विज्ञापन
This Article is From Apr 13, 2017

'मिस्‍टर एंड मिसेज अय्यर' और 'सोनाटा' की डायरेक्‍टर अपर्णा सेन बोली, 'फिल्में उपदेश देने के लिए नहीं बनाती'

'मिस्‍टर एंड मिसेज अय्यर' और 'सोनाटा' की डायरेक्‍टर अपर्णा सेन बोली, 'फिल्में उपदेश देने के लिए नहीं बनाती'
नई दिल्‍ली: लीक से हटकर '36 चौरंगी लेन' और 'मिस्टर एंड मिसेज अय्यर' जैसी फिल्मों का निर्माण करने वाली जानी मानी अभिनेत्री व फिल्मकार अपर्णा सेन अपनी नई फिल्म 'सोनाटा' के साथ तैयार हैं, जिसमें जीवन के मध्य पड़ाव का सामना कर रही तीन अविवाहित महिलाओं की मनोदशा को दर्शाया गया है. अपनी फिल्मों के लिए गंभीर विषयों को चुनने के बावजूद सेन का कहना है कि वह फिल्में कभी भी सामाजिक संदेश देने के लिए नहीं बनातीं और उनके लिए यह उपदेश देने का मंच नहीं है. सेन ने कोलकाता से ईमेल के जरिए आईएएनएस को दिए साक्षात्कार में बताया, 'मैं उन इंसानों के लिए फिल्में बनाती हूं, जिनमें मनोरंजन अहमियत रख सकती है या नहीं भी रख सकती है. यह कहानी पर निर्भर है. मैं जागरूकता वाले संदेश भेजने में यकीन नहीं करती क्योंकि फिल्म उपदेश देने का कोई मंच नहीं है.'

फिल्मकार का हालांकि मानना है कि सभी इंसानों की अपनी राजनीति होती है, चाहे वे इस बारे में सचेत हों या नहीं हों. सेन कहती हैं, 'यह राजनीति एक गंभीर फिल्म निर्माता के काम में परिलक्षित होती है. जब मैं फिल्म बनाती हूं तो अपनी क्षमता के अनुसार, मानवीय कहानी को कहने की कोशिश करती हूं. मैं संदेश देने या पूरी तरह से मनोरंजन करने को ध्यान में रखकर फिल्में नहीं बनाती.'

सेन के निर्देशन में बनी फिल्म 'सोनाटा' 21 अप्रैल को रिलीज हो रही है. यह महेश एलकुंचवर के इसी नाम के नाटक की कहानी पर आधारित है. फिल्म में उम्र के मध्य पड़ाव का सामना कर रहीं तीन अविवाहित महिला दोस्तों प्रोफेसर अरुणा चतुर्वेदी (अपर्णा सेन), बैंकर डोलोन सेन (शबाना आजमी) और पत्रकार सुभद्रा पारेख (लिलेट दुबे) के जीवन की कहानी को दर्शाया गया है.

सेन ने कहा कि एक नाटक के रूप में 'सोनाटा' ने उन्हें इतना प्रभावित किया कि उन्होंने फिल्म बनाने का फैसला कर लिया. शबाना के साथ दोबारा काम करने के बारे में उन्होंने कहा कि दोनों के एक साथ के सफर का आधार आपसी विश्वास और सम्मान है, हालांकि उनके साथ बनाई गई पहली फिल्म 'सती' सफल नहीं हो पाई थी, लेकिन मुझ पर एक निर्देशक के रूप में उनका विश्वास बना रहा और टेलीफिल्म 'पिकनिक', फिल्म '15 पार्क एवेन्यू' और अब 'सोनाटा' में भी उन्होंने (शबाना) काम किया.

अभिनेत्री कोंकणा सेन शर्मा की मां अपनी फिल्मों में महिला किरदारों को दमदार और सशक्त रूप में पेश करती हैं. उनसे जब यह पूछा गया कि क्या उन्हें लगता है कि बॉलीवुड फिल्मों में अब महिलाओं की स्थिति बेहतर हुई है? तो उन्होंने कहा कि मुख्यधारा की फिल्मों में अभी भी नायकों का दबदबा है, लेकिन हालिया कुछ फिल्मों जैसे 'पिंक', 'गॉडमदर', 'गुलाब गैंग', या 'नीरजा', को दर्शकों ने सराहा है.

(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com