नई दिल्ली:
एक्टिंग से फिल्ममेकिंग की तरफ बढ़ने वाली पूजा भट्ट शराब की लत से बुरी तरह जूझ रही थीं और इससे बचने के लिए पूजा ने अब इस लत से अपना पीछा छुड़ा लिया है. पूजा भट्ट ने मुंबई मिरर को दि अपने एक इंटरव्यू में बताया कि यदि 45 साल की उम्र में मैं शराब नहीं छोड़ती तो मैं मरते दम तक शराब पीती. बता दें कि हाल ही में 24 फरवरी को पूजा भट्ट ने अपना 45 वां जन्मदिन मनाया. उन्होंने मुंबई मिरर को बताया, ' मैं 45 साल की हूं. अगर मैं 10 साल और जीना चाहती हूं तो मुझे शराब छोड़नी ही थी. मैं एक बार फिर पहले की तरह तेज और ज्यादा काम करने वाली बनना चाहती हूं जो मैं पहले थी.' बता दें कि पूछा भट्ट ने पिछले साल क्रिसमस की शाम को शराब छोड़ दी है और उन्होंने अभी तक शराब को हाथ नहीं लगाया है. पूजा भट्ट महेश भट्ट की बड़ी बेटी हैं.
पूजा ने मुंबई मिरर को बताया कि 21 दिसंबर को महेश भट्ट ने दिल्ली से उन्हें मेसेज किया और वे दोनों देश की मौजूदा हालत पर बात करने लगे. फोन रखते हुए उन्होंने मुझसे कहा, 'आई लव यू बेटा.' इस पर पूजा ने जवाब दिया, 'आई लव यू टू पापा. दुनिया में इससे ज्यादा प्यारा मेरे लिए कुछ और नहीं है.' उन्होंने जवाब दिया, 'यदि तुम मुझसे प्यार करती हो तो तुम खुद से प्यार करो, क्योंकि मैं तुम्हारे अंदर बसता हूं.' उनके पिता ने कभी उनकी समस्याओं को लेकर जिक्र नहीं किया, लेकिन उनके शब्द बेटी को खुद से प्यार करने को कह रहे थे. फोन रखने के बाद मैं सोचने लगी कि क्या किसी के साथ बाहर जाना और एक बोतल व्हिस्की पीने का दिखावा करने का मतलब खुद से प्यार करना है. इसका जवाब पूरी तरह से 'न' था.
पूजा ने बताया कि क्रिसमस पर मैंने अपना फोन बंद कर दिया और मैं अपने अपार्टमेंट में ही रहीं. उन्होंने मुंबई मिरर को बताया, 'मैंने डिनर किया और 11.40 बजे रात मैं सोने के लिए बेड पर चली गई. आधी रात को मैंने चर्च का रिंग सुना और लगा जैसे मैं फिर सो तरोताजा हो गई हूं.'
इन्होंने दी पूजा को प्रेरणा
पूजा ने बताया कि वह अपने पिता महेश भट्ट और 'कैबरे' के डायरेक्टर कॉस्तुव नारायण नियोगी से प्रेरित हुई हैं. उन्होंने मुंबई मिरर को कहा कि महेश भट्ट की छोटी बेटी शाहीन ने जब शराब की बदबूसे के चलते पिता से अपना मुंह मोड़ लिया था तभी से उन्होंने शराब छोड़ने की कसम खा ली. वहीं कोस्तुव ने अपनी फिल्म 'कैबरे' पर काम करने से पहले शराब छोड़ दी ताकि फिल्म के फ्लॉप होने पर वह अपनी शराब को इसका जिम्मेदार न कह सकें. पूजा ने कहा कि भाग्यवश मैंने इसे तब छोड़ने का तय कर लिया जब तक यह मेरे लिए उतना मुश्किल नहीं हुआ था.
