Aja Ekadashi 2023: सनातन धर्म में हर बार आने वाली एकादशी बेहद खास मानी जाती है. हर एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन करना भी बहुत शुभ माना जाता है. ऐसी ही एक एकादशी होती है अजा एकादशी. अजा एकादशी पर व्रत रखकर भक्त भगवान विष्णु का विधि विधान से पूजन करते हैं और कथा सुनते हैं. हर साल भाद्रपद माह के कृष्णपक्ष की एकादशी को ही अजा एकादशी के रूप में मनाया जाता है. तो चलिए जानते हैं क्या है अजा एकादशी की पूजन विधि और प्रसाद.
भोग की रेसिपी- Aja Ekadashi Bhog Recipe:
अजा एकादशी पर भगवान विष्णु को खासतौर से दूध और बादाम का भोग लगाया जाता है. इसके साथ ही पपीते के हलवे का भोग लगाना शुभ माना जाता है. पपीते का हलवा बनाना भी बहुत आसान है. आपको बस इस रेसिपी के लिए कच्चा पपीता लेना है. इस पपीते को अच्छे से घिस लें. अगर आपको लगता है कि पपीते का कच्चापन हलवे में भी आएगा तो पहले उसे उबलते पानी में डालकर तुरंत छन्नी से छान लें. इससे कसेलापन निकल जाएगा. इस के बाद एक पैन में घी गर्म करें और कद्दूकस पपीता डालकर पकने दें. जब पपीता अच्छे से पक जाए तब उसमें दूध डालें. दूध के गाढ़ा होने के बाद शक्कर और कटे हुए ड्राई फ्रूट्स डालकर कुछ देर पकाएं. भोग बनकर तैयार है.
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शुभ मुहूर्त, पूजन विधि और भोग रेसिपी| Aja Ekadashi, Pujan Vidhi And Bhog Recipe:
शुभ मुहूर्त और पूजन विधि-
इस साल अजा एकादशी मनाने का शुभ समय 9 सितंबर की रात 9.17 से 10 सितंबर को रात 9.28 बजे तक रहेगा. ये समय पूजन के लिए शुभ समय माना जा रहा है. सुबह सुबह उठ कर सबसे पहले हर पूजन की तरह इस पूजन में भी स्नान करना करें. इसके बाद पूजा स्थल की साफ सफाई करें, पूजन के लिए लक्ष्मी नारायण की प्रतिमा एक साथ स्थापित करें. पूजन में पीले फूल, धूप और दीप का दान दें. विष्णु चालीसा का पाठ करें. साथ ही विष्णु स्तोत्र का पाठ और मंत्र का जाप करें.
(अस्वीकरण: सलाह सहित यह सामग्री केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है. यह किसी भी तरह से योग्य चिकित्सा राय का विकल्प नहीं है. अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें. एनडीटीवी इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है.)
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