फिल्म 'तारे ज़मीन पर' की तरह बच्चों और उनकी शिक्षा से जुड़ी कहानी और विषय लेकर आ रही है एक और फिल्म जिसका नाम है, 'टेक इट इजी'।
फिल्म की कहानी मासूम बच्चों के मासूम सपनों की है। हर घर की तरह इनके मां-बाप इन्हें प्रतिस्पर्धा की दौड़ में लगाए हुए हैं।
साल 2007 में रिलीज हुई आमिर खान की फिल्म 'तारे ज़मीन पर' में कुछ ऐसा ही विषय था, जिसने देश में बहस छेड़ दिया था कि क्या बच्चों की शिक्षा महज कॉम्पिटीशन तक ही सीमित है? शिक्षा के नाम पर बच्चों के ऊपर इतना बोझ क्यों है? कुछ ऐसा ही विषय और ऐसी ही नियत के साथ फिल्म 'टेक इट इजी' की कहानी लिखी है सुनिल प्रेम व्यास ने।
इस फिल्म में यह भी बताने की कोशिश की जा रही है की डॉक्टर, इंजीनियर, प्रोफेशनल बनाने से ज्यादा जरूरी है कि बच्चे को पहले अच्छा और नेक इंसान बनने की सीख दी जाए। फिल्म 'टेक इट इजी' 5 दिसंबर को रिलीज होने वाली थी, मगर पोस्ट प्रोडक्शन का काम समय पर पूरा न होने की वजह से रिलीज डेट को आगे बढ़ा दी गई है।
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