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This Article is From Jul 19, 2012

राजेश खन्ना को नम आंखों से दी गई अंतिम विदाई

मुंबई: अपने जमाने के सुपरस्टार राजेश खन्ना का अंतिम संस्कार उनके नाती आरव द्वारा विले पार्ले श्मशान घाट में किया गया। इस मौके पर मौजूद उनके परिवार के सदस्यों, दोस्तों और प्रशंसकों ने उन्हें नम आंखों से विदाई दी।

राजेश के नौ वर्षीय नाती ने अपने अभिनेता पिता अक्षय कुमार के साथ उनकी चिता को आग दी। अक्षय उनकी बड़ी बेटी ट्विंकल खन्ना के पति हैं। अपने परिवार और दोस्तों द्वारा काका कहकर पुकारे जाने वाले राजेश का बुधवार सुबह लीवर के संक्रमण की वजह से निधन हो गया था। वह 69 वर्ष के थे।

उनकी अंतिम यात्रा में भी लोगों में वहीं उन्माद देखने को मिला, जो 1970 में उनके स्टारडम हासिल करने के बाद था। बॉलीवुड के पहले सुपरस्टार राजेश खन्ना की अंतिम यात्रा उनके बांद्रा स्थित निवास 'आशीर्वाद' से लगभग 10 बजे शुरू हुई। उनके पार्थिव शरीर को पारदर्शी ताबूत में सफेद फूलों से सजे मिनी ट्रक में रखा गया था और उनके साथ भारी भीड़ चल रही थी।

सुपरस्टार के परिवार के सदस्यों, दोस्तों, प्रशंसकों और फिल्मी बिरादारी सहित हजारों लोगों ने राजेश को नम आंखों से विदाई दी। अभिनेता की अंतिम यात्रा उनके बांद्रा स्थित निवास से शुरू होकर कार्टर रोड, टर्नर रोड़ और एसवी रोड होते हुए श्मशान घाट पहुंची। वैसे यात्रा को लम्बे रास्ते से निकाले जाने की योजना थी, लेकिन बारिश की वजह से इसे छोटा कर दिया गया। परन्तु यह उनके प्रशंसकों की बड़ी भीड़ को नहीं रोक सकी। यह वैसी ही विदाई थी, जिसके राजेश योग्य थे।

अभिनेता की अंतिम यात्रा में उनसे अलग रही पत्नी डिम्पल कपाड़िया, उनकी छोटी बेटी रिंकी और दामाद अक्षय कुमार उनके साथ रहे। डिम्पल ने अंतिम दिनों में राजेश की खासी देखभाल की थी। गर्भवती होने के कारण ट्विंकल यात्रा में शामिल नहीं हो पाई।

हिन्दी फिल्म उद्योग की हस्तियों में अमिताभ बच्चन, उनके बेटे अभिषेक बच्चन, सुधीर मिश्रा, करण जौहर, रानी मुखर्जी, साजिद खान, विनोद खन्ना और आदेश श्रीवास्तव अंतिम संस्कार के वक्त उपस्थित रहे।

राजेश ने अपने बॉलीवुड करियर की शुरुआत 1966 में फिल्म  'आखिरी खत' से की थी। इसके बाद उन्होंने 'अराधना', 'कटी पतंग', 'अमर प्रेम' और 'आनंद' जैसी फिल्मों से शोहरत हासिल की। महानायक अमिताभ बच्चन के अनुसार राजेश के अंतिम शब्द 'टाइम टू पैक अप' थे।

अमिताभ ने अपने ब्लॉग में कहा, मैं उनके निधन की खबर के बाद उनके आवास पर श्रद्धांजलि देने गया। उनका एक करीब सहयोगी मेरे पास आया और रुंधे गले से कहा कि उनके अंतिम शब्द थे, टाइम हो गया है... पैक अप। अपने कैरियर के शुरुआती दिनों में बॉलीवुड लीजेंड के साथ ‘आनंद’ और ‘नमक हराम’ जैसी फिल्मों में काम करने वाले अमिताभ ने कहा कि पर्दे पर उनके साथ काम करना भगवान के आशीर्वाद जैसा था।

अपने ब्लॉग में उन्होंने कहा, मैंने पहली बार उन्हें फिल्म मैग्जीन के कवर पर देखा। उसके बाद मेरी मां मुझे फिल्म ‘आराधना’ दिखाने ले गईं, उसके तुरंत बाद मुझे उनके साथ ‘आनंद’ में काम करने का मौका मिला। यह चमत्कार जैसा था। भगवान का आशीर्वाद जिसने मुझे प्रतिष्ठा दी। किसी को मालूम पड़ता कि मैं राजेश खन्ना के साथ काम कर रहा हूं तो मेरी महत्ता बढ़ जाती थी।

गौरतलब है कि राजेश खन्ना का असली नाम जतिन खन्ना था और उनका जन्म 29 दिसंबर 1942 को पंजाब के अमृतसर में हुआ था। राजेश खन्ना की परवरिश उनके दत्तक माता−पिता ने की थी।

राजेश खन्ना ने फिल्मी पर्दे पर रोमांस को नई पहचान दी थी और 1969 से 1972 के बीच सोलो एक्टर के तौर पर उन्होंने 15 हिट फिल्में दीं। ये कारनामा न पहले कभी हुआ और न ही अब तक कोई इसे कर पाया है।

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