आज पूजा को कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके आसपास कोई ड्रिंक कर रहा हो. उन्होंने मुंबई मिरर को बताया, 'यदि मैं अल्कोहल के आसपास नहीं रह सकती और खुद को नहीं रोक सकती तो इसका मतलब है कि मुझे खुदपर कंट्रोल नहीं. उन्होंने बताया कि यहां तक कि जब उनकी बहन आलिया को उनकी फिल्म 'उड़ता पंजाब' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला तो पूजा ने उन्हें मैसेज किया, 'आमतौर पर ऐसी खबर मेरे लिए एक शैंपेन की बोतल खोलने का एक बहाना होता है. लेकिन अब मैं इसे बिना शराब के सेलेब्रेट करुंगी.'
पूजा भट्ट ने 1990 में फिल्त 'डेडी' से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी जिसे उनके पिता ने ही डायरेक्ट किया था.
पूजा ने मुंबई मिरर को बताया कि 21 दिसंबर को महेश भट्ट ने दिल्ली से उन्हें मेसेज किया और वे दोनों देश की मौजूदा हालत पर बात करने लगे. फोन रखते हुए उन्होंने मुझसे कहा, 'आई लव यू बेटा.' इस पर पूजा ने जवाब दिया, 'आई लव यू टू पापा. दुनिया में इससे ज्यादा प्यारा मेरे लिए कुछ और नहीं है.' उन्होंने जवाब दिया, 'यदि तुम मुझसे प्यार करती हो तो तुम खुद से प्यार करो, क्योंकि मैं तुम्हारे अंदर बसता हूं.' उनके पिता ने कभी उनकी समस्याओं को लेकर जिक्र नहीं किया, लेकिन उनके शब्द बेटी को खुद से प्यार करने को कह रहे थे. फोन रखने के बाद मैं सोचने लगी कि क्या किसी के साथ बाहर जाना और एक बोतल व्हिस्की पीने का दिखावा करने का मतलब खुद से प्यार करना है. इसका जवाब पूरी तरह से 'न' था.
पूजा ने बताया कि क्रिसमस पर मैंने अपना फोन बंद कर दिया और मैं अपने अपार्टमेंट में ही रहीं. उन्होंने मुंबई मिरर को बताया, 'मैंने डिनर किया और 11.40 बजे रात मैं सोने के लिए बेड पर चली गई. आधी रात को मैंने चर्च का रिंग सुना और लगा जैसे मैं फिर सो तरोताजा हो गई हूं.'
इन्होंने दी पूजा को प्रेरणा
पूजा ने बताया कि वह अपने पिता महेश भट्ट और 'कैबरे' के डायरेक्टर कॉस्तुव नारायण नियोगी से प्रेरित हुई हैं. उन्होंने मुंबई मिरर को कहा कि महेश भट्ट की छोटी बेटी शाहीन ने जब शराब की बदबूसे के चलते पिता से अपना मुंह मोड़ लिया था तभी से उन्होंने शराब छोड़ने की कसम खा ली. वहीं कोस्तुव ने अपनी फिल्म 'कैबरे' पर काम करने से पहले शराब छोड़ दी ताकि फिल्म के फ्लॉप होने पर वह अपनी शराब को इसका जिम्मेदार न कह सकें. पूजा ने कहा कि भाग्यवश मैंने इसे तब छोड़ने का तय कर लिया जब तक यह मेरे लिए उतना मुश्किल नहीं हुआ था.
आज पूजा को कोई फर्क नहीं पड़ता कि उनके आसपास कोई ड्रिंक कर रहा हो. उन्होंने मुंबई मिरर को बताया, 'यदि मैं अल्कोहल के आसपास नहीं रह सकती और खुद को नहीं रोक सकती तो इसका मतलब है कि मुझे खुदपर कंट्रोल नहीं. उन्होंने बताया कि यहां तक कि जब उनकी बहन आलिया को उनकी फिल्म 'उड़ता पंजाब' के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड मिला तो पूजा ने उन्हें मैसेज किया, 'आमतौर पर ऐसी खबर मेरे लिए एक शैंपेन की बोतल खोलने का एक बहाना होता है. लेकिन अब मैं इसे बिना शराब के सेलेब्रेट करुंगी.'
पूजा भट्ट ने 1990 में फिल्त 'डेडी' से अपने कॅरियर की शुरुआत की थी जिसे उनके पिता ने ही डायरेक्ट किया था.
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