Narak Chaturdashi 2023: कब है नरक चतुर्दशी, जानें तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और खास भोग रेसिपी

Narak Chaturdashi Bhog: कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है. दिवाली के एक दिन पहले कार्तिक चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी कहते है. इस दिन भी धन की देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है आप प्रसाद के लिए लड्डू बना सकते हैं.

Narak Chaturdashi 2023: कब है नरक चतुर्दशी, जानें तिथि, मुहूर्त, पूजा विधि और खास भोग रेसिपी

Narak chaturdashi 2023: नरक चतुर्दशी पर बनाएं ये खास भोग.

Narak Chaturdashi Bhog: हिंदू धर्म में दीपावली सबसे बड़ा और मुख्य त्योहार है. दीपावली का त्योहार धनतेरस से शुरू होकर भाई दूज तक चलता है. कार्तिक अमावस्या को दीपावली मनाई जाती है. दिवाली के एक दिन पहले कार्तिक चतुर्दशी को नरक चतुर्दशी (Narak chaturdashi) कहते हैं. इस दिन यमराज और धन की देवी लक्ष्मी की पूजा होती है. आइए जानते हैं नरक चतुर्दशी की तिथि (Date of Narak chaturdashi), मुहूर्त, पूजा विधि (Puja Vidhi of Narak chaturdashi), और भोग.

नरक चतुर्दशी पर भोग के लिए बनाएं बेसन के लड्‌डू- (Besan Laddu For Narak Chaturdashi Bhog)

वाल्मीकि रामायण के अनुसार, हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को हुआ था. इस दिन नरक चतुर्दशी भी मनाई जाती है. इस दिन बूंदी के लड्‌डू का भोग चढ़ाना शुभ माना जाता है. इस दिन घर में कई तरह के पकवान पूरी, सब्जी और खीर जैसी चीजें बनाई जाती हैं.  आप भोग के लिए बेसन के लड्डू बना सकते हैं. बेसन के लड्डू बनाने के लिए सबसे पहले कड़ाही में घी गर्म करें और उसमें बेसन को डाल कर भून लें. अब चीनी में पानी डालकर चाशनी तैयार करें और उसमें मावा और बेसन डाल कर अच्छे से मिलाएं. अब इसमें इलायची पाउडर डालें और मिला लें. हथेली पर घी लगाकर छोटे-छोटे लड्डू तैयार कर लें. 

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कब है नरक चतुर्दशी- (Narak Chaturdashi Date)

इस वर्ष कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी की तिथि 11 नवंबर को दोपहर 1 बजकर 57 मिनट से शुरू होकर 12 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 44 मिनट तक है. नरक चतुर्दशी 12 नवंबर को मनाई जाएगी. इस दिन अभंग स्नान का मुहूर्त सुबह 5 बजकर 28 मिनट से सुबह के 6 बजकर 41 मिनट तक है.

नरक चतुर्दशी पूजा विधि- (Narak Chaturdashi Puja Vidhi)

नरक चतुर्दशी के दिन सुबह स्नान के बाद साफ वस्त्र धारण कर पूजा स्थल की सफाई करें फिर ईशान कोण में भगवान गणेश, मां दुर्गा, शिवजी और भगवान विष्णु की पूजा करें. इस दिन षोडशोपचार पूजा का विधान है. ऐसे में इस दिन सभी देवी-देवताओं का षोडशोपचार पूजन करें. देवी-देवताओं के सामने घी का दीपक जलाएं. इसके साथ ही इस दिन मुख्य दरवाजे पर दीपक जलाएं.  इस दिन यमदेव के नाम से दीप जरूर जलाएं. 



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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)