
Mahalaya 2017: माना जाता है इस दौरान देवी दुर्गा धरती पर आती है.
- भारत त्योहारों की भूमि है.
- जल्द ही नवरात्रि के साथ दुर्गा पूजा महालय की शुरूआत होने वाली है.
- महालय दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है.
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भारत त्योहारों की भूमि है, साल के अंत तक हम ढेरों त्योहार मनाते हैं. गणेश चतुर्थी के पर्व के बाद श्राद्ध और अब जल्द ही नवरात्रि के साथ दुर्गा पूजा महालय की शुरूआत होने वाली है. इस अवसर को बेहद ही शुभ माना जाता है जिसे पूरे उत्साह के साथ मनाया जाता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार महालय की शुरूआत अश्विन महीने की अमावस्या पर होती है. महालय दुर्गा पूजा का पहला दिन होता है और नवरात्रि इस बार 19 सितंबर से शुरू होकर 30 सितंबर तक चलेंगे. महालय के साथ दुर्गा पूजा और नवरात्रि की शुरूआत होती है.ऐसा माना जाता है इस दौरान देवी दुर्गा धरती पर आती है और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं. यह दिन श्राद्ध (पितृ पक्ष) का आखिरी दिन भी होता है.
Mahalaya 2017: महालय अमावस्या क्या है
महालय मुख्य रूप से बंगालियों द्वारा मनाया जाता है. महालय के साथ ही दुर्गा पूजा और नवरात्रि की शुरूआत होती है, कहा जाता है इस दौरान देवी दुर्गा ने बुराई के खिलाफ युद्ध का आह्नान किया था. धरती पर देवी के भक्त बुराई रूपी महिषासुर को रोकने के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं. यह दिन अमावस्या की रात को मनाया जाता है और देवी के भक्त धरती पर आने के लिए उनका आह्नान करते हैं. देवी दुर्गा के भव्य स्वागत के लिए उनके भक्त बड़े स्तर पर तैयारियां करते हैं. मुख्य रूप से छठे दिन यानि के षष्ठी वाले दिन जगह-जगह बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते हैं, जिनमें देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती हैं. एक तरफ जहां यह दिन देवी दुर्गा के आगमन का प्रतीक है वहीं दूसरी तरह यह श्राद्ध (पितृ पक्ष) की अवधि का आखिरी दिन होता है. श्राद्ध के दौरान पूरे भारत में लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं.
Mahalaya 2017: इस दिन को कैसे मनाया जाता है
महालय वाले दिन लोग अपने पूर्वजों को याद कर उन्हें श्रद्धाजंलि देते हैं जिसमें ब्राह्मणों को खाना, कपड़े और मिठाई आदि दान किया जाता है.लोग इस दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा मंडप में प्रार्थना कर खाना और कपड़े दान करते हैं. इस दिन पूर्वजों को अर्पित किया जाने वाला भोजन चांदी या तांबे के बर्तनों में बनाया जाता है और केले के पत्तों पर खाना परोसा जाता है. यह खाना पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी होता है जिसमें खीर, लपसी, चावल, दाल, बीन्स की सब्जी और सीताफल शामिल होता है.

Durga Puja Calendar 2017
महालय 2017: 19 सितंबर 2107
महा पंचमी 2017: 25 सितंबर 2017
महा षष्ठी 2017: 26 सितंबर 2017
महा सप्तमी 2017: 27 सितंबर 2017
महा अष्टमी 2017: 28 सितंबर 2017
महा नवमी 2017: 29 सितंबर 2017
विजया दशमी 2017: 30 सितंबर 2017
Mahalaya 2017: महालय अमावस्या क्या है
महालय मुख्य रूप से बंगालियों द्वारा मनाया जाता है. महालय के साथ ही दुर्गा पूजा और नवरात्रि की शुरूआत होती है, कहा जाता है इस दौरान देवी दुर्गा ने बुराई के खिलाफ युद्ध का आह्नान किया था. धरती पर देवी के भक्त बुराई रूपी महिषासुर को रोकने के लिए उनसे प्रार्थना करते हैं. यह दिन अमावस्या की रात को मनाया जाता है और देवी के भक्त धरती पर आने के लिए उनका आह्नान करते हैं. देवी दुर्गा के भव्य स्वागत के लिए उनके भक्त बड़े स्तर पर तैयारियां करते हैं. मुख्य रूप से छठे दिन यानि के षष्ठी वाले दिन जगह-जगह बड़े-बड़े पंडाल लगाए जाते हैं, जिनमें देवी दुर्गा की मूर्ति स्थापित की जाती हैं. एक तरफ जहां यह दिन देवी दुर्गा के आगमन का प्रतीक है वहीं दूसरी तरह यह श्राद्ध (पितृ पक्ष) की अवधि का आखिरी दिन होता है. श्राद्ध के दौरान पूरे भारत में लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं.
Mahalaya 2017: इस दिन को कैसे मनाया जाता है
महालय वाले दिन लोग अपने पूर्वजों को याद कर उन्हें श्रद्धाजंलि देते हैं जिसमें ब्राह्मणों को खाना, कपड़े और मिठाई आदि दान किया जाता है.लोग इस दिन सुबह जल्दी उठकर पूजा मंडप में प्रार्थना कर खाना और कपड़े दान करते हैं. इस दिन पूर्वजों को अर्पित किया जाने वाला भोजन चांदी या तांबे के बर्तनों में बनाया जाता है और केले के पत्तों पर खाना परोसा जाता है. यह खाना पूरी तरह शुद्ध शाकाहारी होता है जिसमें खीर, लपसी, चावल, दाल, बीन्स की सब्जी और सीताफल शामिल होता है.

Durga Puja Calendar 2017
महालय 2017: 19 सितंबर 2107
महा पंचमी 2017: 25 सितंबर 2017
महा षष्ठी 2017: 26 सितंबर 2017
महा सप्तमी 2017: 27 सितंबर 2017
महा अष्टमी 2017: 28 सितंबर 2017
महा नवमी 2017: 29 सितंबर 2017
विजया दशमी 2017: 30 सितंबर 2017
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