आयुर्वेद की हीलिंग पावर को नकारा नहीं जा सकता. इसे अक्सर "जीवन के विज्ञान" के रूप में जाना जाता है, आयुर्वेद का उद्देश्य किसी भी व्यक्ति के दिमाग, शरीर और आत्मा के समग्र विकास को प्राप्त करना है, जो इस पुरानी प्रथा का पालन करता है. यहां आयुर्वेद की नजर और मदद से समझते हैं उन आहारों के बारे में जो सर्दियों में आपको गर्माहट दे सकते हैं.
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आयुर्वेद के अनुसार गर्म और ठंडे आहार का क्या मतलब है? What does hot and cold food mean according to Ayurveda?
इसके मतलब को दो तरह से समझा जा सकता है. पहला, खाने के भौतिक तापमान के आधार पर और दूसरा और बहुत जरूरी है उसके आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से, गर्म और ठंडे खाद्य पदार्थ खाद्य उत्पाद की आंतरिक प्रकृति जिसे तासीर कहा जाता है, के आधार पर. यह आयुर्वेद में वर्गीकृत तीन शरीर प्रकारों (वात, पित्त और कफ) पर विविध प्रभाव डालते हैं. सीधे शब्दों में कहें तो आयुर्वेद यह आकलन करने की कोशिश करता है कि क्या किसी विशेष खाद्य पदार्थ का हमारे शरीर के अंदर ठंडा या गर्म करने वाला प्रभाव है, जो बदले में हमारे चयापचय और पाचन पर प्रभाव डालता है.
आयुर्वेद शरीर पर खाने के प्रभाव के अनुसार उसकी तासीर का पता लगाता है.
. Photo credit: IStockभोजन के बाहरी तापमान की बात करें तो ताजा पके भोजन को "गर्म" और जमे हुए आइसक्रीम को "ठंडा" के रूप में वर्गीकृत करने के लिए गलत माना जा सकता है, हालांकि, आयुर्वेदिक के अनुसार आइसक्रीम की तासीर वास्तव में गर्म है. विडंबना लगता है, है न? आयुर्वेद के अनुसार किसी विशेष खाद्य पदार्थ के भौतिक तापमान और उसकी आंतरिक प्रकृति के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है.
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आयुर्वेद के अनुसार गर्म भोजन (Hot Foods According to Ayurveda)
यहां उन खाद्य पदार्थों की सूची दी गई है जिन्हें इस आयुर्वेदिक सिद्धांत के तहत 'गर्म' कहा गया है.
1. सबसे ज्यादा खाए जाने वाले गर्म खाद्य पदार्थों में प्याज, काली मिर्च, लहसुन, अदरक और मसालेदार भोजन शामिल हैं. आयुर्वेदिक आहार में इन सामग्रियों से बचना होता है.
2. सब्जियों की एक बड़ी लिस्ट है, जिसमें आलू, ब्रोकोली, पालक और बीन्स वगैरह शामिल हैं.
3. सर्दी के मौसम में शरीर को गर्म रखने के लिए मूल सब्जियां जैसे गाजर, मूली, शलजम आदि जो स्वभावतः गर्म होती हैं, की सलाह दी जाती है.
4. सेब, संतरा और आम जैसे ताजे फलों को भी "गर्म भोजन" के रूप में वर्गीकृत किया जाता है.
5. अजवायन, सरसों और हींग जैसे मसाले सर्दी के मौसम में सर्दी और फ्लू जैसी आम बीमारियों से राहत दिलाने में मदद करते हैं. ये प्रतिरक्षा यानी इम्यूनिटी को बढ़ावा देने में मदद करते हैं.
6. तुलसी, अजवायन और पुदीना जैसी जड़ी-बूटियों को भी गर्म करने के लिए जाना जाता है.
आयुर्वेद में मसालों को गर्म भोजन के रूप में वर्गीकृत किया गया है. Photo Credit: IStock
तो इस तरह आयुर्वेद की मदद से आप खाद्य पदार्थों की तासीर को समझ कर आप खुद को सर्दी से बचा सकते हैं. लेकिन इसकी के साथ आपको यह समझने की भी जरूरत है कि आपकी मेडिकल कंडिशन क्या खाने की अनुमति देती है और क्या नहीं. तो कुछ बातों का खास ध्यान रखें और दिल्ली की कड़कड़ाती ठंड से खुद को बचा कर रखें.
अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है.