गठबंधन की सरकार बनाई. लेकिन दिल्ली में केजरीवाल यह काम नहीं कर पाए. आम आदमी पार्टी सरकार नहीं बना पाई.
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