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Holika Dahan 2025 Date: 13 या 14 मार्च कब है होलिका दहन? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और रेसिपी

Holika Dahan 2025 Date: इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा और अगले दिन यानि 14 मार्च को और रंग वाली होली मनाई जाएगी.

Holika Dahan 2025 Date: 13 या 14 मार्च कब है होलिका दहन? जानें तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व और रेसिपी
Holika Dahan 2025: इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा.

Holika Dahan 2025 Date In Hindi: होली बसंत ऋतु में फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के दिन मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है. जिसे देश भर में धूम-धाम से मनाया जाता है. फाल्गुन मास में मनाए जाने के कारण होली को फाल्गुनी भी कहा जाता है. इस पर्व को पारंपरिक रूप से दो दिन मनाया जाता है. पहले दिन होलिका दहन (Holika Dahan) होता है. उसके बाद अगले दिन रंग-गुलाल से होली का त्योहार मनाया जाता है. इस साल होलिका दहन 13 मार्च को किया जाएगा और अगले दिन यानि 14 मार्च को और रंग वाली होली मनाई जाएगी. माना जाता है कि होली की पूजा जीवन में सुख समृद्धि लाती है. रोग आदि से भी मुक्ति दिलाती है. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को होलिका से बचाया था. तो चलिए जानते हैं होलिका दहन का शुभ मुहूर्त और रेसिपी. 

होलिका दहन पर बनाएं ये रेसिपी- (Holika Dahan Special Recipe)

होलिका दहन पर आप घर में कुछ मीठा बना सकते हैं. वैसे तो होली के पर्व में तरह-तरह के मीठे पकवान बनाएं जाते हैं. आप इस दिन मालपुआ को बना सकते हैं.  मालपुआ बनाने के लिए मैदा और खोए से दो अलग-अलग बैटर तैयार करके बनाए जाते है. बाद में दोनों बैटर बनाने के बाद घी लगाकर इसे हल्की आंच पर सेंकें. और चाश्नी में डिप करने बाद ऊपर से बादाम, पिस्ता और केसर डालकर सर्व करें. पूरी रेसिपी के लिए यहां क्लिक करें.

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Photo Credit: iStock

होलिका दहन मुहूर्त (Holika Dahan 2025 Muhurat)

पंचांग के अनुसार, इस साल सुबह 10 बजकर 35 मिनट पर फाल्गुन महीने की पूर्णिमा तिथि शुरू होगी. वहीं, इसका समापन 14 मार्च को 12 बजकर 23 मिनट पर होगा. होलिका दहन 13 मार्च 2025 को मनाई जाएगी. 

होलिका दहन महत्व- (Holika Dahan 2025 Imprtance)

होलिका दहन का महत्व पौराणिक कथाओं से है. पौराणिक कथा के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद को होलिका से बचाया था. होलिका जलाने की परंपरा आत्मा की शुद्धि और मन की पवित्रता का प्रतीक माना जाता है. इसके अलावा, होलिका दहन कृषि चक्र से भी संबंधित है. यह पर्व देवताओं को भरपूर फसल के लिए प्रतीकात्मक रूप से अर्पित किया जाता है और आने वाले वर्ष में समृद्धि के लिए उनका आशीर्वाद प्राप्त करने की प्रार्थना की जाती है.

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(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)

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