FAQs about Ragi/Bajra/Millet: आजकल की भाग-दौड़ भरी ज़िंदगी में, हम सब एक ऐसी चीज़ की तलाश में हैं जो हमें ताक़त दे, बीमारियां दूर रखे और वज़न भी कंट्रोल करे. इस लिस्ट में बाजरा (Millet) सबसे ऊपर आता है. इसे पूरी दुनिया Nutri-Cereals कहकर बुला रही है. यह सिर्फ़ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि सेहत की तरफ़ लौटने का एक ज़रिया है.
आजकल हमारी पुरानी रसोई का यह हीरो यानी बाजरा (Millets) फिर से सुर्खियों में है. लोग इसे 'सुपरफूड' कह रहे हैं, तो कुछ इसे 'गरीबों का खाना' कहकर नज़रअंदाज़ कर रहे हैं. पर हक़ीक़त क्या है? ये छोटे-छोटे दाने हमारी सेहत के लिए कितने बड़े खिलाड़ी हैं, और इन्हें खाने का सही तरीका क्या है? क्या ये गेहूं से सच में बेहतर हैं या सिर्फ़ हवाबाज़ी है? आज आपके मन में चल रहे बाजरा से जुड़े हर सवाल का जवाब, एकदम देसी अंदाज़ में, आपके सामने है. तो चलिए, इस कहानी को शुरू करते हैं, ताकि आप भी जान सकें कि अपनी थाली में इस पावरहाउस को कैसे शामिल करना है.
1. रागी और बाजरा क्या है?
देखिए, बाजरा कोई नई चीज़ नहीं है; यह हमारे पुरखों का पारंपरिक अनाज है, जिसे अब फैंसी नाम 'Nutri-Cereals' दे दिया गया है. ये असल में घास के छोटे बीज होते हैं, जो कम पानी और ख़राब मिट्टी में भी आसानी से उग जाते हैं. इनकी सबसे बढ़िया बात यह है कि ये फाइबर, प्रोटीन, विटामिन, और मिनरल्स से भरे होते हैं. गेहूं की तरह इनमें ग्लूटेन नहीं होता, इसलिए जिन्हें ग्लूटेन से एलर्जी है, उनके लिए तो यह किसी वरदान से कम नहीं है. बाजरा, ज्वार, रागी, कंगनी—ये सब बाजरे के ही परिवार के सदस्य हैं, और हर सदस्य अपनी-अपनी ख़ासियत रखता है. ये हमारी धरती माँ के ऐसे सिपाही हैं, जो खाने में पौष्टिक हैं और उगाने में भी पर्यावरण को नुकसान नहीं पहुंचाते.
Bajra/Ragi Khane Ke Fayde: अगर आप भी बाजरे को अपनी डाइट में शामिल करना चाहते हैं, तो यहां आपके मन में आने वाले सबसे ज़्यादा पूछे जाने वाले सवालों के जवाब दिए गए हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह छोटे दाने वाला अनाज आपको क्या-क्या दे सकता है? साथ ही इसे खाते समय किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है? इस लेख में, हम बाजरा खाने के 10 बड़े फ़ायदों और 10 नुकसान जानेंगे-
2. रागी/बाजरा खाने के 10 अद्भुत स्वास्थ्य लाभ (10 Amazing Health Benefits of Millets)
बाजरा को अपनी थाली में जगह देने के कई दमदार कारण हैं, जो आपकी सेहत को कई गुना बेहतर बना सकते हैं:
- पाचन तंत्र का सुपरहीरो (Gut Health Booster): बाजरे में मौजूद डाइटरी फाइबर की भारी मात्रा आंतों के लिए वरदान है. यह एक स्पंज की तरह काम करता है, जो पाचन नली को साफ़ करता है और कब्ज़ (Constipation) को दूर भगाता है. ज्वार और कंगनी (Foxtail Millet) जैसे बाजरा पेट के अच्छे बैक्टीरिया (Gut Microbiome) को बढ़ाते हैं, जिससे खाना बेहतर तरीक़े से पचता है और पेट की सेहत सुधरती है.
