बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर को शिक्षा देने में ज़्यादा मजा आता है और ज़्यादा गर्व होता है। मुंबई में डॉ केएम वासुदेवन पिल्लई की किताब 'एडुनेशन' के विमोचन पर अनुपम खेर ने कहा, मुझे अभिनय के लिए बहुत सारे पुरस्कार मिले, बहुत सारी वाह-वाही और तालियां भी मिलीं, मगर मुझे उन सबसे ज़्यादा गर्व तब महसूस होता है, जब मैं स्टूडेंट्स को अभिनय सिखाता और पढ़ाता हूं।
अपने बचपन और स्कूल के दिनों को याद करते हुए अनुपम खेर ने कहा, मैं स्कूल में कमजोर छात्र था। बहुत कमजोर नंबर आते थे, मगर मैंने अभिनय की पढ़ाई में स्वर्ण पदक जीता और अभिनय में तालीम हासिल करके अपना नाम और मुकाम हासिल किया।
दरअसल पिल्लई की किताब 'एडुनेशन' देश में शिक्षा प्रणाली में खामियों को दर्शाती है। इस किताब में शिक्षा की अहमियत और इस प्रणाली को सुधारने के तरीके लिखे गए हैं। इसी लिए अनुपम खेर यहां किताब का विमोचन करने खास मेहमान बनकर आए और कहा कि देश में शिक्षा प्रणाली को सुधारने की बहुत सख्त जरूरत है।
डॉ पिल्लई ने कहा, मैं खुद सालों से शिक्षा देने से जुड़ा हूं, इसलिए बहुत नजदीक से देखा है और महसूस किया है... शिक्षा प्रणाली की कमजोरियों को और उसे सुधारने के कई तरीके भी नजर आते हैं।
पिछले कुछ सालों में एजुकेशन सिस्टम पर ऊंगली उठाती कई फिल्में भी बन चुकी हैं, जिसमें आमिर खान की फिल्म 'तारे ज़मीन पर' का सबसे पहले ज़िक्र आता है। इस फिल्म में भी शिक्षा प्रणाली में बदलाव की बात की गई थी।
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