उत्तर प्रदेश के अमरोहा की रहने वाली कक्षा 11 की छात्रा अहाना की फास्ट फूड खाने की शौकीन थी. फास्ट फूड खाने से से अहाना के पेट में इंफेक्शन हो गया.उसे अस्पताल में दिखाया गया. डॉक्टर ने उसकी खराब हालत को देखते हुए दिल्ली एम्स रेफर कर दिया था. वहां कई दिनों तक अहाना ने मौत से लड़ाई लड़ी. वहां उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था, लेकिन आखिर में वह जिंदगी की जंग हार गई.
कैसे हुआ था लड़की के पेट में इंफेक्शन
यह मामला अमरोहा के मोहल्ला कटकुई का है.कक्षा 11 की छात्र पिछले कई महीने से लगातार फास्ट फूड खा रही थी.उसने घर का खाना छोड़ दिया था. लगातार फास्ट फूड खाने से अहाना के पेट में इंफेक्शन हो गया. इससे उसकी हालत खराब हो गई. आहना के परिजनों ने उपचार के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया. एम्स के प्रोफेसर सुनील सुम्भा की देखरेख में अहाना का उपचार चल रहा था.लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका.
परिवार की इकलौती बेटी की मौत होने से परिवार में गम का माहौल है. अहाना के एक परिजन साजिद खान ने बताया कि अधिक फास्टफूड खाने के अहाना की आंतों में सुराख हो गया था. इसके वह जो खाती थी, वह बाहर निकल जाता था. इस स्थिति को एम्स के डॉक्टर भी नहीं सुधार पाए. उन्होंने लोगों से अपील की कि वह अपने बच्चों को फास्ट फूड न खाने दें और घर का बना हुआ ही बच्चों को खिलाएं.
क्या कहना है डॉक्टर का
अमरोहा सीएससी में तैनात सीनियर फिजिशियन मुमताज अंसारी ने बताया कि फ़ास्ट फूड खाने से बच्चों की इम्यूनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) कमजोर होती है.इससे आंतों में टीवी और बुखार जैसी भयंकर बीमारी होने से जान भी जा सकती है. उन्होंने कहा कि फास्ट फूड ज्यादा से खाने के कारण ये भयंकर बीमारियां होती हैं.
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