
- कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में नए खुलासे हो रहे हैं
- कॉलेज की गवर्निंग बॉडी ने आरोपी मोनोजीत को अस्थाई स्टाफ के रूप में नियुक्त किया
- इस प्रस्ताव पर TMC विधायक अशोक देब की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया
- पुलिस ने कॉलेज की गवर्निंग बॉडी का रजिस्टर और हाजिरी रजिस्टर जब्त किया है
कोलकाता लॉ कॉलेज गैंगरेप मामले में लगातार नए खुलासे हो रहे हैं. अब लॉ कॉलेज की गवर्निंग बॉडी गैंगरेप आरोपी मोनोजीत की नियुक्ति से जुड़ा रिजॉल्यूशन सामने आया है. NDTV को साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज की गवर्निंग बॉडी की वह कॉपी मिली है, जिसमें आरोपी मोनोजीत मिश्रा उर्फ ‘मैंगो' को कॉलेज में अस्थाई स्टाफ के तौर पर नियुक्त करने का प्रस्ताव पास किया गया था. इस गवर्निंग बॉडी के रेजोल्यूशन में अगस्त 2024 में मोनोजीत को कॉलेज में टेम्परेरी स्टाफ के तौर पर नियुक्त करने की बात दर्ज है.

खास बात यह है कि इस गवर्निंग बॉडी की अध्यक्षता सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (TMC) के विधायक अशोक देब कर रहे हैं. NDTV को मिले दस्तावेजों के मुताबिक, TMC विधायक अशोक देब ने ही कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल को मोनोजीत को अपॉइंटमेंट लेटर जारी करने का निर्देश दिया था. इधर, कोलकाता पुलिस के सूत्रों ने बताया कि मामले की जांच के सिलसिले में पुलिस ने कॉलेज की गवर्निंग बॉडी का रजिस्टर और अस्थाई कर्मचारियों की हाजिरी रजिस्टर जब्त कर लिया है.
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क्या अहम है ये रजिस्टर?
इस गवर्निंग बॉडी रजिस्टर में कॉलेज की सभी बैठकों की मिनट्स, आपसी संवाद, और मोनोजीत के अपॉइंटमेंट से जुड़ी फाइलें दर्ज हैं. पुलिस अब इन दस्तावेजों की जांच कर यह समझने की कोशिश कर रही है कि क्या मोनोजीत को कॉलेज में राजनीतिक संरक्षण मिला था, जिससे वह बेलगाम होकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे सका. जिससे उसके हौसले इतने बुलंद हुए कि जिसके साथ चाहे जो करे लेकिन उसका किसी हाल कुछ नहीं बिगड़ेगा.
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क्या है मामला?
25 जून को साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 24 वर्षीय छात्रा के साथ गैंगरेप हुआ. इस मामले में मोनोजीत मिश्रा समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने जांच के दौरान पाया कि मोनोजीत कॉलेज की यूनियन रूम को शराबखोरी और बदसलूकी का अड्डा बनाए हुए था. अब इस गवर्निंग बॉडी के दस्तावेजों के सामने आने से यह साफ होता दिख रहा है कि मोनोजीत को कॉलेज में ‘ऊपर' से नियुक्त किया गया था और उसे राजनीतिक संरक्षण प्राप्त था. इससे न केवल कॉलेज प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं बल्कि राज्य की सत्ताधारी पार्टी TMC की भूमिका भी कटघरे में है.
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