यह ख़बर 03 अप्रैल, 2013 को प्रकाशित हुई थी

हमेशा मौजूद रहा है 100 करोड़ क्लब : सनी देओल

खास बातें

  • सनी ने कहा, मैं नहीं समझ पाता कि इसे इतना प्रचारित क्यों किया जा रहा है। पहले भी ऐसी कई फिल्में रही हैं, जिन्होंने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यवसाय किया, लेकिन उन दिनों इसे कभी भी प्रचारित नहीं किया जाता था।
नई दिल्ली:

100 करोड़ रुपये से ज़्यादा की कमाई करने वाली फिल्मों के 'क्लब' को लेकर काफी लम्बे समय से बहुत शोर-शराबा सुनने को मिलता है, लेकिन बीते तीन दशक से हिन्दी फिल्मी दुनिया में सक्रिय सितारे सनी देओल का कहना है कि यह चलन पहले भी मौजूद रहा है, लेकिन इसे कभी इतना प्रचारित नहीं किया जाता था।

वर्ष 1983 में रोमांस-प्रधान फिल्म 'बेताब' से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत करने वाले 56-वर्षीय अभिनेता आज की फिल्मों द्वारा 100 करोड़ रुपयों का व्यवसाय किए जाने को लेकर हो रहे शोर-शराबे पर हैरान हैं। एक सामूहिक साक्षात्कार में सनी ने कहा, मैं नहीं समझ पाता कि इसे इतना प्रचारित क्यों किया जा रहा है। पहले भी ऐसी कई फिल्में रही हैं, जिन्होंने 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का व्यवसाय किया, लेकिन उन दिनों इसे कभी भी प्रचारित नहीं किया जाता था।

उन्होंने कहा, अभी ऐसा हो रहा है कि लोग इसे एक मुद्दा बना रहे हैं। मेरी फिल्म 'गदर - एक प्रेम कथा' ने कई करोड़ की कमाई की थी, और वह ब्लॉकबस्टर फिल्म थी। उसमें लोगों ने मेरा काम व कहानी को पसंद किया था। सनी ने कई हिट फिल्में दी हैं, जिनमें 'घायल', 'डर' व 'दामिनी' भी शामिल हैं।

सनी के मुताबिक वह नम्बर एक की दौड़ में भी विश्वास नहीं करते। उन्होंने कहा, मैं नहीं समझ पाता कि आज हर कोई नम्बर एक क्यों बनना चाहता है। लोग असुरक्षित हो गए हैं, और काम की गुणवत्ता कम हुई है। दरअसल, अब फिल्मों में मुख्य ध्यान उनकी कमाई पर दिया जाता है।

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उल्लेखनीय है कि सनी देओल आखिरी बार वर्ष 2011 में प्रदर्शित हुई 'यमला पगला दीवाना' (वाईपीडी) में नज़र आए थे, जिसमें वह अपने पिता धर्मेन्द्र व भाई बॉबी देओल के साथ थे। हालांकि उससे भी पहले तीनों ने फिल्म 'अपने' में एक साथ काम किया था, और अब तीनों 'यमला पगला दीवाना 2' में एक साथ दिखाई देंगे। उन्होंने कहा, लोग आज जो कर रहे हैं, उसे मैं पहले ही देख व कर चुका हूं। मुझे 100 करोड़ के क्लब को प्रचारित करना पसंद नहीं, मैंने पहले कभी भी ऐसा नहीं किया।