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This Article is From Jul 06, 2017

मलयालम फिल्मोद्योग में कास्टिंग काउच पर केरल के सांसद-अभिनेता इनोसेंट ने दिया विवादास्पद बयान

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में 'कास्टिंग काउच' के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में 72-वर्षीय अभिनेता इनोसेंट ने कहा, "आज हालात ऐसे हैं कि अगर किसी महिला के प्रति किसी तरह का दुर्व्यवहार होता है, तो मीडिया को तुरंत पता चल जाता है..."

मलयालम फिल्मोद्योग में कास्टिंग काउच पर केरल के सांसद-अभिनेता इनोसेंट ने दिया विवादास्पद बयान
मलयालम अभिनेता तथा सांसद इनोसेंट ने कहा, "यदि कोई महिला बुरी होगी, तो वह शायद बिस्तर तक जा सकती है..."
  • सांसद-अभिनेता ने कहा, मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में 'कास्टिंग काउच' नहीं
  • AMMA अध्यक्ष ने कहा, महिला बुरी है, तो शायद बिस्तर तक जा सकती है
  • डब्ल्यूसीसी की तीखी प्रतिक्रिया, फिल्म इंडस्ट्री यौन शोषण से मुक्त नहीं
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तिरुअनंतपुरम: केरल के प्रसिद्ध अभिनेता तथा सांसद इनोसेंट ने बुधवार को उस समय बवाल खड़ा कर दिया, जब उन्होंने दावा किया कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में 'कास्टिंग काउच' मौजूद नहीं है, और इस तरह की घटनाओं के लिए 'बुरी महिलाएं' ज़िम्मेदार हैं.

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में 'कास्टिंग काउच' के बारे में पत्रकारों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में 72-वर्षीय अभिनेता ने कहा, "मलयालम फिल्म इंडस्ट्री अब बिल्कुल साफ-सुथरी है, और 'कास्टिंग काउच' जैसी कोई चीज़ इंडस्ट्री में मौजूद नहीं है... अब यह गुज़रे ज़माने जैसा नहीं है... आज हालात ऐसे हैं कि अगर किसी महिला के प्रति किसी तरह का दुर्व्यवहार होता है, तो मीडिया को तुरंत पता चल जाता है..."

वर्ष 2014 में वामदलों के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर लोकसभा के लिए चुने गए इनोसेंट ने यह भी कहा, "यदि कोई महिला बुरी है, तो वह शायद बिस्तर तक जा सकती है..."

केरल फिल्मोद्योग के सुपरस्टारों समेत सभी कलाकारों के संगठन एसोसिएशन ऑफ मलयालम मूवी आर्टिस्ट्स (एएमएमए) के अध्यक्ष इनोसेंट की टिप्पणी पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए वीमेन इन सिनेमा कलेक्टिव (डब्ल्यूसीसी), मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिला कलाकारों का प्रतिनिधित्व करने वाली संस्था, ने सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट फेसबुक पर लिखा, "नए कलाकारों को फिल्म इंडस्ट्री में प्रवेश पाने के समय कई तरह के यौन शोषण का सामना करना पड़ता है... यहां तक कि पार्वती और लक्ष्मी राय जैसी हमारी साथी कास्टिंग काउच के बारे में खुलकर बात कर चुकी हैं... हम इस बयान को कतई स्वीकार नहीं कर सकते कि फिल्म इंडस्ट्री किसी भी तरह के यौन शोषण से कतई मुक्त है, और सार्वजनिक रूप से बयान देते समय सावधानी बरती जानी चाहिए..."

मलयालम फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े विभिन्न विभागों में काम करने वाली महिलाओं द्वारा पिछले ही महीने डब्ल्यूसीसी की स्थापना की गई थी, और इसका नेतृत्व अभिनेत्री मंजू वॉरियर हैं.

डब्ल्यूसीसी की इस आपत्ति के बाद अपने बयान को स्पष्ट करते हुए इनोसेंट ने भी फेसबुक स्टेटस लिखा, "मीडिया के सामने की गई मेरी कुछ टिप्पणियों को गलत अर्थ में लिया गया, और उस तरह प्रकाशित किया गया, जैसा मेरी मंशा नहीं थी... मैं जो कहना चाहता था, वह यह है कि फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के लिए काम करने का माहौल पहले की तुलना में बेहतर हो गया है... एएमएमए फिल्म इंडस्ट्री में मौजूद सभी तरह की महिला-विरोधी गतिविधियों के खिलाफ काम करती रहेगी..."

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