खबरों में है कि देश के 30 राज्यों में स्वाइन फ्लू फैलने की खबर, 377 की मौत, सबसे ज्यादा खराब हालत राजस्थान की है. मध्य प्रदेश में इस साल के शुरुआती दो माह में स्वाइन फ्लू से 35 मरीजों की मौत हो चुकी है. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्वाइन फ्लू से हो रही मौतों पर चिंता जताई है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, इंदौर में 13, भोपाल में 10 और ग्वालियर में चार मरीजों की मौत हुई हैं. राज्य में अब तक स्वाइन फ्लू के 300 संदिग्ध मरीज सामने आए, जिनमें से 60 में स्वाइन फ्लू की पुष्टि हुई है. इस महीने के शुरुआत में आई खबरों के अनुसार राजस्थान में स्वाइन फ़्लू से मरने वालों की तादाद इस साल 100 के पार हो गई थी. तमाम कोशिशों के बावजूद बीमारी अब तक काबू में नहीं आ रही. एक ही दिन में इसके सौ नए मामले सामने भी आए. फरवरी की शुरुआत में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार देश भर में राजस्थान में सबसे ज्यादा मौते हुई हैं और बृहस्पतिवार तक 2,706 मामले सामने आए हैं. इसके बाद गुजरात में 54 मौतें हुईं और 1,187 मामले सामने आए हैं. पंजाब में इस बीमारी की वजह से 30 लोगों की मौत हो चुकी है और 301 मामले सामने आ चुके हैं, महाराष्ट्र में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है और 197 मामले सामने आए हैं. दिल्ली 28 जनवरी तक स्वाइन फ्लू के मामले में 28 जनवरी तक राजस्थान और गुजरात के बाद तीसरे स्थान पर था. लेकिन अब स्वाइन फ्लू के 1,406 मामलों के साथ यह दूसरे स्थान पर था.
ऐसे में जरूरी है कि आप स्वाइन फ्लू के लक्षणों को समय रहते पहचाने और इलाज कराएं. तो चलिए हम आपको बताते हैं स्वाइन फ्लू कैसे फेलता है, स्वाइन फ्लू के लक्षण क्या होते हैं और इससे बचाव के बारे में.
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स्वाइन फ्लू के लक्षण - Swine Flu Symptoms in Hindi
स्वाइन फ्लू हल्के फ्लू या स्वाइन फ्लू बुखार, खांसी, गले में खरास, नाक बहने, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द, ठंड और कभी-कभी दस्त और उल्टी के साथ आता है. इसके और लक्षणों में शामिल हैं-
- स्वाइन फ्लू में खांसी या गले में खरास के साथ 1000 फारेनहाइट से अधिक तक बुखार हो सकता है. निदान की पुष्टि आरआरटी या पीसीआर तकनीक से किए गए लैब टैस्ट से होती है.
- हल्के मामलों में, सांस लेने में परेशानी नहीं होती है.
- लगातार बढ़ने वाले स्वाइन फ्लू में छाती में दर्द के साथ उपरोक्त लक्षण, श्वसन दर में वृद्धि, रक्त में ऑक्सीजन की कमी, कम रक्तचाप, भ्रम, बदलती मानसिक स्थिति, गंभीर निर्जलीकरण और अंतर्निहित अस्थमा, गुर्दे की विफलता, मधुमेह, दिल की विफलता, एंजाइना या सीओपीडी हो सकता है.
- गर किसी व्यक्ति को खांसी, गले में दर्द, बुखार, सिरदर्द, मतली और उल्टी के लक्षण हैं, तो स्वाइन फ्लू की जांच करानी चाहिए. इस स्थिति में दवाई केवल चिकित्सक की निगरानी में ही ली जानी चाहिए.
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कैसे होता है स्वाइन फ्लू- Swine flu (H1N1)
स्वाइन फ्लू इन्फ्लूएंजा-ए वायरस के एक स्ट्रेन के कारण होता है. यह सुअरों से इंसानों में संचरित होता है. समय पर इलाज नहीं होने पर एच1एन1 घातक भी हो सकता है. इंफ्लूएंजा ए स्वाइन फ्लू वायरस ‘एच-1-एन-1‘ द्वारा संक्रमित एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. यह एक इंसान से दूसरे इंसान में फैलता है. यह वायरस बड़ी बहुत तेजी से फैलता है.
स्वाइन फ्लू: कारण, उपचार और इस बीमारी से बचने के उपाय
इन बातों को रखें ध्यान - Swine Flu Precaution
- खांसी या छींक आए, तो मुंह को ढंक लें.
- लगातार हाथ धोने से स्वाइन फ्लू से बचने में मदद मिल सकती है.
- जब आप किसी से हाथ मिलाएं या दरवाजे के हैंडल, कीबोर्ड या किसी की टेबल को छूएं, तो हमेशा हैंड सैनिटाइज़र का इस्तेमाल करें.
- सुनिश्चित करें कि आप फलों और सब्जियों को पानी से धो रहे हों.
- भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें.
- अगर आप भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाते हैं, तो फ्लू मास्क पहनें.
- स्वाइन फ्लू के सामान्य लक्षण विकसित होने पर तुरंत डॉक्टर से मिलें.
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स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए घरेलू नुस्खे (Swine Flu: Best Home Remedies; Prevention Tips)
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए आप अपने आहार को बेहतर बनाएं. ऐसा आहार लें जो आपके शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए. एंटी ऑक्सिडेंट तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थो के सेवन से रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि की जा सकती है, जो ताजा फलों और हरी सब्जियों में प्रचुर मात्रा में होता है. तो आप अपने आहार में इन चीजों को मिलकार अपनी इम्युन पावर को बढ़ा सकते हैं-
- अधिकतर भारतीय घरों में तुलसी आसानी से मिल जाती है. तुलसी एक बेहतर प्राकृतिक एंटी- बैक्टीरियल है. इसके साथ ही साथ यह एंटी-वायरस भी है. तो आप नियमित रूप से अपनी चाय या खाने में जैसे चाहें तुलसी का इस्तेमाल करें.
- यह एक मशहूर घरेलू नुस्खा है. इसे इस्तेमाल करने वाले लोगों का दावा है कि यह स्वाइन फ्लू से बचाव का कारगर नुस्खा है. इस नुस्खे के अनुसार गिलोय को तुलसी की पत्तियों के उबाल कर उस पानी को पीना होता है. इसमें काली मिर्च, मिश्री और नमक मिलकार भी लिया जाता है.
- लहसुन एक अच्छा एंटी-वॉयरल है. लहसुन खाने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है.
एलोवेरा के गुणों के बारे में तो आपने सुना ही होगा. एलोवेारा एक लोकप्रिय जड़ी-बूटी है. यह शरीर में संक्रमण से लडऩे की क्षमता को बढ़ाती है. असल में एलोवेरा रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है और संक्रमण से बचाने में मददगार है.
- अपने आहार में ज्यादा से ज्यादा विटामिन सी युक्त चीजों को शामिल करें. विटामिन सी आम तौर पर खट्टे फलों जैसे नींबू, आंवला, अंगूर, संतरा वगैरह में होता है. यह संक्रमण से बचाने में मददगार है. (इनपुट- आईएएनएस)
नोट: अपने आहार में कोई भी बदलाव या कोई भी घरेलू नुस्खा अपनाने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें. कोई भी बदलाव बिना डॉक्टर की सलाह के न करें.
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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं