रिचा चढ्ढा की फिल्म 'खून आली चिट्ठी' की स्क्रीनिंग में पहुंचे इम्तियाज अली.
नई दिल्ली:
इम्तियाज अली इन दिनों अपनी फिल्म की शूटिंग में देश के कई हिस्सों में घूम रहे हैं. इम्तियाज की इस फिल्म में शाहरुख खान और अनुष्का शर्मा एक बार फिर साथ नजर आने वाले हैं. लेकिन इतनी शूटिंग के बाद भी अब भी इम्तियाज अपनी फिल्म के नाम को लेकर थोड़े कंफ्यूज नजर आ रहे हैं. इस फिल्म को लेकर इम्तियाज अली का कहना है कि फिल्म का नाम अभी अंतिम रूप से तय नहीं हुआ है. जल्द ही इस बारे में फैसला ले लिया जाएगा. न्यूज एजेंसी आईएएनएस की रिपोर्ट के अनुसार इम्तियाज ने ऋचा चड्ढा निर्मित फिल्म 'खून आली चिट्ठी' की स्क्रीनिंग के दौरान कहा, 'फिल्म का नाम तय करना बाकी है, हमारे पास कुछ समय है. 11 अगस्त को फिल्म रिलीज होने जा रही है, इसलिए हम जल्द ही नाम की घोषणा करेंगे.' बता दें इम्तियाज अली की इस फिल्म के लिए शाहरुख और अनुष्का पंजाब के कई इलाकों में शूटिंग करते नजर आ रहे हैं.
इम्तियाज ने अक्षय की फिल्म से अपनी फिल्म के टकराने को भी काफी सहज अंदाज में लिया है. बता दें कि इम्तियाज अली की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार की 'ट्वायलेट : एक प्रेम कथा' से टकराने वाली है. इम्तियाज ने आईएएनएस से इस बारे में कहा कि साल में महज 52 हफ्ते होते हैं और 52 से ज्यादा फिल्में बनती हैं, इसलिए बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों का टकराना कोई बड़ी बात नहीं है.
फिल्म 'तमाशा' के निर्देशक ने लघु फिल्मों पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने बताया कि उन्हें लघु फिल्मों में दिलचस्पी है. उन्होंने इस प्रकार की दो फिल्में बनाई है और वह अधिक फिल्में बनाना चाहते हैं. इसमें अलग कहानी को दिखाना वह दिलचस्प मानते हैं. फिल्मकार ने कहा कि लघु फिल्म और फीचर फिल्म, दोनों का अलग प्रभाव है. लघु फिल्में अचार की तरह होती हैं, एक समय यह बेहद प्रभावी होती हैं, लेकिन आप इन्हें लंबे समय तक नहीं खा सकते. इसके लिए सब्जियों की जरूरत पड़ती है, जो कि लंबी अवधि वाली फिल्में हैं. फिल्मकार का मानना है कि दोनों प्रकार की फिल्में जरूरी हैं.
इम्तियाज ने अक्षय की फिल्म से अपनी फिल्म के टकराने को भी काफी सहज अंदाज में लिया है. बता दें कि इम्तियाज अली की फिल्म बॉक्स ऑफिस पर अक्षय कुमार की 'ट्वायलेट : एक प्रेम कथा' से टकराने वाली है. इम्तियाज ने आईएएनएस से इस बारे में कहा कि साल में महज 52 हफ्ते होते हैं और 52 से ज्यादा फिल्में बनती हैं, इसलिए बॉक्स ऑफिस पर फिल्मों का टकराना कोई बड़ी बात नहीं है.
फिल्म 'तमाशा' के निर्देशक ने लघु फिल्मों पर भी अपनी राय रखी. उन्होंने बताया कि उन्हें लघु फिल्मों में दिलचस्पी है. उन्होंने इस प्रकार की दो फिल्में बनाई है और वह अधिक फिल्में बनाना चाहते हैं. इसमें अलग कहानी को दिखाना वह दिलचस्प मानते हैं. फिल्मकार ने कहा कि लघु फिल्म और फीचर फिल्म, दोनों का अलग प्रभाव है. लघु फिल्में अचार की तरह होती हैं, एक समय यह बेहद प्रभावी होती हैं, लेकिन आप इन्हें लंबे समय तक नहीं खा सकते. इसके लिए सब्जियों की जरूरत पड़ती है, जो कि लंबी अवधि वाली फिल्में हैं. फिल्मकार का मानना है कि दोनों प्रकार की फिल्में जरूरी हैं.
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