Fertility Diet For Women: इनफर्टिलिटी (Infertility) यानी बाझंपन एक गंभीर समस्या बनती जा रही है. नेशनल हेल्थ पोर्टल ऑफ इंडिया (National Health Portal of India) के अनुसार, भारत में इनफर्टिलिटी रेंज 3% से 16.8% के बीच है. महिलाओं में इनफर्टिलिटी के वैसे तो कई कारण होते हैं, लेकिन सामान्य कारणों में अधिक वजन का होना, ओव्यूलेशन डिसऑर्डर, एंडोमेट्रियोसिस, मिनोपॉज का जल्दी होना या प्राइमरी ओवेरियन इंसफिशिएंसी शामिल हैं. एक्सपर्ट का मानना है कि मोटापा इंसुलिन (imbalance in insulin) और हार्मोन (hormone levels) के स्तर में असंतुलन पैदा करता है, जो फॉलिकल ग्रोथ और ओव्यूलेशन को नकारात्मक रूप से प्रभावित कर सकता है. इसलिए, वजन कम करने के साथ शरीर को ऐसे पोषक तत्वों की आवश्यकता होती है जो अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी हैं. डाइट का असर फर्टिलिटी पर पड़ता है, ऐसे में प्रेग्नेंसी चाह रहे महिलाओं के लिए यह जानना जरूरी है कि उन्हें क्या खाना चाहिए और क्या नहीं. रोजमर्या की दिनचर्या में थोड़ा बदलाव, एक्सरसाइज और डाइट में स्पेशल फूड आइटमों को शामिल करके भी हार्मोन को संतुलित किया जा सकता है, जिसका असर फर्टिलिटी पर पड़ेगा.
क्या खाएं क्या नहीं जानें
1.फर्टिलिटी डाइट में ट्रांस वसा से बचना चाहिए, ये अनहेल्दी होते हैं. फर्टिलिटी के लिए दोबारा गरम किए गए तेलों में बने खाद्य पदार्थों से खाने से बचना चाहिए.
2.अधिक असंतृप्त वनस्पति तेल और अखरोट के तेल, जैसे कि जैतून का तेल, मूंगफली का तेल, या कनोला तेल का उपयोग करें.
3.फर्टिलिटी के लिए वेजिटेबल प्रोटीन को ज्यादा खाना चाहिए और एनिमल प्रोटीन को कम. वेजिटेबल प्रोटीन बीन्स और नट्स में पाए जाते हैं.
4.साबुत अनाज के साथ कार्बोहाइड्रेट के अन्य स्रोत को चुनें, जो रक्त शर्करा और इंसुलिन पर धीमी गति से प्रभाव डालते हैं.
5.हर रोज एक गिलास दूध या फुल -फैट वाला दही को अपनी डेली डाइट में शामिल करें.
6.हर रोज एक मल्टीविटामिन लें जिसमें फोलिक एसिड और अन्य बी विटामिन हों. इसके लिए अपने डॉक्टर से सलाह लें.
7.डाइट में आयरन से भरपूर फल, हरी पत्तेदार सब्जियों, बीन्स को करें शामिल और रेड मीट से रहे दूर.
8.पानी फर्टिलिटी के लिए बहुत अच्छा है. वहीं कॉफी, चाय और अल्कोहल को ना कहना सीखें.
9.अपने वजन को संतुलित रखें. यदि आप अधिक वजन वाले हैं, तो अपने वजन का कम करने का प्रयास करें.
10.यदि आप शारीरिक रूप से सक्रिय नहीं हैं, तो डेली एक्सरसाइज करें. यदि आप पहले से ही व्यायाम करते हैं, तो अपने वर्कआउट को बढ़ाएं. वहीं अगर आप काफी दुबले हैं, अधिक एक्सरसाइज से बचें और डॉक्टर की सलाह लें.
डाइट में इन्हें करें शामिल
बीन्स और मसूर (Beans and Lentils)
बीन्स और मसूर में प्रोटीन होता है. यह प्रोटीन ओव्यूलेशन पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है और ये प्रोटीन, विटामिन, जटिल कार्बोहाइड्रेट, फाइबर और फोलिक एसिड से भरपूर होते हैं, जो एक महत्वपूर्ण पोषक तत्व है.
ताजे फल
फल फाइबर, विटामिन सी, विटामिन ए, फोलिक एसिड और एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होते हैं. ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करते हैं और ओव्यूलेशन में मदद करते हैं. ये वजन को भी मैनेज करते हैं.
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नट्स और सीड्स (Nuts and Seeds)
नट्स और सीड्स में मोनोअनसैचुरेटेड वसा, फाइबर और प्रोटीन होते हैं. सूरजमुखी के बीज विटामिन ई, एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट मिलाते हैं.
साबुत अनाज और दूध
साबुत अनाज हर किसी के लिए हेल्दी होते हैं. इनमें कार्ब्स, फाइबर, मिनरल और पॉलीफेनोल्स होते हैं. वहीं डेयरी उत्पाद कैल्शियम, फास्फोरस और विटामिन डी युक्त होते हैं, जो फर्टिलिटी के लिए आवश्यक हैं. फर्टिलिटी के लिए दही को भी अपनी डाइट में शामिल करें. दही एक प्राकृतिक प्रोबायोटिक है जो आंत के स्वास्थ्य और वजन को कंट्रोल करने में सहायक है.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.
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