विश्व को भारत की देन है 'कुंग-फू शैली' : टाइगर श्रॉफ

विश्व को भारत की देन है 'कुंग-फू शैली' : टाइगर श्रॉफ

मुंबई:

बहुत कम लोगों को इस बात का इल्म है कि मार्शल ऑर्ट की विधा कुंग-फू का जनक भारत है। हाल ही में इस संदर्भ में कई तथ्य सामने आए हैं। 'बागी' फिल्म के ट्रेलर में अपने एक्शन से लोगों को हैरान करने वाले अभिनेता टाइगर श्रॉफ का कहना है कि कुंग-फू कला विश्व को भारत की ही देन है। मार्शल आर्ट की इस विधा को भारतीय बौद्ध संत बोधिधर्मा ने आविष्कृत किया।

लोगों के बीच में यह भ्रांति है कि कुंग-फू का जनक चीन है, क्योंकि वहां के नागरिक इसे अधिक सीखते हैं और उन्होंने इसे आत्मरक्षा के लिए अपनाया है। हालांकि, इससे यह साबित नहीं होता कि यह विधा चीन की देन है।

संत बोधिधर्मा को कुंग-फू का पिता कहा जाता है। चीन के शाओलिन में उनके नाम पर कई मंदिर बने हैं। इसलिए कयास लगाए जाते रहे हैं कि छठी सदी के दौरान संत बोधिधर्मा चीन गए थे।

इस सदी के दौरान चीन का कोई अस्तित्व नहीं था, संत तो हिंदकुश क्षेत्र के हिमालय पर्वत के उस पार के लोगों को बौद्ध धर्म का ज्ञान देने गए थे, लेकिन वह वहीं बस गए और साथ में अपने नायाब आविष्कार का ज्ञान वहां के लोगों में बांटा। यहीं कारण है कि उस क्षेत्र में इस विधा का पूरा विकास हुआ।

इस पर टाइगर श्रॉफ ने कहा, 'यह विधा भारत की देन है।' कुंग-फू, मार्शल आर्ट की सबसे पुरानी विधा है, जिसमें बिना किसी हथियार के युद्ध किया जाता है। यह बात निश्चित है कि बोधिधर्मा जहां भी गए अपने साथ मार्शल ऑर्ट का यह नायाब रूप साथ लेकर गए।

शाओलिन में बने नए मंदिर में बोधिधर्मा रह गए और अन्य बौद्ध संतों के हाथों इस कला को सौंप दिया, जिसे हम आज कुंग-फू के नाम से जानते हैं। बोधिधर्मा इस कला के आविष्कारक और महान लड़ाका थे। समय के साथ उनकी इस विधा का विकास पूरे विश्व में हुआ।

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(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)