Kartik Purnima 2019: कार्तिक पूर्णिमा आज 12 नवंबर को मनाई जा रही है. हिंदू धर्म में कार्तिक पूर्णिमा की काफी महत्ता बताई गई है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन स्नान और दान करना काफी फलदायक माना जाता है. कार्तिक पूर्णिमा (Kartik Purnima) क्यों मनाई जाती है तो ऐसा माना जाता है कि अगर इस दिन श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाते हैं, तो उनके कई जन्मों के पापों का नाश हो जाता है. माना जाता है कि इस दिन जरूरतमंदों को दान करने से लोगों पर समस्त देवी-देवताओं का आशीर्वाद बना रहता है. यहां जानिए कि कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि, मुहुर्त साख. अगर इस दिन विशेष विधि से पूजा-अर्चना की जाए तो समस्त देवी-देवताओं को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है. इस दिन पूरी विधि और मन से भगवान की आराधना करने से घर में धन और वैभव बना रहता है. साथ ही मनुष्य को सभी प्रकार की परेशानियों से मुक्ति मिल सकती है. इस पवित्र दिन विधि विधान से पूजा-अर्चना करने पर जन्मपत्री के सभी ग्रहदोष दूर हो जाते हैं. कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा (Tripuri Purnima) भी कहा जाता है.
कार्तिक पूर्णिमा को मनाने का कारण और मान्यता है कि त्रिपुरासुर नामक एक राक्षस ने प्रयाग में एक लाख साल तक घोर तप किया जिससे ब्रह्मा जी ने प्रसन्न होकर उसे दीर्घायु का वरदान दिया. इससे त्रिपुरासुर में अहंकार आ गया और वह स्वर्ग के कामकाज में बाधा डालने लगा व देवताओं को आए दिन तंग करने लगा. इस पर सभी देवी देवताओं ने शिव जी से प्रार्थना की कि उन्हें त्रिपुरासुर से मुक्ति दिलाएं. इस पर भगवान शिव ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही त्रिपुरासुर नामक राक्षस को मार डाला था. तभी से कार्तिक पूर्णिमा को त्रिपुरी पूर्णिमा कहा जाने लगा. इसे गंगा दशहरा भी कहा जाता है. कार्तिक पूर्णिमा को खास बनाने के लिए हम आपको बता रहे हैं कि पूजा के लिए कौन सी डिश बनाई जाए जो सबसे आसान भी हो और हेल्दी भी तो यहां जानिए एक ऐसी ही रेसिपी के बारे में. हम बता रहे हैं धनिया पंजिरी के बारे में. यहां जानिेए...
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कार्तिक पूर्णिमा की शुभ मुहूर्त (Kartik Purnima Muhurat)
कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत 12 नवंबर 2019 से होगी.
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2019 को शाम 06 बजकर 02 मिनट से ही हो जाएगी.
पूर्णिमा तिथि का समापन 12 नवंबर 2019 को शाम 07 बजकर 04 मिनट पर होगा.
कार्तिक पूर्णिमा के दिन घर पर आसानी से बनाएं धनिया पंजिरी
धनिया पंजिरी एक फलाहारी व्यंजन है जिसे प्रसाद के रूप में भी परोसा जाता है और अक्सर व्रत के दौरान इसे खाया जाता है. पंजीरी काफी पोषक तत्वों से भरी होती हैं, इसे पीसी हुई चीनी, घी, आटा और ड्राई फ्रूटस डालकर बनाया जाता है. हालांकि, त्योहार के मौके पर भगवान को भोग लगाने के लिए पंजीरी बनाते वक्त इसमें आटे की जगह धनिए का इस्तेमाल किया जाता है. दरअसल, व्रत के दौरान अनाज का सेवन करने की अनुमति नहीं होती, इसलिए धनिये का उपयोग किया जाता है.
घर पर कैसे बनाएं धनिया पंजीरी/ धनिया पंजीरी बनाने की विधि:
सामग्री:
1 कप साबुत धनिया
1 कप पीसी हुई चीनी
1 कप मखाने
1 कप देसी घी
4 छोटी इलाइची
1/2 कप सूखा नारियल कद्दूकस किया हुआ
8 से 10 काजू
8 से 10 बादाम
2 बड़े चम्मच चिरौंजी
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धनिया पंजिरी की विधि:
- सबसे पहले साबुत धनिये को रोस्ट करके मिक्सी में डालकर पाउडर बना लें.
- इसके बाद एक कढ़ाही में थोड़ा घी डालकर काजू, बादाम, मखाने और सूखे नारियल को रोस्ट कर लें.
- अब कढ़ाही में थोड़ा घी और डालें और इसमें धनिया पाउडर को डालकर हल्की खुशबू आने तक भूनें.
- जब धनिया ठंडा हो जाए तो इसमें सबसे पहले पीसी हुई चीनी डालकर मिलाएं.
- इसी तरह काजू, बादाम, मखाने और सूखा नारियल डालकर मिलाएं.
- सबसे आखिरी में इसमें आप तुलसी का पत्ता भी डाल सकते हैं.
आप चाहे तो पंजीरी में अपनी पसंद के ड्राई फ्रूट्स का इस्तेमाल कर सकते हैं.
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