- वज़न प्रबंधन में मदद (Assists in Weight Management): अगर आप अपने शरीर को छरहरा बनाना चाहते हैं, तो बाजरा आपके लिए बेस्ट है. फाइबर से भरपूर होने के कारण, यह धीरे-धीरे पचता है और आपको देर तक भूख महसूस नहीं होने देता. इससे आप ज़रूरत से ज़्यादा खाने (Overeating) से बचते हैं और शरीर में फैट जमा होने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है, जो वज़न कम करने की कुंजी है.
- डायबिटीज़ के ख़िलाफ़ ढाल (Shield Against Diabetes): बाजरा, ख़ासकर रागी और ज्वार, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स (Low GI) वाले होते हैं. इसका मतलब है कि यह चावल या गेहूं की तरह शुगर को तेज़ी से नहीं बढ़ाता. यह ग्लूकोज़ को धीरे-धीरे रिलीज़ करता है, जिससे ब्लड शुगर लेवल स्थिर रहता है. डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए यह सबसे सुरक्षित और फ़ायदेमंद अनाज है.
- कैल्शियम का बेहतरीन स्रोत (Excellent Source of Calcium): बाजरा (Millet) में प्राकृतिक कैल्शियम की मात्रा इतनी ज़्यादा होती है कि यह हड्डियों को फौलादी मज़बूती देता है. यह बच्चों की ग्रोथ, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों में ऑस्टियोपोरोसिस (हड्डी रोग) को रोकने के लिए ज़रूरी है. यह मिनरल हड्डियों और दाँतों को स्वस्थ रखता है.
- दिल के लिए अमृत (Good for Cardiac Health): बाजरा में मैग्नीशियम और फाइबर जैसे तत्व होते हैं, जो ख़राब कोलेस्ट्रॉल (LDL) को कम करने में मदद करते हैं और ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखते हैं. यह सब दिल की धमनियों को स्वस्थ रखता है, जिससे दिल का दौरा (Heart Attack) और स्ट्रोक जैसी जानलेवा बीमारियों का ख़तरा कम होता है.
- खून की कमी दूर करे (Combats Anemia): बाजरा (Pearl Millet) और अन्य बाजरा आयरन और फ़ोलेट का भंडार होते हैं. ये तत्व शरीर में हीमोग्लोबिन के स्तर को बढ़ाने और एनीमिया (खून की कमी) को दूर करने में बहुत प्रभावी हैं. थकान और कमज़ोरी महसूस करने वालों के लिए यह एक प्राकृतिक टॉनिक है.
- ग्लूटेन संवेदनशीलता वालों के लिए वरदान (Gluten-Free Diet Friendly): बाजरा स्वभाव से ग्लूटेन-फ्री होता है. जिन्हें गेहूँ में मौजूद ग्लूटेन से एलर्जी है (सीलिएक रोग) या जिन्हें पेट फूलने की समस्या रहती है, उनके लिए बाजरा गेहूँ का सबसे अच्छा विकल्प है.
- शरीर की अंदरूनी सफ़ाई (Internal Detoxification): बाजरे में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो शरीर में बनने वाले फ्री रेडिकल्स (हानिकारक कण) से लड़ते हैं. फाइबर के साथ मिलकर, ये हानिकारक टॉक्सिन्स को शरीर से बाहर निकालने में मदद करते हैं, जिससे शरीर अंदर से साफ़ और रोग मुक्त रहता है.
- एनर्जी और स्टैमिना (Energy and Stamina Booster): बाजरा धीरे-धीरे एनर्जी रिलीज़ करता है, जो आपको लंबे समय तक सक्रिय (Active) रखता है. एथलीट्स और रोज़मर्रा के काम करने वाले लोगों के लिए यह एक स्थायी ऊर्जा स्रोत है, जो थकान को दूर रखता है और स्टैमिना बढ़ाता है.
- त्वचा और बालों का पोषण (Nourishment for Skin and Hair): बाजरे में मौजूद प्रोटीन, ज़िंक और विटामिन त्वचा की कोशिकाओं को स्वस्थ रखते हैं और बालों के टूटने को रोकते हैं. ये कोलेजन उत्पादन में भी मदद करते हैं, जिससे त्वचा जवां और चमकदार बनी रहती है.
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3. रागी/बाजरा खाने के 10 नुकसान (10 Precautions or Side Effects of Millets)
बाजरा बहुत फ़ायदेमंद है, लेकिन इसे बिना सोचे-समझे खाने से कुछ लोगों को परेशानी हो सकती है. इसे खाते समय इन 10 बातों का ध्यान ज़रूर रखें:
- थायरॉइड पर प्रभाव (Impact on Thyroid): बाजरा में कुछ ऐसे यौगिक (Compounds) होते हैं जिन्हें गोइट्रोजेन कहा जाता है. ये थायरॉइड ग्रंथि (Thyroid Gland) के काम को प्रभावित कर सकते हैं. अगर आपको हाइपोथायरॉइडिज़्म है, तो बाजरे को कम मात्रा में खाएं और उसे भिगोकर व पूरी तरह पकाकर ही खाएं. अपने एंडोक्रिनोलॉजिस्ट (Endocrinologist) से सलाह लेना सबसे सुरक्षित है.
- खराब पाचन (Digestive Distress): क्योंकि इसमें फाइबर बहुत ज़्यादा होता है, अगर आप अचानक बड़ी मात्रा में बाजरा खाना शुरू कर देते हैं, तो यह गैस, पेट फूलने (Bloating) और पेट में हल्की ऐंठन की समस्या पैदा कर सकता है. इसे अपनी डाइट में धीरे-धीरे (धीरे-धीरे मात्रा बढ़ाते हुए) शामिल करें.
- पोषक तत्वों का अवरोध (Mineral Absorption Barrier): बाजरे में फाइटिक एसिड (Phytic Acid) नामक तत्व होता है, जो आयरन, कैल्शियम और ज़िंक जैसे ज़रूरी मिनरल्स को शरीर में ठीक से मिलने (Absorb) नहीं देता. इस समस्या से बचने के लिए बाजरे को रात भर भिगोना या अंकुरित (Sprouting) करना बहुत ज़रूरी है.
- डिहाइड्रेशन का ख़तरा (Risk of Dehydration): फाइबर की भारी मात्रा को पचाने के लिए शरीर को ज़्यादा पानी की ज़रूरत होती है. अगर आप बाजरा खाते समय पर्याप्त पानी नहीं पीते, तो आपको डिहाइड्रेशन या गंभीर कब्ज़ की समस्या हो सकती है.
- किडनी स्टोन की संभावना (Kidney Stone Risk): बाजरा में ऑक्सालेट की मात्रा अधिक होती है. जिन लोगों को पहले से गुर्दे की पथरी (Kidney Stones) की समस्या है, उन्हें उच्च ऑक्सालेट वाले बाजरे का सेवन सीमित करना चाहिए.
- अन्य ज़रूरी विटामिनों की कमी: बाजरा पोषक तत्वों का राजा है, लेकिन इसमें विटामिन बी12 और विटामिन डी जैसे कुछ ज़रूरी विटामिन बहुत कम होते हैं. इसलिए, आपको इन विटामिनों की पूर्ति के लिए अन्य खाद्य पदार्थों पर भी निर्भर रहना होगा.
- प्रोटीन संवेदनशीलता: बाजरा में प्रोटीन की अच्छी मात्रा होती है. अगर आपको गंभीर किडनी की समस्या है, जिसमें डॉक्टर ने प्रोटीन सीमित करने को कहा है, तो आपको बाजरा खाने से पहले अपने डॉक्टर से पूछना चाहिए.
- एलर्जी: बहुत कम लोगों को किसी खास बाजरे से एलर्जी हो सकती है. अगर आपको इसे खाने के बाद त्वचा पर लाल चकत्ते या सांस लेने में तकलीफ़ हो, तो तुरंत खाना बंद कर दें.
- असंतुलित डाइट का खतरा: बाजरा बहुत हेल्दी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप सिर्फ़ बाजरा ही खाएं. संतुलित आहार (Balanced Diet) के लिए फल, सब्ज़ियां, दालें और अन्य पोषक तत्व भी ज़रूरी हैं. सिर्फ़ एक अनाज पर निर्भर रहना पोषण की कमी पैदा कर सकता है.

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4. किन लोगों के लिए रागी/बाजरा खाना वरदान है?
