नई दिल्ली:
फिल्म 'बैंड बाजा बारात' की सफलता से उत्साहित दिखने वाले अभिनेता रणवीर सिंह अब काफी सतर्क हो गए हैं। रणवीर ने कहा, मैं काफी उत्साहित और उत्सुक इंसान हूं। यह शुरुआती समय के लिए काफी बुरा रहा और मेरे उत्साह को काफी नकारात्मक और अलग तरीके से लिया गया। आपको वैसा ही दिखना पड़ता है, जो आपको कहना है। हां, मेरे अनुभव ने मुझे सावधान कर दिया है, लेकिन मैं फिर से उसी स्थिति में जाना चाहता हूं, जो मैं हूं और मुझे लगता है कि लोग मेरी ऊर्जा और उत्साह के आदी हो जाएंगे।
27 वर्षीय अभिनेता का मानना है कि कोई लम्बे समय तक सफल होने का दावा नहीं कर सकता। रणवीर ने कहा, एक स्थान पर आकर आपको वही बनना पड़ता है, जो आप हैं और जो हैं वैसा ही दिखें। अगर आप आगे रहने की कोशिश करेंगे, यह कुछ समय के लिए हो सकता है। यह किसी के लिए भार की तरह हो सकता है अगर वह आप नहीं हैं। रणवीर ने पहली ही फिल्म 'बैंड बाजा बारात' से साल 2010 फिल्मफेयर अवार्ड में नवोदित कलाकार का पुरस्कार जीता था।
उनके लिए शुरुआती क्षण काफी सफल रहा जब उनकी लगातार दूसरी फिल्म 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' सफल साबित हुई, लेकिन रणवीर इस सफलता से निश्चिंत नहीं बैठने वाले और उनका कहना है कि निश्चिंत बैठे रहना अच्छी बात नहीं।
रणवीर ने कहा, मैं निश्चिंत और आराम से नहीं बैठना चाहता। यह मुझे किसी न किसी रूप से आत्मसंतुष्ट कर देगा जो मैं नहीं चाहता।
'लुटेरा', 'रामलीला' और 'गुंडे' जैसी फिल्मों से कुछ नया करने की कोशिश कर रहे रणवीर का मानना है कि किसी भी चीज को आसान मानकर निश्चिंत नहीं बैठा जा सकता। रणवीर बॉलीवुड में होने वाली प्रतिस्पर्धा से खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करते।
27 वर्षीय अभिनेता का मानना है कि कोई लम्बे समय तक सफल होने का दावा नहीं कर सकता। रणवीर ने कहा, एक स्थान पर आकर आपको वही बनना पड़ता है, जो आप हैं और जो हैं वैसा ही दिखें। अगर आप आगे रहने की कोशिश करेंगे, यह कुछ समय के लिए हो सकता है। यह किसी के लिए भार की तरह हो सकता है अगर वह आप नहीं हैं। रणवीर ने पहली ही फिल्म 'बैंड बाजा बारात' से साल 2010 फिल्मफेयर अवार्ड में नवोदित कलाकार का पुरस्कार जीता था।
उनके लिए शुरुआती क्षण काफी सफल रहा जब उनकी लगातार दूसरी फिल्म 'लेडीज वर्सेस रिकी बहल' सफल साबित हुई, लेकिन रणवीर इस सफलता से निश्चिंत नहीं बैठने वाले और उनका कहना है कि निश्चिंत बैठे रहना अच्छी बात नहीं।
रणवीर ने कहा, मैं निश्चिंत और आराम से नहीं बैठना चाहता। यह मुझे किसी न किसी रूप से आत्मसंतुष्ट कर देगा जो मैं नहीं चाहता।
'लुटेरा', 'रामलीला' और 'गुंडे' जैसी फिल्मों से कुछ नया करने की कोशिश कर रहे रणवीर का मानना है कि किसी भी चीज को आसान मानकर निश्चिंत नहीं बैठा जा सकता। रणवीर बॉलीवुड में होने वाली प्रतिस्पर्धा से खुद को असुरक्षित महसूस नहीं करते।
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