ट्यूमर से बचने के लिए मीट और मिल्क प्रोटीन का सेवन करना चाहिए. यह दोनों ही एंटीजन के रूप में काम करते हैं. रिपोर्ट में यह बात निकलकर सामने आई है कि यह मानव शरीर और खासकर छोटी आंत में ट्यूमर को बढ़ने से रोकने में सक्षम हैं. जापान में रिकेन सेंटर फॉर इंटीग्रेटिव मेडिकल साइंसेज के नेतृत्व में हुए शोध में यह बात निकलकर सामने आई है कि प्रोटीन कैसे आंतों की प्रतिरक्षा प्रणाली को उत्प्रेरित करता है. इसके अलावा, यह नए ट्यूमर को भी बढ़ने से रोकता है.
रिकेन आईएमएस में हिरोशी ओहनो ने कहा, "छोटी आंत के ट्यूमर बड़ी आंत की तुलना में बहुत दुर्लभ होते हैं. लेकिन, पारिवारिक एडिनोमेटस पॉलीपोसिस के मामलों में जोखिम अधिक होता है, इसलिए इन रोगियों में सूजन आंत्र रोग या अन्य जठरांत्र संबंधी स्थितियों के इलाज के लिए रोजाना डाइट पर हम क्या खाते हैं इस बात पर बहुत सावधानी से विचार किया जाना चाहिए.
फैमिलियल एडिनोमेटस पॉलीपोसिस एक वंशानुगत सिंड्रोम है, जो कोलन कैंसर विकसित करने की संभावना पैदा करता है. एंटीजन में प्रमुख रूप से पौधे और फलियां पाईं जाती हैं. आमतौर पर इसे विदेशी वस्तुओं के रूप में देखा जाता है. इसकी प्रतिरक्षा प्रणाली द्वारा जांच की जानी चाहिए. उन्होंने पहले बताया है कि खाद्य प्रतिजन छोटी आंतों में प्रतिरक्षा कोशिकाओं को सक्रिय करते हैं और जब आंत बैक्टीरिया द्वारा सक्रिय होते हैं तो ये कोशिकाएं आंत में ट्यूमर को दबाने के लिए जानी जाती हैं.
वैज्ञानिक पत्रिका फ्रंटियर्स इन इम्यूनोलॉजी में प्रकाशित नए अध्ययन में शोधकर्ताओं ने चूहों के अध्ययन में पता लगाया कि क्या खाद्य एंटीजन छोटी आंतों में ट्यूमर को दबाते हैं. पहले प्रयोग में जिन चूहों को सामान्य भोजन या एंटीजन-मुक्त भोजन दिया गया, उनसे पता चला कि सामान्य भोजन से छोटी आंत में कम ट्यूमर होते हैं, लेकिन बड़ी आंत में उतनी ही मात्रा में ट्यूमर होते हैं.
टीम ने एंटीजन-मुक्त आहार में एल्ब्यूमिन नामक एक सामान्य प्रतिनिधि एंटीजन जोड़ा- जो मांस में पाया जाता है. यह इसको सुनिश्चित करने के लिए किया गया था कि प्रोटीन की कुल मात्रा सामान्य आहार में प्रोटीन की मात्रा के बराबर हो. जब चूहों को यह आहार दिया गया, तो छोटी आंत में ट्यूमर उसी तरह दब गए, जैसे सामान्य भोजन से दब जाते थे. शोधकर्ताओं ने कहा कि इससे पता चला कि ट्यूमर का दमन सीधे तौर पर भोजन के पोषण मूल्य से नहीं जुड़ा था.
आहार ने उन चूहों में टी कोशिकाओं को भी कम कर दिया, जिन्होंने सादा एंटीजन-मुक्त आहार लिया था, उन चूहों की तुलना में जिन्हें सामान्य भोजन या दूध प्रोटीन के साथ एंटीजन-मुक्त भोजन मिला था. हालांकि, शोधकर्ताओं ने आगाह किया कि यह जोखिम भरा हो सकता है और केवल डॉक्टर की सलाह से ही ऐसे आहार का पालन करने की आवश्यकता पर जोर दिया.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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