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वजन के हिसाब से दिन में कितना पानी पीना चाहिए? पेशाब के रंग से समझें | Daily Water Intake Calculator

Water intake based on weight : हर इंसान की जरूरत अलग होती है. एक ही फार्मूला सभी पर लागू नहीं होता. मौसम, काम का तरीका, पसीना आना, शारीरिक मेहनत - ये सब तय करते हैं कि कितनी मात्रा में पानी चाहिए. 

वजन के हिसाब से दिन में कितना पानी पीना चाहिए? पेशाब के रंग से समझें | Daily Water Intake Calculator
कैसे समझें शरीर में पानी की कितनी है जरूरत

Water intake based on weight : अक्सर आपने सुना होगा कि हर दिन एक इंसान को कम से कम 2 से 3 लीटर पानी पीना चाहिए. लेकिन किसे 2 या किसे 3 लीटर पानी पीना चाहिए ये जवाब किसी के पास नहीं होगा. ये सवाल बड़ा ज़रूरी है - हमें कितना पानी पीना चाहिए? हर दिन, डॉक्टरों से यही सवाल पूछा जाता है - क्या ज़्यादा पानी पीना सही है या कम? क्या कोई तय मात्रा है? क्या हर किसी को एक जैसी मात्रा में पानी पीना चाहिए? असल में, इसका कोई एक ही जवाब नहीं है. लेकिन कुछ आसान तरीके हैं जिनसे हम यह समझ सकते हैं कि हमें कितना पानी पीना चाहिए.

एक औसत व्यक्ति को कितना पानी पीना चाहिए (Water intake based on body weight)

वजन के हिसाब से आसान फॉर्मूला | Hydration Calculator | How do I calculate my water intake? | How much water should a 70 kg person drink?

अगर आप एक औसत स्वस्थ इंसान हैं, तो अपने वजन को किलो में 0.03 से गुणा करें.

इस बात को उदाहरण से समझें, अगर आपका वजन 70 किलो है:
70 × 0.03 = 2.1 लीटर
तो आपके लिए रोज़ाना लगभग 2.1 लीटर पानी पीना सही माना जाएगा.

प्यास और यूरिन से पहचानें

अगर आपको गणित नहीं पसंद, तो सबसे आसान तरीका यह है - जब प्यास लगे, तब पानी पिएं. प्यास शरीर का सबसे पहला संकेत होता है कि उसे पानी चाहिए.

दूसरा तरीका है - अपने यूरिन (पेशाब) का रंग देखें:

-अगर यूरिन गहरा पीला है, तो पानी की कमी है.
-अगर हल्का पीला है, तो पानी की मात्रा ठीक है.
-अगर बिलकुल पारदर्शी है, तो आप पर्याप्त पानी पी रहे हैं.

बीमारियों में पानी की मात्रा | How much water should I drink a day?

अब बात करते हैं उन लोगों की जिन्हें कुछ खास शारीरिक समस्याएं हैं:

किडनी की बीमारी: अगर सूजन है, सांस फूल रही है, तो पानी कम करना पड़ता है. अगर पेशाब सही आ रही है और कोई परेशानी नहीं है, तो थोड़ा ज़्यादा पानी लिया जा सकता है.

किडनी स्टोन (पथरी): ज़्यादा पानी पीना ज़रूरी है ताकि पत्थर बनने से रोका जा सके.

दिल की बीमारी: पानी सीमित मात्रा में पीना पड़ता है, क्योंकि शरीर में तरल ज़्यादा हो सकता है.

लिवर की बीमारी: यहां भी डॉक्टर की सलाह के अनुसार पानी की मात्रा तय होती है.

तो अगली बार जब आप पानी की बोतल उठाएं, तो खुद से एक सवाल ज़रूर पूछिए - मुझे वाकई इसकी ज़रूरत है या सिर्फ आदत में पी रहा हूं?

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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