Naga Sadhu Kya Khate Hai: प्रयागराज में महाकुंभ की तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं. 13 जनवरी से शुरू होने वाले इस मेले का पहला स्नान 13 जनवरी के दिन ही होगा. पहले दिन होने वाला स्नान बेहद पवित्र माना जाता है और सभी इसको लेकर काफी उत्साहित रहते हैं. सबसे ज्यादा उत्साहित हैं नागा साधु. बता दें कि संगम में सबसे पहला स्नान नागा साधु ही करते हैं. इस दिन अलग-अलग अखाड़े के नागा साधु स्नान के साथ आते हैं. इसे अमृत स्नान और शाही स्नान भी कहा जाता है. ढ़ोल-नगाड़ों के साथ घोड़े पर बैठे और पैदल चलते हुए हजारों की संख्या में नागा साधु यहां पहुंचते हैं. हाथों में त्रिशूल, शरीर पर भस्म, झंडा और तलवार लिए जब ये स्नान के लिए निकलते हैं तो इनको देखने के लिए भीड़ जमा हो जाती है.
नागा साधुओं के लेकर के लोगों के मन में कई तरह के सवाल आते हैं. इनको लेकर के कई तरह के मिथ हैं जो लोगों के बीच फैले हुए हैं. ये कैसे नागा साधु बनते हैं. कहां रहते हैं और क्या खाते हैं. आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि नागा साधुओं को खानपान कैसा होता है.
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नागा साधुओं का जीवन आसान नहीं होता है. कई परीक्षाएं देने के बाद वो साधु बन पाते हैं. इसके साथ ही उनके खानपान की बात करें तो नागा साधुओं का भोजन शुद्ध, शाकाहारी और सात्विक होता है. वो पूरे दिन में केवल एक बार ही खाना खाते हैं. इसके खाने में कंदमूल फल, जड़ी-बूटी, फल और पत्तियां शामिल होती हैं. बता दें कि अपनी तपस्या के दौरान वो पूरी तरह से प्राकृतिक चीजों का ही सेवन करते हैं. इसके अलावा वो केवल भिक्षा लेकर ही खाते हैं. नागा साधु केवल 7 घरों तक ही भिक्षा मांग सकते हैं वहां उनको जो मिलता है वो उसका ही सेवन करते हैं.
बता दें कि इस बार के कुंभ में तीन शाही स्नान होंगे और इसके अलावा तीन ऐसी तिथियां हैं जिन पर स्नान करना भी काफी शुभ माना जाएगा.
स्नान और शाही स्नान की तिथियां
13 जनवरी (सोमवार)- स्नान, पौष पूर्णिमा
14 जनवरी (मंगलवार)- शाही स्नान, मकर सक्रांति
29 जनवरी (बुधवार)- शाही स्नान, मौनी अमावस्या
3 फरवरी (सोमवार)- शाही स्नान, बसंत पंचमी
12 फरवरी (बुधवार)- स्नान, माघी पूर्णिमा
26 फरवरी (बुधवार)- स्नान, महाशिवरात्रि
इन पवित्र नदियों पर कुंभ का होता आयोजन
बता दें कि कुंभ भारत की चार पवित्र नदियों और चार तीर्थ स्थानों पर ही आयोजित होता है. महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज के संगम , हरिद्वार में गंगा नदी, उज्जैन में शिप्रा नदी, और नासिक में गोदावरी नदी पर किया जाता है. इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का आयोजन हो रहा है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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