कंगना रनोट
नई दिल्ली:
कंगना रनोट को बॉलीवुड में कदम रखे हुए 11 साल हो चुके हैं, और उन्होंने भाई-भतीजावाद भरी इस इंडस्ट्री में अपने दम पर एक मुकाम हासिल कर लिया है. वे उन कुछेक हीरोइनों में से हैं जिन्होंने बॉलीवुड में शीरोज का कॉन्सेप्ट स्थापित किया है. 28 अप्रैल, 2006 को उनकी पहली फिल्म गैंगस्टर रिलीज हुई थी और इस फिल्म ने उनको इंडस्ट्री में ट्रैजिक हीरोइन के तौर पर स्थापित किया. आज वे बॉलीवुड की सबसे ज्यादा फीस लेने वाली हीरोइन हैं. वे देसी किरदार करने में यकीन करती हैं और फिल्मों में लड़कियों के ऑब्जेक्टिफिकेशन पर उन्हें सख्त चिढ़ है. कंगना ने इंडस्ट्री में अपने 10 साल पूरे होने पर कहा था, “जमीन से आकाश तक पहुंचने के सफर पर मुझे गर्व है.”
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यूं मिली पहली फिल्म
कंगना रनोट हिमाचल प्रदेश के मंडी के भांबला की रहने वाली हैं. उनके बिंदास अंदाज की वजह से पिता उन्हें लेडी डायना बुलाते थे. माता-पिता चाहते थे कि वे पढ़ाई में करियर बनाएं लेकिन एक दिन उन्होंने ठाना और घर पर बिना बताए दिल्ली की ओर निकल पड़ीं. यहां एक मॉडलिंग एजेंसी के साथ जुड़ीं और फिर अरविंद गौड़ के साथ उन्होंने रंगमंच में भी हाथ आजमाया. फिल्म में काम मिलना आसान नहीं था. 17 साल की उम्र थी जब अनुराग बसु की उनसे मुलाकात हुई थी, और फिर लगभग 20 ऑडिशंस के बाद ही उन्हें गैंगस्टर (2006) के लिए फाइनल किया गया. इसके बाद उन्होंने वो लम्हे, लाइफ इन अ...मेट्रो, फैशन, राज, तनु वेड्स मनु और क्वीन जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया.
Video: फिल्म 'मणिकर्णिका' के लिए कड़ी मेहनत कर रही हैं कंगना रनोट
परफेक्शन में है यकीन
जब कंगना किसी भी रोल की तैयारी करती हैं तो वे पूरी दुनिया से कट-सी जाती हैं. वे हर रोल को पूरे परफेक्शन के साथ करने में यकीन करती हैं. इसी परफेक्शन की वजह से उन्हें किसी भी फिल्म के कैरेक्टर में घुसने में बहुत समय लगता है. जब वे दत्तो का कैरेक्टर निभाती हैं तो वे असल जिंदगी में भी वैसे ही हाव-भाव अपनाती हैं ताकि उसे परफेक्ट कर सकें. यही वजह है कि वे सोशल मीडिया पर भी नहीं रहतीं क्योंकि वे चाहती हैं कि उनके फैन्स से सिर्फ वे बात करें न कि उनकी टीम के लोग.
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विवादों का साथ
अक्सर कंगना कई वजहों से सुर्खियों में रहती हैं. इसमें एक प्रमुख वजह विवाद भी रहते हैं. जब वे इंडस्ट्री में नई थीं तो कोई उनके अंग्रेजी बोलने के लहजे पर कटाक्ष करता था, कोई उसका मजाक उड़ाता था. लेकिन कंगना ने कभी परवाह नहीं की. उन्होंने डट के अपना पक्ष रखा. फिर जब ऋतिक रोशन के साथ उनके अफेयर और तस्वीरों को लेकर मामला चला तो भी पूरी इंडस्ट्री एक तरफ थी और यह क्वीन एक तरफ. उन्होंने हार नहीं मानी और डटकर मुकाबला किया. उनके इसी अंदाज की वजह से ही तो उनके रिवॉल्वर रानी फिल्म के डायरेक्टर साईं कबीर ने उन्हें एक इंटरव्यू में “चीता” कहा था. अगर बात सही हो तो वे करन जौहर जैसे बड़े प्रोड्यूसर से भी नहीं डरती हैं. उन्होंने उनके ही शो में बॉलीवुड में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को लेकर बड़ी ही बेबाकी से जवाब दिया था.
तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार
कंगना ने फैशन (2008) के लिए बेस्ट सुपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड जीता था जबकि क्वीन (2014) और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) के लिए उन्हें बेस एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था. इसके अलावा वे चार बार फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीत चुकी हैं.
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यूं मिली पहली फिल्म
कंगना रनोट हिमाचल प्रदेश के मंडी के भांबला की रहने वाली हैं. उनके बिंदास अंदाज की वजह से पिता उन्हें लेडी डायना बुलाते थे. माता-पिता चाहते थे कि वे पढ़ाई में करियर बनाएं लेकिन एक दिन उन्होंने ठाना और घर पर बिना बताए दिल्ली की ओर निकल पड़ीं. यहां एक मॉडलिंग एजेंसी के साथ जुड़ीं और फिर अरविंद गौड़ के साथ उन्होंने रंगमंच में भी हाथ आजमाया. फिल्म में काम मिलना आसान नहीं था. 17 साल की उम्र थी जब अनुराग बसु की उनसे मुलाकात हुई थी, और फिर लगभग 20 ऑडिशंस के बाद ही उन्हें गैंगस्टर (2006) के लिए फाइनल किया गया. इसके बाद उन्होंने वो लम्हे, लाइफ इन अ...मेट्रो, फैशन, राज, तनु वेड्स मनु और क्वीन जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम किया.
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परफेक्शन में है यकीन
जब कंगना किसी भी रोल की तैयारी करती हैं तो वे पूरी दुनिया से कट-सी जाती हैं. वे हर रोल को पूरे परफेक्शन के साथ करने में यकीन करती हैं. इसी परफेक्शन की वजह से उन्हें किसी भी फिल्म के कैरेक्टर में घुसने में बहुत समय लगता है. जब वे दत्तो का कैरेक्टर निभाती हैं तो वे असल जिंदगी में भी वैसे ही हाव-भाव अपनाती हैं ताकि उसे परफेक्ट कर सकें. यही वजह है कि वे सोशल मीडिया पर भी नहीं रहतीं क्योंकि वे चाहती हैं कि उनके फैन्स से सिर्फ वे बात करें न कि उनकी टीम के लोग.
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विवादों का साथ
अक्सर कंगना कई वजहों से सुर्खियों में रहती हैं. इसमें एक प्रमुख वजह विवाद भी रहते हैं. जब वे इंडस्ट्री में नई थीं तो कोई उनके अंग्रेजी बोलने के लहजे पर कटाक्ष करता था, कोई उसका मजाक उड़ाता था. लेकिन कंगना ने कभी परवाह नहीं की. उन्होंने डट के अपना पक्ष रखा. फिर जब ऋतिक रोशन के साथ उनके अफेयर और तस्वीरों को लेकर मामला चला तो भी पूरी इंडस्ट्री एक तरफ थी और यह क्वीन एक तरफ. उन्होंने हार नहीं मानी और डटकर मुकाबला किया. उनके इसी अंदाज की वजह से ही तो उनके रिवॉल्वर रानी फिल्म के डायरेक्टर साईं कबीर ने उन्हें एक इंटरव्यू में “चीता” कहा था. अगर बात सही हो तो वे करन जौहर जैसे बड़े प्रोड्यूसर से भी नहीं डरती हैं. उन्होंने उनके ही शो में बॉलीवुड में नेपोटिज्म (भाई-भतीजावाद) को लेकर बड़ी ही बेबाकी से जवाब दिया था.
तीन बार राष्ट्रीय पुरस्कार
कंगना ने फैशन (2008) के लिए बेस्ट सुपोर्टिंग एक्ट्रेस का अवार्ड जीता था जबकि क्वीन (2014) और तनु वेड्स मनु रिटर्न्स (2015) के लिए उन्हें बेस एक्ट्रेस का अवार्ड मिला था. इसके अलावा वे चार बार फिल्मफेयर पुरस्कार भी जीत चुकी हैं.
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