अगर आप अपनी सेहत को लेकर थोड़े भी सीरियस हैं, तो बाजरा आपकी थाली में होना ही चाहिए. लेकिन कुछ लोगों को तो इसे अपनी डाइट में ज़रूर शामिल करना चाहिए. बाजरा धीमे-धीमे पचता है, जिससे शुगर एकदम से नहीं बढ़ती. यह ब्लड शुगर को सपाट रखने में मदद करता है. अगर आपको बार-बार भूख लगती है और आप ओवरईटिंग करते हैं, तो बाजरे का फाइबर आपको घंटों तक पेट भरा हुआ महसूस कराएगा. वहीं, बाजरा और रागी में दूध से ज़्यादा कैल्शियम होता है, और बाजरे में ढेर सारा आयरन होता है. ये दोनों मिलकर हड्डियों और ख़ून की कमी को दूर भगाते हैं. कब्ज़ या पाचन की शिकायत है? बाजरा एक झाड़ू की तरह आपके पेट की सफ़ाई कर देता है, जिससे आपका पाचन तंत्र फ़िट रहता है.
5. किसे रागी/बाजरा नहीं खाना चाहिए?
हर अच्छी चीज़ की तरह, बाजरा भी कुछ लोगों को थोड़ा परेशान कर सकता है:
- थायरॉइड के मरीज़: बाजरा में गोइट्रोजेन (Goitrogens) नाम का एक कंपाउंड होता है, जो थायरॉइड हार्मोन पर हल्का असर डाल सकता है. इसलिए, अगर आप थायरॉइड की दवा ले रहे हैं, तो बाजरा खाने से पहले भिगोना और अच्छी तरह पकाना बहुत ज़रूरी है. बेहतर होगा कि आप अपने डॉक्टर या डायटिशियन से एक बार पूछ लें.
- किडनी स्टोन की हिस्ट्री वाले: अगर आपको पहले कभी गुर्दे की पथरी हुई है, तो ज़्यादा ऑक्सालेट वाली चीज़ें खाने से पहले थोड़ी सावधानी बरतें.
- नया-नया खाना शुरू करने वाले: बाजरा फाइबर का पावरहाउस है. अगर आप इसे अचानक बहुत ज़्यादा खाना शुरू कर देते हैं, तो पेट में गैस या पेट फूलने की शिकायत हो सकती है. इसे हमेशा छोटी मात्रा से शुरू करके धीरे-धीरे बढ़ाना चाहिए.

6. 1 किलो बाजरा कितने का आता है?
देखिए, बाजरे का दाम उसकी क़िस्म और आप किस दुकान से ले रहे हैं, इस पर निर्भर करता है. सामान्य ज्वार या देसी बाजरा (Pearl Millet) आपको लगभग 40 रुपये से 80 रुपये प्रति किलो के आसपास मिल जाएगा. पर हाँ, अगर आप फैंसी ऑर्गेनिक रागी या कंगनी (Foxtail Millet) लेने जाते हैं, जो पैकेट में बंद होते हैं, तो उनका रेट 80 रुपये से 150 रुपये प्रति किलो तक या उससे ऊपर भी जा सकता है.
7. बाजरा कब नहीं खाना चाहिए?
बाजरा खाने का कोई 'बुरा वक़्त' नहीं होता, लेकिन समझदारी से खाया जाए तो फ़ायदा ज़्यादा होता है:
- रात के खाने में ज़्यादा मात्रा: बाजरा की तासीर गर्म होती है और यह फाइबर से भरा होता है. अगर आप रात को बहुत भारी बाजरे की रोटी खाते हैं, तो यह पेट में गर्मी और भारीपन कर सकता है, जिससे नींद ख़राब हो सकती है. इसे दोपहर के भोजन में लेना सबसे बेस्ट है.
- बिना भिगोए खाने की गलती: बाजरे को कभी भी सीधे नहीं पकाना चाहिए. बिना भिगोए खाने से इसमें मौजूद एंटी-न्यूट्रिएंट्स (जो पोषण को रोकते हैं) आपके शरीर में मिनरल्स को ठीक से अवशोषित नहीं होने देंगे. कम से कम 6 घंटे भिगोना ज़रूरी है.
- पानी की कमी होने पर: अगर आप गर्मी में हैं और पानी कम पी रहे हैं, तो ज़्यादा फाइबर वाला बाजरा खाने से कब्ज़ की समस्या बढ़ सकती है.
8. मोटे अनाज और बाजरा को और किन नामों से बुलाया जाता है?
