मुंबई:
हिन्दी सिनेमा जगत में पिछले दो दशकों से ‘किंग खान’ का ताज पहने बॉलीवुड ‘बादशाह’ शाहरुख खान का कहना है कि स्टारडम उनके लिए मायने नहीं रखता।
शाहरुख ने कहा, यह (स्टारडम) मेरे लिए मायने नहीं रखता। मैं केवल सुबह से शाम तक काम करना जानता हूं। मुझे नहीं मालूम कि इसके (स्टारडम) मेरे लिए क्या मायने हैं। उन्होंने कहा, मैं रोजाना लगभग 18 घंटे काम करता हूं। जीवन में सबसे बढ़ी चीज अपनी सफलता की वजह को परिभाषित करना है, क्योंकि इसके बारे में मैं नहीं जानता। अगर आप इसकी व्याख्या करते हैं तो मैं सोचता हूं कि आप ईमानदार नहीं हैं, क्योंकि मैं इसे (अपनी सफलता को) अपनी बेटी और बेटे को विरासत में नहीं दे सकता और ऐसा कोई नहीं कर सकता।
2012 में ‘किंग’ खान की केवल एक फिल्म ‘जब तक है जान’ प्रदर्शित हुई जो कि सुपरहिट रही। इस साल भी वह केवल रोहित शेट्टी की फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में ही नजर आएंगे।
यह पूछे जाने पर कि फिल्में करने की रफ्तार कम करने का फैसला क्या सोचा समझा है, उन्होंने कहा, नहीं, ऐसा नहीं है। मैं एक समय में केवल एक फिल्म करता हूं। अब मैं एक साल में एक फिल्म करना चाहता हूं, खाली समय लेकर बच्चों के साथ बैठना चाहता हूं।
शाहरुख ने कहा, यह (स्टारडम) मेरे लिए मायने नहीं रखता। मैं केवल सुबह से शाम तक काम करना जानता हूं। मुझे नहीं मालूम कि इसके (स्टारडम) मेरे लिए क्या मायने हैं। उन्होंने कहा, मैं रोजाना लगभग 18 घंटे काम करता हूं। जीवन में सबसे बढ़ी चीज अपनी सफलता की वजह को परिभाषित करना है, क्योंकि इसके बारे में मैं नहीं जानता। अगर आप इसकी व्याख्या करते हैं तो मैं सोचता हूं कि आप ईमानदार नहीं हैं, क्योंकि मैं इसे (अपनी सफलता को) अपनी बेटी और बेटे को विरासत में नहीं दे सकता और ऐसा कोई नहीं कर सकता।
2012 में ‘किंग’ खान की केवल एक फिल्म ‘जब तक है जान’ प्रदर्शित हुई जो कि सुपरहिट रही। इस साल भी वह केवल रोहित शेट्टी की फिल्म ‘चेन्नई एक्सप्रेस’ में ही नजर आएंगे।
यह पूछे जाने पर कि फिल्में करने की रफ्तार कम करने का फैसला क्या सोचा समझा है, उन्होंने कहा, नहीं, ऐसा नहीं है। मैं एक समय में केवल एक फिल्म करता हूं। अब मैं एक साल में एक फिल्म करना चाहता हूं, खाली समय लेकर बच्चों के साथ बैठना चाहता हूं।
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