Eid 2019: ईद मुबारक! क्या रमजान और ईद-उल-फितर से जुड़ी इन 7 रोचक बातों को जानते हैं आप...

Eid al-Fit 2019: रमजान 2019 का पहला रोजा 6 मई को और अंति‍म रोजा 4 जून को मनाया जा सकता है. इस हि‍साब से ईद 2019 (Eid al Fitr 2019) 5 जून को मनाया जा सकता है. पर इस बारे में कुछ भी ठीक से कह पाना अभी सही नहीं, क्योक‍ि यह तभी संभव हो पाएगा जब 5 मई को रमजान का चांद दिखेगा.

Eid 2019: ईद मुबारक! क्या रमजान और ईद-उल-फितर से जुड़ी इन 7 रोचक बातों को जानते हैं आप...

Eid Mubarak 2019: रमजान 2019 का पहला रोजा 6 मई को और अंति‍म रोजा 4 जून को मनाया जा सकता है. इस हि‍साब से ईद 2019 (Eid al Fitr 2019) 5 जून को मनाया जा सकता है.

खास बातें

  • रमजान का महीना 30 दिन का होता है.
  • हिजरी कैलेण्डर के अनुसार ईद साल में दो बार आती है.
  • रमजान के महीने में ही कुरान का अवतरण माना जाता है.

Eid al Fitr 2019 - When is Eid ul Fitr 2019: रमजान 2019 का पहला रोजा 6 मई को और अंति‍म रोजा 4 जून को मनाया जा सकता है. इस हि‍साब से ईद 2019 (Eid al Fitr 2019) 5 जून को मनाया जा सकता है. पर इस बारे में कुछ भी ठीक से कह पाना अभी सही नहीं, क्योक‍ि यह तभी संभव हो पाएगा जब 5 मई को रमजान का चांद दिखेगा. रमजान (Ramadan 2019) के पवित्र महीने में मनाया जाता है ईद-उल-फितर का त्योहार. यह दुनिया भर के मुसलमानों का एक बहद ही अहम त्योहार है. ईद-उल-फितर या ईद मुसलमानों के लिए उनके धर्म का सबसे बड़ा त्योहर है. इस त्योहर को दुनिया भर के मुसलमान मनाते हैं. यह त्योहार नेकियों के महीने रमजान में मनाया जाता है. कहते हैं कि रमजान का महीना इस्लामिक कैलेण्डर हिजरी कैलेण्डर का सबसे पाक महीना है. इस महीने में किए गए पूण्य का फल कई गुना ज्यादा होकर मिलता है. इस महीने में हर मुसमलान को अल्लाह का शुक्र अदा करना, रोज रखना, जकात देना, दान करना आदि का फर्ज है. एक नजर ड़ालते हैं ईद और रमजान से जुड़ी उन रोचक बातों पर...

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  1. रमजान के महीने के आखि‍री दिन जब आसमान में चांद नजर आता है, तो उसके दूसरे दिन ईद मनाई जाती है. 

  2. मुसलमान समुदाय पूरे रमजान माह में रोजा रखते हैं. इस्लामिक कैलेण्डर के मुताबिक रमजान का महीना 30 दिन का होता है. ऐसे में मुसलमान पूर 30 दिन रोजा रखते हैं. 

  3. रमजान के दिनों में रोजा रखने वाला मुसलमान इफ्तार और सहरी के दौरान ही कुछ ग्रहण करता है. इसके अलावा वह पानी तक नहीं पीता. 

  4. हिजरी कैलेण्डर के अनुसार ईद साल में दो बार आती है. एक ईद होती है ईद-उल-फितर और दूसरी को कहा जाता है ईद-उल-जुहा. ईद-उल-फितर को महज ईद भी कहा जाता है. इसके अलावा इसे मीठी ईद भी कहा जाता है. जबकि ईद-उल-जुहा को बकरीद के नाम से भी जाना जाता है. 

  5. माना जाता है‍ कि रमजान के महीने की 27वीं रात, जिसे शब-ए-क़द्र को कहा जाता है, को क़ुरान का नुज़ूल यानी अवतरण हुआ था. 

  6. रमजान के महीने में ही कुरान का अवतरण माना जाता है. यही वजह है कि इस महीने में ज्यादा कुरान पढ़ने का फर्ज है.

  7. जैसा कि हम जान चुके हैं ईद-उल-फितर को मीठी ईद भी कहा जाता है, तो इस ईद पर सेवैया बनाना बहुत जरूरी है.

Eid Mubarak 2019!

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