इसे इंटरनेशनल मार्केट में तो Millets कहते हैं, और भारत सरकार इसे Nutri-Cereals कहकर प्रमोट कर रही है. हिंदी में इसे सीधे-सीधे 'मोटा अनाज' कहा जाता है. बाक़ी इसके परिवार के हर सदस्य का अपना नाम है: मोटी बाजरा: (Pearl Millet), ज्वार(Sorghum),रागी (Finger Millet), कंगनी (Foxtail Millet), कुटकी (Little Millet).
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9. बाजरा ठंडा होता है या गर्म? तासीर क्या है?
बाजरा की तासीर आम तौर पर गर्म मानी जाती है. तभी तो इसे पारंपरिक रूप से सर्दियों में ज़्यादा खाया जाता था, ताकि यह शरीर को अंदर से गर्माहट दे और ठंड से बचाए. बाजरा (Pearl Millet) और रागी ज़्यादा गर्म होते हैं. ज्वार थोड़ा हल्का होता है. इसलिए, गर्मी के मौसम में इसे खाने से पहले इसकी मात्रा थोड़ी कम रखें, और इसे दही, छाछ या सलाद के साथ मिलाकर खाएं ताकि इसकी गर्मी संतुलित हो जाए.
10. रोज़ाना बाजरा खाने से आपकी सेहत पर क्या असर पड़ता है?
रोज़ाना बाजरा अपनी डाइट में शामिल करना एक तरह का इंश्योरेंस है आपकी सेहत के लिए:
- पेट हमेशा साफ़: रोज़ फाइबर मिलेगा, तो कब्ज़ का नामोनिशान मिट जाएगा.
- एनर्जी का टैंक फुल: इसके कॉम्प्लेक्स कार्ब्स आपको धीरे-धीरे एनर्जी देते हैं, जिससे आप दिनभर फ़्रेश रहते हैं.
- बीमारियां दूर: रोज़ कैल्शियम, आयरन और एंटीऑक्सीडेंट्स मिलने से आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) मज़बूत होती है और आप छोटी-मोटी बीमारियों से बचे रहते हैं.
- वज़न कंट्रोल में: रोज़ सही मात्रा में बाजरा खाने से वज़न बढ़ाने वाले खाने की तरफ़ आपका ध्यान कम जाता है.
- बस ध्यान रहे, रोज़ाना खाने का मतलब है कि पर्याप्त पानी भी पीना है और अलग-अलग तरह के बाजरा को बदल-बदलकर खाना है, न कि सिर्फ़ एक ही तरह का बाजरा.
11. क्या बाजरा वज़न को बढ़ाता है?
बिल्कुल नहीं! यह एक ग़लतफ़हमी है. बाजरा वज़न बढ़ाने का काम नहीं करता, बल्कि वज़न कम करने में आपका सबसे अच्छा दोस्त बन सकता है.
- पेट भरने की सुपरपावर: बाजरे का फाइबर आपको ज़बरदस्त तृप्ति (Satiety) देता है. एक कटोरी बाजरा खाकर आप घंटों तक कुछ और नहीं खाएंगे.
- फ़ैट जमा नहीं: इसका GI कम होने के कारण यह शुगर को आराम से रिलीज़ करता है, जिससे इंसुलिन स्पाइक नहीं होता. इंसुलिन स्पाइक ही अक्सर शरीर में फैट जमा होने का कारण बनता है.
- कम कैलोरी, ज़्यादा पोषण: यह कम कैलोरी में ज़्यादा पोषण देता है, जो वज़न घटाने के डाइट प्लान में सबसे ज़रूरी होता है.
12. बाजरे की रोटी खाने से कौन-सी बीमारी में आराम मिलता है?
बाजरे की रोटी किसी बीमारी को जड़ से उखाड़ नहीं फेंकती, लेकिन यह कुछ बीमारियों के लक्षणों को कंट्रोल करने और शरीर को उनसे लड़ने में बहुत मदद करती है:
- डायबिटीज़: रोटी खाने से शुगर लेवल लंबे समय तक कंट्रोल में रहता है.
- एनीमिया (ख़ून की कमी): रोज़ आयरन मिलने से शरीर में ख़ून बनने की प्रक्रिया तेज़ हो जाती है.
- कमज़ोर हड्डियां: बाजरे की रोटी से हड्डियों को ज़रूरी कैल्शियम मिलता है.
- कब्ज़ और बवासीर: रोटी का फाइबर आँतों को नर्म करता है, जिससे कब्ज़ और उससे जुड़ी समस्याओं में ज़बरदस्त आराम मिलता है.
13. गेहूं और बाजरा: कौन किस पर भारी है?
सीधी बात करें तो, बाजरा गेहूं से ज़्यादा पोषक और हमारी आज की लाइफ़स्टाइल के लिए ज़्यादा फ़ायदेमंद है.
- ग्लूटेन: बाजरा ग्लूटेन-फ्री है. गेहूं में ग्लूटेन होता है.
- फाइबर और मिनरल्स: बाजरा में गेहूं के मुक़ाबले ज़्यादा फाइबर, ज़्यादा कैल्शियम और ज़्यादा आयरन होता है.
- शुगर के लिए: बाजरे का GI गेहूं से काफ़ी कम होता है.
इसलिए, अगर आप डायबिटीज़, वज़न या पाचन की समस्या से जूझ रहे हैं, तो बाजरा स्पष्ट विजेता है. गेहूं सिर्फ़ प्रोटीन में थोड़ा आगे है, पर बाजरा हर तरह से पोषण का बेहतर विकल्प है.

14. क्या बाजरा खाने से वज़न सच में कम होता है?
बाजरा एक शानदार वज़न घटाने वाला टूल है, बशर्ते आप इसे सही तरीक़े से खाएं.
पेट भरने का कमाल: बाजरे की रोटी या दलिया खाने के बाद आपको जल्दी-जल्दी स्नैक्स खाने की ज़रूरत नहीं पड़ती.
धीमा जलना: बाजरा धीरे-धीरे पचता है, जिससे शरीर को ऊर्जा लगातार मिलती रहती है और शरीर फ़ैट को बर्न करने लगता है, न कि उसे जमा करता है.
कंट्रोल: बाजरा खाने से शुगर कंट्रोल होता है, जिससे फैट स्टोर करने वाले हॉर्मोन (इंसुलिन) का काम भी कंट्रोल में रहता है.
15. बाजरे को डाइट में कैसे एड करें?
बाजरा को अपनी डाइट में शामिल करना कोई रॉकेट साइंस नहीं है, ये रहा सबसे आसान तरीक़ा:
- देसी बाजरा खिचड़ी (Jowar/Kodo Millet Khichdi): चावल की जगह 6 घंटे भीगे हुए ज्वार या कोदो बाजरे को दाल और सब्ज़ियों के साथ कुकर में पका लें. ये पेट भरने वाला और सेहतमंद खाना है.
- रागी डोसा: रागी के आटे को दही और पानी में घोलकर रात भर छोड़ दें. सुबह इसका डोसा या चीला बनाएं. यह बच्चों के लिए भी बहुत टेस्टी और कैल्शियम से भरपूर होता है.
- मिलेट पोहा (Foxtail Poha): कंगनी या सांवा बाजरे को 20 मिनट भिगोकर उबाल लें. फिर इसे प्याज़, करी पत्ता और हल्दी के साथ पोहे की तरह तड़का लगाकर बनाएं. यह सुबह का एक शानदार, इंस्टेंट नाश्ता है.
16. डायबिटीज़ के मरीज़ क्या बाजरा खा सकते हैं?
हां, डायबिटीज़ के मरीज़ बाजरा खा सकते हैं. बाजरा डायबिटीज़ के मरीज़ों के लिए गेहूं और चावल से बेहतर है. इसका कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने नहीं देता. बाजरे का फाइबर शरीर को ज़्यादा इंसुलिन की मांग करने से रोकता है. ज्वार और रागी की रोटी को अपने भोजन का हिस्सा बनाइए, यह दवा का काम करेगी.
17. क्या बाजरा बच्चों के लिए अच्छा है?
हां, बाजरा बच्चों के लिए अच्छा है. बाजरा बच्चों के लिए किसी ग्रोथ बूस्टर से कम नहीं है. बाजरा में इतना कैल्शियम है कि यह बच्चों की हड्डियों को फ़ौलादी बना देता है. इसमें मौजूद आयरन और अन्य मिनरल्स बच्चों के दिमागी और शारीरिक विकास के लिए ज़रूरी हैं. छोटे बच्चों को बाजरा दलिया या सूप देने से उनका पेट भी ठीक रहता है और पोषण भी पूरा मिलता है. बाजरा बच्चों को स्वस्थ और मज़बूत बनाता है.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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